इलाहाबाद में एक्टिव ISI के स्लीपिंग मॉड्यूल की हो रही तलाश

ISI एजेंट जमालुद्दीन की गिरफ्तारी के बाद शहर में डटी आईबी तलाश रही बरामदगी का जमालुद्दीन कनेक्शन

ALLAHABAD: जंक्शन के सर्कुलेटिंग एरिया में लांचर के साथ मोर्टार बम जंक्शन उड़ाने या फिर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए तो नहीं लाए गए थे? कहीं ये पाकिस्तानी एजेंसी आइएसआइ के स्लीपिंग माड्यूल का काम तो नहीं है? जो इलाहाबाद में एक्टिव हैं। 24 अगस्त को लखनऊ में पकड़े गए आइएसआइ एजेंट जमालुद्दीन ने अपने इलाहाबाद कनेक्शन का खुलासा किया था। उसने यहां दो होटलों में करीब डेढ़ साल तक काम किया था। इस दौरान उसने देश के बाहर पैसे भी भेजे। इस सूचना की डिटेल जुटाने में लगी आईबी टीम को इस नई सूचना ने हैरत में डाल दिया है। अब टीम यह कनेक्शन भी जानने में लगी है कि कहीं इसका भी तो कोई आईएसआई कनेक्शन नहीं है?

आइएसआइ एजेंट ने बिताए कई साल

गाजीपुर के रहने वाले जमालुद्दीन ने 2001 के बाद कई साल इलाहाबाद में ही बिताए। यहां होटल ग्रैंड कांटिनेंटल, होटल मिलन और होटल क्राउन पैलेस में रेस्टोरेंट कैप्टन के रूप में कार्य करता रहा। इस दौरान उसने तमाम लोगों से सम्पर्क बनाए। बाहर पैसा भेजना रहा लेकिन किसी को हवा तक नहीं लगी। 24 अगस्त को लखनऊ में एटीएस टीम ने उसे गिरफ्तार किया तो पता चला कि वह रेस्टोरेंट कैप्टन नहीं बल्कि आइएसआइ एजेंट है। वह कई बार विदेश जा चुका था और कश्मीर व अन्य इलाकों के लोगों से उसका संपर्क था। भारी भरकम रकम वह अपने भाई के साथ ही सेना के अधिकारियों को भी भेजता था। जमालुद्दीन से तमाम क्लू मिलने के बाद एटीएस और आईबी की टीम ने इलाहाबाद पहुंचकर जांच शुरू की तो परत-दर परत सारी हकीकत सामने आने लगी।

करेली के कई लोगों से थे संबंध

जिन होटलों में जमालुद्दीन काम करता था, वहां के स्टॉफ के साथ ही करेली में रहने वाले कई लोगों से उसके अच्छे संबंध थे। जिनके साथ वह काफी समय गुजारता था। उन लोगों पर एटीएस और आईबी की टीम लगी हुई है। कुछ लोगों से तो पूछताछ भी हुई है। ऐसे में पूरी जांच की दिशा बदलने और अपनी ओर से ध्यान हटाने के लिए शहर में सक्रिय स्लीपिंग माड्यूल द्वारा इस तरह की घटना को अंजाम दिए जाने की संभावना जताई जा रही है। जिनकी प्लानिंग फेल हो गई और उन्हें बम व लांचर छोड़ कर भागना पड़ा।

फुटेज से मिल सकता है क्लू

फिलहाल जीआरपी या एटीएस किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं कि तबाही का सामान इलाहाबाद तक पहुंचा कैसे? इसे ट्रेन से यहां लाया गया है तो निश्चित तौर पर यह जंक्शन पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ होगा। जीआरपी और आरपीएफ के प्रेशर के बाद सिटी साइड के सर्कुलेटिंग एरिया में भी सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। सामान जिस स्थान पर रखा गया था वह कैमरे की रेंज में नहीं था। इससे यह संभावना जताई जा रही है कि इसे भीड़ के बीच में निकाला गया होगा। इसे लाने वाला जंक्शन के अंदर और बाहर की सिक्योरिटी से वाकिब रहा होगा।