मैरिज चाहे अरेंज हो या लव वुड बी ब्राइड को शादी के पहले नर्वसनेस होती है. इसका रीजन ये है कि शादी के बाद उसका रोल ट्रांजीशन होता है. एक साथ न जाने कितने नए रिश्ते बनते हैं और हर रिश्ते की अलग डिमांड होती है. वुड बी ब्राइड्स के मन में चलने वाले सवालों के जवाब दिए साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर अलीम सिद्दिकी ने.

Scared about mom in law’s attitude
एक साल के कोर्टशिप पीरियड के बाद मेरी शादी होने वाली है. मुझे इनीशिएटिव लेना अच्छा लगता है. मैंने नोटिस किया है कि मेरी मॉम इन लॉ को ये ज्यादा पसंद नहीं है. कई बार ऐसा हुआ है कि मेरी पॉजिटिव कही गई बात को उन्होंने गलत इंटरप्रिट किया. मैं उनसे बहुत कांशस रहकर बात करती हूं. शादी के बाद ये सब कैसे मैनेज करूंगी?
  Sujata Gupta

Psychologist says
कोई नया घर के सिस्टम में एडॉन होता है तो एडजस्टमेंट में प्रॉब्लम्स आती हैं. इनीशिएटिव लेना बुरा नहीं है. लेकिन ये जजमेंटल के बजाय डिस्कशन के फॉर्म में होना चाहिए. आपके इनीशिएटिव लेने का रिजल्ट पॉजिटिव आया तो घर के बाकी मेम्बर्स भी आपको सपोर्ट करेंगे. जहां तक कम्यूनिकेशन मिसइंटरप्रिट होने की बात है तो उस केस में आप चीजों को अल्टरनेट फार्म में प्रेजेंट करें.  इससे आप उन्हें डिसीजन मेकर नहीं लगेंगी.

 

How could i change myself?
एक महीने बाद मेरी शादी होने वाली है. शादी को लेकर मैं एक्साइटेड हूं लेकिन कभी-कभी डर लगता है. मैं घर के काम में परफेक्ट नहीं हूं. ससुराल में सब लोग मुझसे परफेक्शन एक्सपेक्ट करेंगे. अपने डेली रुटीन को लेकर मैं काफी पजेसिव हूं. सुना है न्यू ब्राइड को जल्दी उठकर तैयार होना होता है. अगर मुझसे कोई गलती हो गई तो वेे लोग न जाने कैसे रिएक्ट करेंगे, ये सब सोचकर मुझे शादी के नाम से डर लगने लगा है. मैं एडजस्टमेंट कैसे कर पाऊंगी?
Kriti Sengar

Psychologist says

साइकोलॉंिजस्ट डॉक्टर अलीम सिद्दिकी का कहना है कि ये बात ठीक है कि शादी के बाद रोल ट्रांजीशन होता है लेकिन नए एन्वायरमेंट में एडजस्टमेंट को लेकर अपने मन में आशंकाएं न लाएंं. ये जरूरी नहीं है कि आप जैसा सोच रही हैं बिल्कुल वैसा हो. निगेटिव थॉट्स को अपने मन में नहीं लाएं. शादी के बाद लाइफ में बहुत कुछ बदलता है, डेली रुटीन भी थोड़ा सा बदलेगा. जहां तक घरेलू काम में परफेक्शन की बात है तो जो काम आप नहीं कर पाती हैं. उसके बारे में बता दीजिए. इससे वुड बी मॉम इन लॉ के साथ आपका कंफर्ट लेवल बढ़ जाएगा.

Expert’s advice

डॉक्टर अलीम सिद्दिकी का कहना है कि सोसाइटी में हर चीज पैकेज में आती है. उसके निगेटिव और पॉंिजटिव दोनों आस्पेक्ट्स होते हैं. अगर आप हर बात निगेटिव सोचेंगी तो आप चीजों के अंदर पॉजिटिविटी को ढूंढ़ नहीं पाएंगी. अगर आप कुछ बातों का खयाल रखेंगी तो प्री मैरिज ब्ल्यूज आपको परेशान नहीं करेंगे.

1.फैमिली मेम्बर्स के एटिट्यूड को खुद जज करें और अपने मन में किसी तरह का अजम्प्शन न पालें. इससे आप फैमिली मेम्बर्स के नेचर को समझ पाएंगी.

2.किसी इश्यू को लेकर रिजिड न हो. फ्लेक्सिबल रहने से एडजस्टमेंट में प्रॉब्लम  नहीं होगी.

3. अपनी पर्सनालिटी के अगेंस्ट कोई एडजस्टमेंट नहीं करें. ऐसे एडजस्टमेंट करने से बाद में प्रॉब्लम हो सकती है.

4.कोर्टशिप पीरियड के दौरान आप दोनों कुछ इश्यूज पर क्लीयर नहीं हैं तो ऐसे में  आप कपल थेरेपी ले सकते हैं. इससे आप दोनों को एक-दूसरे को समझने का मौका मिलेगा.

5.प्रोफेशनल लाइफ की तरह पर्सनल लाइफ में भी रिस्पांसिबिलिटीज लेने से पीछे नहीं हटें.