भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी कई बार कह चुके हैं कि टीम में अच्छे तेज गेंदबाजी आलराउंडर की कमी है जो टीम को संतुलित कर सकता है और पठान का मानना है कि वह 10 ओवर फेंकने और कुछ अच्छे शाट लगाने में सक्षम हैं।
पठान ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मैं एक गेंदबाज हूं जो बल्लेबाजी कर सकता है। अगर आप मुझे नेट्स पर देखोगे तो मैं हमेशा सुनिश्चित करता हूं कि दोनों विभागों को बराबर की अहमियत दूं। जब मैं गेंदबाजी कर रहा होता हूं तो मैं सुनिश्चित करता हूं कि मैं शुरूआत लेंथ गेंदबाजी से करूं, विविधता का इस्तेमाल करूं और इसका अंत मैं डेथ ओवर में गेंदबाजी और विविधता के साथ करने की कोशिश करता हूं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘बल्लेबाजी में भी मैं ऐसा ही करता हूं। मैं सुनिश्चित करता हूं कि मैं नियमित गेंदबाजों के साथ बल्लेबाजी करूं। मैं अतिरिक्त गेंदबाजी और बल्लेबाजी करने की कोशिश करता हूं। मैच में जब मैं गेंदबाजी कर रहा होता हूं तो मैं गेंदबाज होता हूं जबकि बल्लेबाजी के समय मैं बल्लेबाज के रूप में सोचने का प्रयास करता हूं.’’
पठान ने कहा कि जब वह कुछ विकेट चटकाते हैं तो उनकी बल्लेबाजी में भी सुधार होता है जबकि जब वह अच्छी बल्लेबाजी करते हैं तो उनकी गेंदबाजी भी अच्छी होती है।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए सबसे अच्छा विकेट चटकाना होगा। जब मैं विकेट हासिल करता रहता हूं तो इससे मेरी बल्लेबाजी में भी मदद मिलती है और अच्छी बल्लेबाजी करने पर गेंदबाजी में मदद मिलती है। जब मैं खुद को देखता हूं तो 60 प्रतिशत गेंदबाज और 40 प्रतिशत बल्लेबाज मानता हूं.’’
इस 27 बरस के बल्लेबाज ने कहा कि वह टीम की जरूरत के मुताबिक किसी भी क्रम पर बल्लेबाजी और गेंदबाजी करने को तैयार हैं. उन्होंने कहा, ‘‘टीम की जरूरत के मुताबिक मैं किसी भी क्रम पर बल्लेबाजी के लिए तैयार हूं। यह मेरे लिए कोई मुद्दा नहीं है।
गेंदबाजी में भी मैं टीम की जरूरत के मुताबिक कभी भी गेंदबाजी के लिए तैयार हूं, नई गेंद से भी और पुरानी गेंद से भी। जब तक मुझे खेलने का मौका मिल रहा है मैं खुश हूं.’’
पिछले मैच में पठान ने सातवें नंबर पर बल्लेबाजी की जबकि इससे पहले वह नौवें नंबर पर बल्लेबाजी कर रहे थे. मौजूदा श्रृंखला में पठान ने अब तक दो मैचों में छह विकेट हासिल किए हैं और श्रीलंका के खिलाफ 47 रन की पारी भी खेल चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह अतीत के बारे में नहीं सोचना चाहते और उनका ध्यान मौजूदा श्रृंखला में मिले मौके का अधिक से अधिक फायदा उठाने पर है।
उन्होंने कहा, ‘‘आपको वास्तविकता समझनी होगी। अतीत में आपने जो किया वह अतीत की बात है। आपको मौजूदा हालात पर ध्यान देना होगा। अश्विन ने काफी अच्छी बल्लेबाजी की उसके नाम पर टेस्ट शतक दर्ज है और उसने आस्ट्रेलिया में भी अच्छी बल्लेबाजी की। आप उपर जाना चाहते हैं लेकिन आपको हकीकत को भी समझना होगा.’’
यह पठान का तीसरा आस्ट्रेलिया दौरा है और वह इसका अधिक से अधिक फायदा उठाना चाहते हैं. पठान ने मजाकिया लहजे में कहा, ‘‘तीनों दौर में अंतर मेरा हेयरस्टाइल है। जहां तक खेल का सवाल है जो मुझे आस्ट्रेलिया का दौरा करने में मजा आता है। यह मेरे लिए विशेष स्थान है क्योंकि मैंने यहां अपने करियर स्टार्ट किया था और यहां मेरे साथ काफी अच्छी चीजें हुईं.’’
पठान ने 2003 । 04 में यहां टेस्ट पदार्पण किया था जबकि 2007 । 08 में पर्थ टेस्ट में उन्होंने टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई जबकि इस बार उन्होंने सफल वापसी की।
मौजूदा श्रृंखला के दो मैचों में पठान ने नई गेंद से शुरूआत की, पहले बदलाव के तौर पर गेंदबाज की और फिर डेथ ओवरों में भी गेंदबाजी की और वह सभी तरह की परीक्षा में खरे उतरे।
इस आलराउंडर ने स्वीकार किया कि उनका बदला हुआ एक्शन उनकी काफी मदद कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने एक्शन पर काम किया। मैंने इसे बदल दिया क्योंकि इसे लेकर कुछ परेशानी थी। मैंने टीए शेखर के साथ काम किया और मैं अधिक निरंतरता के साथ नियत स्थान पर गेंदबाजी करने लगा।
एरिक सिमन्स के साथ काम करने से भी मुझे मदद मिली। बेसिक्स सही रखने से मुझे यार्कर और अन्य विविधता के साथ गेंदबाजी करने में मदद मिल रही है। मैं बेहतर होने की कोशिश कर रहा हूं.’’
अपने 2003 के एक्शन की तुलना फिलहाल के एक्शन से करते हुए पठान ने कहा, ‘‘जब मैं 2003 में आया था तो मेरा एक्शन नैसर्गिक था और मैं अपनी कलाई को मोड़ता था। जब आप 19 बरस के हो और 27 बरस हो तो इसमें फर्क होता है। मोडऩे के कारण मेरा एक्शन गलत हो गया.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने और अधिक राउंड आर्म और साइड आन गेंदबाजी शुरू कर दी। इससे मुझे नुकसान पहुंचा क्योंकि मैं सही जगह पर गेंदबाजी नहीं कर पाया, मेरी गति 130 से 132 किमी प्रति घंटा थी। मैं इससे काफी धीमी गेंद फेंक रहा था और स्विंग हाथ की मदद से मिल रही थी.’’
पठान ने कहा, ‘‘जब मैं शेखर सर के पास गया तो मैंने अपने एक्शन पर काम किया। बदलाव के बाद अपने एक्शन का आदी होने के लिए चार से पांच महीने लगे। यह लंबी और धीमी प्रक्रिया है.’’ इस आलराउंडर ने साथ ही कहा कि रणजी ट्राफी में कड़ी मेहनत करने का उन्हें फल मिल रहा है।
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