-डीएम ने बीडीए उपाध्यक्ष से ग्रीन पार्क, सनसिटी विस्तार और नार्थ सिटी कॉलोनी के अवैध होने की आशंका के चलते मांगा ले आउट

<-डीएम ने बीडीए उपाध्यक्ष से ग्रीन पार्क, सनसिटी विस्तार और नार्थ सिटी कॉलोनी के अवैध होने की आशंका के चलते मांगा ले आउट

BAREILLY: BAREILLY: शासन के निर्देशों के तहत प्रशासन ने खाना-पूर्ति करते हुए डिस्ट्रिक्ट के 10 भू-माफिया की लिस्ट भेज दी लेकिन शहर में कई अवैध कब्जे होने के बावजूद एक भी भू-माफिया का नाम इसमें शामिल नहीं था। इसको लेकर प्रशासन की जमकर किरकिरी हुई। अब डीएम आर विक्रम सिंह ने सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक सिंचाई विभाग की जमीन पर बनी ग्रीन पार्क, सनसिटी विस्तार और नार्थ सिटी कॉलोनी के अवैध होने की आशंका के चलते बीडीए उपाध्यक्ष से ले आउट सहित पूरी डिटेल मांगी है। डीएम ने बीडीए उपाध्यक्ष डा। सुरेंद्र कुमार को 20 दिसंबर को पूरे रिकार्ड के साथ ऑफिस में पेश होने के निर्देश दिए हैं। रिकार्ड देखने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। डीएम के रिकार्ड मांगने के बाद बीडीए के साथ कॉलोनाइजर व प्रॉपर्टी के कारोबार से जुड़े लोगों में हड़कंप मच गया है। इन सभी कॉलोनियों पर संकट के बादल छा गए हैं। यदि ले आउट में गड़बड़ी मिली तो इन सभी कॉलोनियों और वहां बने मकानों में रहने वाले लोगों को मुसीबत हो सकती है।

दो कॉलोनाइजर्स ने बनाई तीन कॉलोनी

डीएम ने जो पत्र बीडीए उपाध्यक्ष को लिखा है, उसमें लिखा है कि तथ्य संज्ञान में आए हैं कि सिंचाई विभाग की बरेली रजवाहा पर कॉलोनाइजर ने अतिक्रमण किया है। इसमें अरविंद सिंह बग्गा ने सनसिटी विस्तार कॉलोनी, चरन पाल सिंह सोबती ने नार्थ सिटी कॉलोनी और ग्रीन पार्क कॉलोनी बनाई है। इन तीनों कॉलोनियों का पूरा रिकार्ड मांगा है। रिकार्ड के तहत पूछा गया है कि इन कॉलोनियों का ले आउट पास करते समय सिंचाई विभाग की जमीन का ध्यान रखा गया है या नहीं। बीडीए उपाध्यक्ष ने भी रिकार्ड तैयार करना शुरू कर दिया है। उनका मानना है कि बीडीए ने सिंचाई विभाग की जमीन पर ले आउट पास ही नहीं किया होगा। फिर भी रिकार्ड देखने के बाद ही हकीकत सामने आएगी।

इनका भी मांगा गया है रिकार्ड

तीन मेन कॉलोनियों के अलावा स्पर्श ग्रीन लॉन, स्वर्ण फार्म, कुर्माचल नगर, इज्जतनगर माईनर और प्राइवेट लोगों द्वारा जो मकान बनाए गए हैं, उनके भी मकान नहर विभाग की भूमि पर अवैध कब्जा करके बनाए गए हैं। डीएम ने इन सभी का भी ले आउट का रिकार्ड बीडीए से मांगा है। इन सभी कॉलोनी और मकानों में हजारों लोग रहते हैं। इन सभी ने घर के लिए लाखों रुपए खर्च किए हैं। हालांकि पहले भी इन कॉलोनियों को लेकर मामला हाईकोर्ट तक जा चुका है। जिसमें हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत पूर्व डीएम अभिषेक प्रकाश ने कॉलोनियों में रहने वाले लोगों का हवाला देते हुए कॉलोनाइजर के पक्ष में फैसला दिया था।

तो कैसे पास हो गया ले आउट

-किसी भी कॉलोनी का ले आउट तभी जारी होता है, जब उसमें खसरा खतौनी लगी हुई होती है

-खसरा-खतौनी की जांच के लिए एसडीएम और तहसीलदार से रिपोर्ट मांगी जाती है

-सीलिंग की जमीन पर भी कोई कॉलोनी तो नहीं बन रही है, इसके लिए एडीएम सीलिंग से रिपोर्ट मांगी जाती है

-नगर निगम की जमीन पर कोई बिल्डिंग या कॉलोनी बनती है तो नगर निगम से भी रिपोर्ट मांगी जाती है

-सिंचाई विभाग की जमीन पर बीडीए नक्शा पास नहीं करता है, यदि किया है तो कहीं न कहीं गड़बड़ी हुई

-यदि ले आउट पास हो गया तो सिंचाई विभाग को अपनी जमीन पर कब्जा लेना चाहिए था

सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार तीन कॉलोनियों समेत कई अन्य का ले आउट बीडीए से मांगा गया है। ले आउट देखने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

आर विक्रम सिंह, डीएम

डीएम ने कालोनियों का ले आउट मांगा है। बीडीए सिंचाई विभाग की जमीन पर ले आउट पास नहीं कर सकता है। डीएम के सामने पूरा रिकार्ड रखा जाएगा।

सुरेंद्र सिंह, बीडीए उपाध्यक्ष