- इसरो ने 505 स्क्वॉयर किमी की इमेजेस एलडीए को भेजी

- गोमती नगर फेज वन और टू, बसंतकुंज की आई इमेजेस

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LUCKNOW

आखिरकार इंतजार खत्म हुआ और एलडीए को इसरो से इमेजेस मिलने लगी हैं। पहले चरण में इसरो की ओर से करीब 505 स्क्वॉयर किमी की इमेजेस भेजी गई हैं। जिसके आधार पर एलडीए की ओर से लैंड ऑडिट का काम भी शुरू करा दिया गया है। खास बात यह है कि एलडीए वीसी खुद ऑडिट की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। ऑडिट पूरा होते ही यह साफ हो जाएगा कि एलडीए की जमीन पर कितने अवैध कब्जे हैं। जिसके बाद इनके खिलाफ बड़े स्तर पर कार्रवाई की जाएगी।

यहां की आईं इमेजेस

एलडीए से मिली जानकारी के अनुसार, इसरो की ओर से अभी तक गोमतीनगर फेज वन और टू, कानपुर रोड और बसंतकुंज योजना से जुड़ी जमीनों की इमेजेस भेजी गई हैं। जल्द ही एलडीए को अन्य जमीनों से जुड़ी इमेजेस भी मिलेंगी।

ड्रोन का सहारा

प्राधिकरण की ओर से अभी तक ड्रोन की मदद से अपनी जमीन तलाशने का काम किया जा रहा था। लेकिन इसके परिणाम अच्छे नहीं आ रहे थे। इसके बाद एलडीए वीसी ने अवैध कब्जों को सामने लाने के लिए इसरो की ओर रूख किया था।

फैक्ट फाइल

- 7 कुल जोन की संख्या

- 20 से 30 फीसदी हर जोन में अवैध कब्जे

-5 से 7 जमीनें हर महीने खाली कराई जा रहीं

-8 लाख का भुगतान एलडीए ने इसरो को किया

हर जोन में अवैध कब्जे

प्राधिकरण के सभी सात जोन में अवैध कब्जों की समस्या है। प्रवर्तन दस्तों की ओर से समय-समय पर इन कब्जों को हटाने की कार्रवाई तो की जाती है, लेकिन इसके बाद भी प्राधिकरण की जमीनों को पूरी तरह अवैध कब्जों से मुक्त नहीं कराया जा सका है। इसरो से आने वाली इमेजेस से जमीन पर अवैध कब्जों की सही तस्वीर सामने आ सकेगी।

लाइसेंस जरूरी

इसरो से इमेजेस लेने के लिए पहले लाइसेंस आदि की प्रक्रिया पूरी करनी होती है, जिसकी वजह से एलडीए की ओर से लाइसेंस के लिए आवेदन किया गया था। इसरो से लाइसेंस मिलने के बाद एलडीए की ओर से इसरो को इमेजेस के एवज में भुगतान भी कर दिया गया है। भुगतान राशि करीब 8 लाख के आसपास है।

एलडीए को इसरो से इमेजेस मिलने लगी हैं। अभी तक करीब 505 स्क्वॉयर किमी की इमेजेस मिली हैं। इमेजेस के आधार पर लैंड ऑडिट भी शुरू करा दिया गया है। जिसके बाद यह पता चल सकेगा कि जमीन कितनी है और उस पर कितने अवैध कब्जे हैं।

पीएन सिंह, वीसी, एलडीए