50 परसेंट की जा सकती है नौकरी
यूपीएसआरटीसी मैनेजमेंट के आदेश पर गोरखपुर रीजन में फरवरी माह में तकरीबन 60-70 संविदा कंडक्टरों की भर्ती की गई थी। इनमें आईटीआई, डीसीए, भूतपूर्व सैनिक, रिटायर्ड कर्मचारी का लड़का या फिर पीआरडी जवान थे। लेकिन इस भर्ती में कई ऐसे कैंडिडेंट्स हैं जिन्होंने रोडवेज के अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी मार्कशीट लगाकर नौकरी के लिए आवेदन किए और नौकरी कर रहे हैं। सोर्सेज की माने तो करीब 50 परसेंट संविदा कंडक्टर ऐसे हैं जो फर्जी मार्कशीट लगाए हुए हैं। संदिग्ध संविदा कंडक्टरों की पहचान करने के बाद इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बिना वेरिफिकेशन कर ली ज्वाइनिंग  
सोर्सेज की माने तो गोरखपुर रीजन के एआरएम और आरएम द्वारा कैंडिडेंट्स के डॉक्यूमेंट्स को बिना वेरिफिकेशन के ही ज्वाइन करा दिया गया। जबकि नियमानुसार ज्वाइनिंग से पहले उनके डॉक्यूमेंट्स की वेरिफिकेशन होनी चाहिए थी। सोर्सेज की माने तो ज्यादातर कैंडिडेंट्स विभागीय कर्मचारियों द्वारा भर्ती कराए गए। इसके एवज में प्रत्येक कैंडिडेंट्स से 40-50 हजार रुपए भी लिए गए।

नप सकते हैं रोडवेज अधिकारी
बताया जा रहा है कि संविदा कंडक्टरों की भर्ती प्रक्रिया में शामिल संदिग्ध कंडक्टरों से इंक्वायरी के साथ-साथ रोडवेज के आरएम और एआरएम से उच्च स्तरीय जांच कमेटी पूछताछ कर सकती है। पूछताछ में मामला सही पाए जाने पर संविदा परिचालक के खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।

नई भर्ती पर लगाई गई रोक
आरएम अतुल जैन ने बताया कि मुख्यालय के आदेश पर नई भर्ती पर रोक लगा दी गई है। जांच प्रक्रिया शुरू हो चुकी है जिन कैंडिटेंट्स के डाक्यूमेंट्स वेरिफाई नहीं हुए थे उनके डाक्यूमेंट्स के वेरिफिकेशन किए जा रहे हैं।

संविदा परिचालकों की भर्ती में हुए खेल की जांच कराई जा रही है। इसके लिए जांच कमेटी बना दी गई है। जो भी कैंडिडेंट्स फर्जी मार्क्सशीट लगाकर नौकरी कर रहे होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही साथ इस खेल में शामिल रहे एआरएम और आरएम पर भी गाज गिर सकती है।
दुर्गा प्रसाद यादव, यूपी ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर

 

report by : amarendra.pandey@inext.co.in