पिछले इवेंटफुल और सक्सेजफुल इयर के बाद ISRO इस साल भी कुछ और सैटेलाइट के लॉन्च के साथ अपने झंडे गाड़ने के लिए तैयार है. इस लिस्ट में सबसे पहले IRNSS 1D के लॉन्च किया जाएगा. जिसके लॉन्च़ के बाद इंडिया अपना नेवीगेशन सिस्टम डेवलप कर सकेगा जो अमेरिका के ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम के स्टैंडर्ड की होगा.

इसरो के एक सीनियर ऑफीशियल के अकॉर्डिंग IRNSS 1D की लॉन्चिंग का प्रोसेज 16 जनवरी से स्टार्ट होगा. प्लानिंग है कि दो महीने के अंदर इसरो की डिफरेंट लैब्स से सभी पार्टस श्रीहरिकोटा में पंहुचा दिए जाएं ताकि 15 मार्च के बाद किसी टाइम इसे लॉन्च किया जा सके. बताया जा रहा है कि आईआरएनएसएस 1D इस सीरीज में लॉन्च किये जाने वाले सात सैटैलाइट्स में फोर्थ नंबर पर है जिसे नेशनल स्पेस एजेंसी लॉन्च करने की प्लानिंग कर रही है ताकि इंडियन रीजनल नेवीगेशन सैटेलाइट सिस्टम स्टैबलिश की जा सके. इस सिस्टम को स्टार्ट करने के लिए चार सैटेलाइट सफिशियेंट हैं लेकिन बाद के तीन और सेटेलाइट के ज्वाइन करने से सिस्टम पूरी तरह एक्युरेट और इफेक्टिव बन जायेगी.

आफीशियल्स ने बताया कि आईआरएनएसएस सीरीज में बाकी दो सैटेलाइट IRNSS 1E और IRNSS 1F की लॉन्चिंग भी इस साल के खत्म होने से पहले कर दी जाएगी. आईआरएनएसएस सीरीज के तीन सैटेलाइट की लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा से एक जुलाई 2013 और लास्ट ईयर 2014 में 4 जुलाई और 16 अक्टूबर को की गयी थी.

फुली डिप्लॉयड आईआरएनएसएस में जियो सिक्रोनाइज ऑरबिट में तीन और चार सैटेलाइट शामिल होंगे जो अर्थ से 36,000 किलोमीटर से ऊपर है. आईआरएनएसएस सिस्टम को इस साल  पूरा किये जाने का टाग्रेट रखा गया था और इसके लिए 1420 करोड़ रुपये की टोटल कास्ट फाइनल की गई है. अभी तक वर्ल्ड के सलेक्टेड कंट्रीज के पास ही अपना नेवीगेशन सिस्टम है जिसमें रूस की ग्लोनास, अमेरिका की जीपीएस, यूरोपीय यूनियन की जीएनएसएस, चीन की बेईदोउ सैटेलाइट सिस्टम शामिल हैं.

Hindi News from India News Desk

National News inextlive from India News Desk