दिसंबर 1945 में लिखी गयी हैं चिठ्ठिया

ये चिटि्ठयां नेहरू ने 27 दिसंबर 1945 को लिखी गई थी। लेकिन इसके नीचे नेहरू का सिर्फ नाम लिखा है। उनका सिग्नेचर नहीं है। नेहरू जी ने एटली को लिखा था कि ‘मुझे अपने भरोसेमंद सूत्र से पता चला है कि सुभाष चंद्र बोस जो आपके वॉर क्रिमिनल हैं, उन्हें स्टालिन ने रूसी सीमा में दाखिल होने की मंजूरी दे दी है। एक आधिकारिक वक्तव्य के अनुसार भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार (एनएआई) इन फाइलों में दर्ज बातचीत में मामूली सुधार करके और डिजिटल रूप देकर उसे सार्वजनिक करने का ऐलान किया है। इस कदम से जनता की बरसों की मांग पूरी होगी। नेताजी की मृत्यु के रहस्य से पर्दा उठाने के सिलसिले में लोग बोस पर अनुसंधान भी करना चाहते हैं। और यह सरकारी दस्तावेज इसमें सहायक होंगे।

पश्चिम बंगाल सरकार ने पहले ही की हैं कुछ फाइलें सार्वजनिक

एनएआई के अनुसार केंद्र में विभिन्न विभागों के पास नेताजी से जुड़ीं 60 हजार पृष्ठों की 200 फाइलें हैं जिन्हें सार्वजनिक करने की शुरुआत 23 जनवरी से होगी और आगे भी हर महीने 25 ऐसी गोपनीय फाइलें सार्वजनिक की जाती रहेंगी। ममता सरकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रहस्यमय तरीके से लापता होने से संबंधित 64 फाइलों को पिछले साल सितंबर में सार्वजनिक चुकी है। आजादी के 68 साल बाद भी नेताजी को लेकर कई तरह की अफवाहें उड़ती रही हैं लेकिन केंद्र व अथवा राज्य की पूववर्ती सरकारें इन फाइलों को सार्वजनिक करने का फैसला नहीं कर सकी थीं। केंद्र में सबसे लंबी अवधि तक कांग्र्रेस की सरकार रही तो पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक माकपानीत वाममोर्चा ने 34 साल तक सरकार चलाया।

inextlive from India News Desk

National News inextlive from India News Desk