Is it not a big mistake 

AU ने बताया 126 को 125वां Foundation day  

Allahabad: कौन नहीं जानता कि 23 सितम्बर 1887 को स्थापित हुई इलाहाबाद यूनिवर्सिटी 23 सितम्बर 2013 को 126वां वर्ष पूरा कर लेगी और इसके नेक्स्ट डे एयू 127वें वर्ष में कदम रख लेगा। लेकिन शायद एयू एडमिनिस्ट्रेशन के हुक्मरान अभी तक इस सच से वाकिफ नहीं है। तभी तो रजिस्ट्रार की ओर से एयू की आफिसियल वेबसाइट पर 23 सितम्बर 2013 को मनाए जाने वाले फाउंडेशन डे के लिए एयू के 125 वर्ष पूरे होने की घोषणा कर डाली गई है और सभी से इस हिस्टोरिकल ओकेजन पर प्रजेंट होने की अपील भी की गई है। खास बात यह है कि यही जानकारी फाउंडेशन डे पर पधारने वाले माननियों को भी भेजी गई है.

2012 में ही हो चुका है पूरा 
बता दें कि एयू अपने स्थापना के 125 वर्ष 23 सितम्बर 2012 को ही पूरा कर चुका है। उल्लेखनीय है कि उस समय एयू एडमिनिस्ट्रेशन ने बड़े ही लापरवाह रवैये का परिचय देते हुए कोई प्रोग्राम आर्गनाइज नहीं किया था, जिसकी चौतरफा आलोचना होने के बाद विजुअल आर्ट डिपार्टमेंट के सहयोग से आननफानन में प्रोग्राम का शेड्यूल तैयार किया गया था। ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि अगली वर्षगांठ पर कोई चूक नहीं होगी। लेकिन दोबारा से हुई चूक ने एयू एडमिनिस्ट्रेशन पर फिर से क्वेश्चन मार्क लगा दिया है. 

हाईकोर्ट के जस्टिस हैं chief guest
एयू एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से की गई चूक उस समय अंजाम दी गई है। जब मंडे यानि फाउंडेशन डे पर ईवनिंग से होने वाले प्रोग्राम का चीफ गेस्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस लक्ष्मीकांत महापात्रा को बनाया गया है। फाउंडेशन डे की अध्यक्षता वाइस चांसलर प्रो। एके सिंह करेंगे। इस अवसर पर प्रो। एनआर फारुखी की पुस्तक सूफीवाद: कुछ महत्वपूर्ण लेख और एयू पर लिखी गई नीलम सरन गौर की किताब थ्री रीवर्स एंड ए ट्री के कुछ अंश को रिलीज किया जाएगा. 

एयू के 125 वर्ष ही पूरे हो रहे हैं। 1987 नहीं 1988 से माइनस करके देखिए. 
प्रो। बीपी सिंह, रजिस्ट्रार एयू 
2012 में ही हो चुका है पूरा 

बता दें कि एयू अपने स्थापना के 125 वर्ष 23 सितम्बर 2012 को ही पूरा कर चुका है। उल्लेखनीय है कि उस समय एयू एडमिनिस्ट्रेशन ने बड़े ही लापरवाह रवैये का परिचय देते हुए कोई प्रोग्राम आर्गनाइज नहीं किया था, जिसकी चौतरफा आलोचना होने के बाद विजुअल आर्ट डिपार्टमेंट के सहयोग से आननफानन में प्रोग्राम का शेड्यूल तैयार किया गया था। ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि अगली वर्षगांठ पर कोई चूक नहीं होगी। लेकिन दोबारा से हुई चूक ने एयू एडमिनिस्ट्रेशन पर फिर से क्वेश्चन मार्क लगा दिया है. 

हाईकोर्ट के जस्टिस हैं chief guest

एयू एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से की गई चूक उस समय अंजाम दी गई है। जब मंडे यानि फाउंडेशन डे पर ईवनिंग से होने वाले प्रोग्राम का चीफ गेस्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस लक्ष्मीकांत महापात्रा को बनाया गया है। फाउंडेशन डे की अध्यक्षता वाइस चांसलर प्रो। एके सिंह करेंगे। इस अवसर पर प्रो। एनआर फारुखी की पुस्तक सूफीवाद: कुछ महत्वपूर्ण लेख और एयू पर लिखी गई नीलम सरन गौर की किताब थ्री रीवर्स एंड ए ट्री के कुछ अंश को रिलीज किया जाएगा. 

एयू के 125 वर्ष ही पूरे हो रहे हैं। 1987 नहीं 1988 से माइनस करके देखिए. 

प्रो। बीपी सिंह, रजिस्ट्रार एयू