न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में दिए अपने भाषण में नेतन्याहू ने कहा है कि वह ईरान को परमाणु हथियार बनाने नहीं देगा भले ही इस मुद्दे पर वह अलग-थलग क्यों ना पड़ जाए.

ईरान ने अपनी प्रतिक्रिया में नेतन्याहू के बयान को ‘बेहद भड़काऊ’ बताते हुए फिर कहा है कि वह परमाणु हथियार नहीं बना रहा है.

ग़ौरतलब है कि परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर ईरान और अमरीका के बीच बर्फ़ कुछ पिघली है. दोनों देशों के राष्ट्रपतियों ने कुछ दिन पहले ही फ़ोन पर  बातचीत की थी. यह 30 बरस में पहला मौक़ा था जब दोनों देशों के बीच उच्च स्तर पर किसी भी तरह की बातचीत हुई हो.

हालांकि बराक ओबामा ने नेतन्याहू को इस बात का भरोसा दिलाया है कि तेहरान के परमाणु कार्यक्रम से निपटने के लिए बल प्रयोग का विकल्प अब भी खुला है.

ईरान के विदेश मंत्री ने इसे ढुलमुल रवैया बताते हुए ओबामा की आलोचना की है.

कड़े शब्द

रूहानी भेड़ की शक्ल में भेड़िया: नेतन्याहूनेतन्याहू ने अपने संयुक्त राष्ट्र संबोधन में कहा कि परमाणु शक्ति संपन्न ईरान इसराइल के भविष्य के लिए एक ख़तरा है और ईरान के ख़िलाफ़ प्रतिबंधों में बढ़ोतरी की अपील की.

 हसन रूहानी की आलोचना करते हुए नेतन्याहू का कहना था कि रूहानी का लक्ष्य भी वही है जो ईरान के पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद का था.

‘‘अहमदीनेजाद भेड़िए की शक्ल में भेड़िया थे लेकिन रूहानी भेड़ की शक्ल में भेड़िया है.’’

रूहानी ने इस बात से पूरी तरह इंकार किया है कि उनकी सरकार परमाणु हथियार बनाने की कोशिशों में जुटी है लेकिन नेतन्याहू ने कहा कि ‘‘काश मैं रूहानी की इस बात पर भरोसा कर सकता लेकिन मैं नहीं करता हूं.’’

उन्होने आरोप लगाया कि रूहानी दुनिया को मूर्ख बनाना चाहते हैं. नेतन्याहू ने दावा किया कि एक पूर्व परमाणु वार्ताकार के तौर पर रूहानी ने ही वह रणनीति बनाई है जिसके चलते ईरान परमाणु हथियार बनाने के क़रीब पहुंच सका.

रूहानी भेड़ की शक्ल में भेड़िया: नेतन्याहू

ईरान ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि उसकी परमाणु गतिविधियां शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है लेकिन संयुक्त राष्ट्र की परमाणु एजेंसी ने पिछले महीने कहा था कि ईरान ने अपनी यूरेनियम संवर्धन क्षमता में काफ़ी इज़ाफ़ा कर लिया है.

बताया गया था कि ईरान के नतांज़ प्लांट में 1000 से ज़्यादा आधुनिक सेंट्रफ्यूज लगा लिए गए हैं. 15 अक्तूबर को ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत के लिए जिनेवा में एक बैठक में हिस्सा लेगा जिसमें अमरीका, रूस, चीन ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी शामिल होंगे. रूहानी का कहना है कि वह इस बैठक में एक योजना लेकर आएंगे लेकिन कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है.

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