- ATS की गिरफ्त में आए फैजान और एहतेशाम ने बिजनौर में मौजूद होने की दी थी जानकारी

- ATS टीम के पहुंचने से पहले ही हुए फरार, फर्जी नाम-पते पर रह रहे थे दोनों

LUCKNOW :

देश व प्रदेश को आईएस से प्रेरित आतंकियों से जितना खतरा है, उतना ही इनके मददगार स्लीपिंग मॉड्यूल्स से। हाल ही में गिरफ्त में आए फैजान और एहतेशाम ने पुलिस रिमांड के दौरान ऐसे ही दो मददगार स्लीपिंग मॉड्यूल्स के बिजनौर में मौजूद होने की जानकारी दी। जिसके बाद हरकत में आई एटीएस टीम ने निशानदेही वाली जगह पर दबिश दी। पर, टीम के वहां पहुंचने से पहले ही दोनों मददगार फरार हो चुके थे। पड़ताल में पता चला कि वे दोनों फर्जी नाम व पते से किराये के मकान में रह रहे थे। हलकान एटीएस टीम अब इन आतंकियों के मददगारों की तलाश में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में इंटेलिजेंस इनपुट जुटा रही है।

सुराग लगाना मुश्किल

हाल ही में छह प्रदेशों की पुलिस ने देशभर में ताबड़तोड़ छापेमारी में चार आतंकियों को अरेस्ट किया था। इनमें यूपी एटीएस द्वारा अरेस्ट किये गए फैजान और एहतेशाम ने पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान बताया कि बिजनौर में उनके मददगार तौफीक व जावेद रहते हैं। जानकारी मिलने पर एटीएस टीम ने निशानदेही वाली जगह पर दबिश दी, लेकिन तौफीक व जावेद उनके पहुंचने से पहले ही फरार हो चुके थे। टीम ने जांच की तो पता चला कि वे दोनों वहां पर फर्जी नाम व पते से रह रहे थे। एटीएस ने अब दोनों फरार मददगारों की तलाश में पश्चिमी यूपी में फैले नेटवर्क की मदद से उनके बारे में इंटेलिजेंस इनपुट जुटाने की कवायद शुरू की है। हालांकि, माना जा रहा है कि जिस तरह स्लीपिंग मॉड्यूल्स की मॉडस ऑपरेंडी होती है, उनका पता लगा पाना बेहद मुश्किल है।

हवाला कारोबारियों पर भी नजर

जांच में जुटी एटीएस को पता चला है कि बिजनौर में हवाला का कारोबार फल-फूल रहा है। सूत्रों ने बताया कि इस धंधे से जुड़े युवकों की माली हालत यकायक बदल गई है। हालांकि, हवाला कारोबारी भी अपने इस गोरखधंधे में पूरी सावधानी बरतते हैं। वे तहसील के गांवों में रहने वाले भोले-भाले लोगों के अकाउंट नंबर लेकर उसमें बाहर के देशों से रकम जमा कराते हैं। इस रकम में से मामूली कमीशन देकर बाकी को हवाला कारोबारी ले लेते हैं। एटीएस का मानना है कि हवाला कारोबारियों द्वारा जिन अकाउंट्स में रकम जमा कराकर निकालने का खेल चल रहा है, वह रकम पाकिस्तान या फिर खाड़ी देशों से जमा कराई जाती है। ऐसे में एटीएस को शक है कि फरार हो चुके स्लीपिंग मॉड्यूल्स का सुराग लगाने में यह हवाला कारोबारी अहम कड़ी साबित हो सकते हैं।

लुधियाना में हुई थी आईएस की मीटिंग

फैजान और एहतेशाम ने पुलिस कस्टडी रिमांड में कई अहम राज उगले हैं। उन्होंने बताया कि वे सैफुल्लाह के एनकाउंटर के बाद से पश्चिमी यूपी में आईएस के खुरासन मॉड्यूल को जिंदा करने में जुटे थे। उन्होंने पूछताछ में बताया कि बीती 22 फरवरी आइएस की एक बैठक लुधियाना में हुई थी। इसमें फैजान और एहतेशाम भी शामिल हुए थे। इस मीटिंग में कई बड़ी वारदातों की प्लानिंग की गई थी। हालांकि, इसके लिये उन्हें समर्पित युवकों की जरूरत थी। जिनकी भर्ती के लिये वह विभिन्न धार्मिक स्थलों व कॉलेजों में पढ़ने वाले मुस्लिम युवकों को भड़काकर अपने साथ मिलाने का प्लान बना रहा था। उन्होंने बताया है कि वे काम में हुई प्रगति की रिपोर्ट आईएस के हैंडलर को सोशल मीडिया के जरिए देते थे। माना जा रहा है कि एटीएस जल्द ही फैजान व एहतेशाम को बिजनौर ला सकती है। जहां उनसे और भी सुराग मिलने की उम्मीद है।