रारी’ की सवारी के लिए आपको 2.5 से 4 करोड़ रुपए तक खर्च करने पड़ते हैं मगर, बहुत जल्द आप यह सवारी 50 हजार से लेकर 5 लाख रुपए में भी कर सकेंगे। ये यकीन कर पाना थोड़ा मुश्किल होगा आपके लिए, लेकिन बात सौ टका सच है। बस जनाब, फर्क सिर्फ दो पहियों का है यानि इस फरारी में चार के बजाय दो पहिये ही हैं। खासियत भी एक नहीं अनेक। इससे पहले कि आप कुछ और मतलब निकालें, आपको बता दें कि हम बात फरारी साइकिल की कर रहे हैं। विदेशों में धूम मचाने के बाद अब ये साइकिलें इंडिया में धमाल मचाने की तैयारी में हैं। इससे भी खास बात यह है कि इंडिया में सबसे पहले कानपुराइट्स इन दो पहियों वाली ‘फरारी’ की सवारी एंज्वॉय कर सकेंगे. 
इटली से कानपुर तक का सफर 
कानपुराइट्स को फरारी की सवारी सिटी के दो यंग एंटरप्रेन्योर्स यासिर इब्राहिम और सैफ ताज करवाने जा रहे हैं। फरारी के साथ ही ‘लम्बोर्गिनी’ कम्पनी की इन यूनिक साइकिलों को कानपुराइट्स जनवरी के फस्र्ट वीक से चला सकेंगे। हालांकि, इन साइकिलों के इटली से कानपुर तक के ‘सफर’ की कहानी भी कुछ कम दिलचस्प नहीं है। बात तब की है जब इंडिया में कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारियां चल रही थीं। दिल्ली खेलगांव में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स के प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी तब यासिर इब्राहिम को मिली थी। खेलगांव से यासिर का फ्लैट लगभग 3 किमी। दूर था। मगर, जबर्दस्त ट्रैफिक रश की वजह से न सिर्फ उनकी कार जाम में फंस जाती थी। बल्कि, कार पार्किंग के लिए उन्हें एक घंटे पहले ही घर से निकलना पड़ता था। तभी उन्होंने साइकिल से चलने का फैसला किया। क्योंकि इसी बहाने टाइम भी बचेगा और फिटनेस भी बनी रहेगी. 
बस दो पहियों का है फर्क 
यासिर बताते हैं कि उन्होंने फैसला तो कर लिया था साइकिल से खेलगांव तक जाने का। मगर, यहां एक प्रॉब्लम थी। वो ये कि बतौर प्रोजेक्ट ऑफिसर अगर वो साइकिल से ऑफिस जाएंगे तो उनके सबऑर्डिनेट्स क्या सोचेंगे? इसीलिए उन्होंने सोचा कि चीज ऐसी ली जाए जो न सिर्फ ब्रांडेड हो बल्कि उनके जूनियर्स भी साइकिल चलाने के लिए मोटीवेट हों। यासिर का मानना था कि इससे वो खुद तो फिट होंगे ही, साथ ही खेलगांव और आसपास के एरिया का पॉल्युशन भी कम करने में मदद मिलेगी। इसी सोच के साथ उन्होंने फरारी साइकिल से ऑफिस आना-जाना शुरू किया। यासिर के मुताबिक ब्रांडेड साइकिल से अपने बॉस को आता देखकर कुछ सबऑर्डिनेट्स ने भी साइकिल से काम पर आना-जाना शुरू कर दिया। असर यह हुआ कि इससे उनकी फ्रेशनेस, एनर्जी लेवल और स्टेमिना में भी जबर्दस्त इजाफा हुआ. 
दोस्त का मिला साथ 
कॉमनवेल्थ गेम्स खत्म हो गये। उसके बाद दिल्ली-एनसीआर में कुछ और साल काम करने के बाद यासिर कानपुर वापस आ गये। और यहीं से एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट का बिजनेस भी शुरू किया। मगर, अपने दिल से साइकलिंग का क्रेज दूर नहीं कर सके। कानपुर की जबर्दस्त ट्रैफिक प्रॉब्लम देखने के बाद तो उन्होंने न सिर्फ खुद साइकलिंग का फैसला किया। बल्कि, कानपुराइट्स को भी साइकिलिंग के प्रति अवेयर करने की ठान ली। मगर, वो कानपुराइट्स को सिर्फ साइकिल चलाने भर के लिए अवेयर नहीं करना चाहते थे। बल्कि, फॉरेन की तमाम खूबियों से लैस ब्रांडेड साइकिल के बारे में लोगों को बताना चाहते थे। अपना यह प्लान उन्होंने अपने दोस्त सैफ ताज से शेयर किया। यहीं से शुरू हुआ दो दोस्तों की साइकलिंग की दीवानगी और इंडियन्स को साइकलिंग के प्रति लोगों को अवेयर करने का सिलसिला. 
बस कुछ दिन और
तमाम खूबियों से लैस इन महंगी साइकिलों के प्रति लोगों का रुझान कैसा है। इसके लिए सैफ और यासिर ने 24-26 अक्टूबर तक दुबई में ऑर्गनाइज ‘गल्फ बाइक वीक’ में पार्टिसिपेट किया। यहां उन्हें लोगों मालूम हुआ कि ब्रांड के मामले में हेल्थ कॉन्शस लोग भी खर्च करने में पीछे नहीं हटते। दुबई से लौटने के बाद सैफ और यासिर ने अब इन साइकिलों को इंडिया में लॉन्च करने का फैसला किया है। दोनों दोस्तों ने बताया कि पहले इंडिया में इसकी ऑफिशियल लॉन्चिंग पुणे से करने की प्लानिंग थी। मगर, अब इसकी शुरूआत कानपुर से करने का फैसला किया है। अगले साल जनवरी के फस्र्ट वीक में इन्हें लॉन्च किया जाएगा. 
ईएमआई में भी मिलेगी
ब्रांडेड साइकिलों की कीमत थोड़ी ज्यादा जरूर है, लेकिन यहां सभी सोसाइटीज को ध्यान में रखा गया है। सैफ ताज के मुताबिक कानपुराइट्स समेत कोई भी देशवासी इन साइकिलों को ईजी इंस्टॉलमेंट्स पर खरीद सकता है। 222.ह्म्द्गठ्ठश2ठ्ठद्गस्रड्ढद्बद्मद्गह्य.ष्शद्व पर जाकर इनकी बुकिंग करवाई जा सकती है। चूंकि अभी इंडिया में दोनों ही कम्पनियों के शोरूम नहीं हैं। इसलिए जनवरी से पहले इनकी डिलेवरी इटली से ही होगी। डिलेवरी के दौरान साइकिल के रेट में सभी तरह के टैक्सेज शामिल होंगे। यानि होम डिलेवरी के दौरान कस्टमर से कोई भी एक्स्ट्रा चार्ज नहीं चुकाने पड़ेंगे. 
बाइकाथन में करेंगे पार्टिसिपेट
आई नेक्स्ट के बाइकाथन इवेंट की तारीफ करते हुए दोनों ही एंटरप्रेन्योर्स ने कहा कि वो इन ‘बाइक्स’ के साथ बाइकाथन में भी पार्टिसिपेट करेंगे। सैफ-यासिर ने बताया कि उनके डेली शिड्यूल में साइकलिंग अहम हिस्सा है। इसलिए 1 दिसंबर को सुबह 9 बजे आई नेक्स्ट के बाइकाथन इवेंट में ग्रीन पार्क से कम्पनी बाग तक साइकिल जरूर चलाएंगे. 
स्पेशल फीचर्स से लैस : 
- 27 गियर (24 गियर पीछे और 3 गियर आगे) 
- फोल्डेबल यानि साइकिल को मोडक़र बैग में रखने की सुविधा. 
- बैम्बू, कार्बन लाइट फाइबर, हाई-टेक स्टील की 5-16 किलो तक की फ्रेम बॉडी. 
- ड्युअल सस्पेंशन (फ्रंट के अलावा रियर व्हील में भी सस्पेंशन)
- जेल सैडल सीट (जीन लगी सीट के अंदर एक खास किस्म का जेल भरा होता है। इससे बैकबोन पेन, स्लिप डिस्क के पेशेंट्स भी ईजी राइड ले सकते हैं. 
- हेड और टेल रिफ्लेक्टर लाइट्स।  
- कोहरे या अंधेरे में एक्सीडेंट से बचने के लिए स्पेशल टेल लाइट। साइकिल चलाने पर  दोनों तरफ रोशनी भी बनी रहती है। सामने या पीछे से आ रहा वेहिकल डिस्टेंस मेंटेन करते हुए निकल जाता है. 
- लॉक अलार्म सिस्टम 
- ट्यूबलेस टायर 
- पंचर-हीलिंग जेल। टायर-ट्यूब पंचर होने पर एक खास किस्म का जेल लगा दिया जाता है। इससे टायर खुद ब खुद हील-अप हो जाता है.
- किसी भी ऑर्डनरी साइकिल वर्कशॉप में रिपेयरिंग पॉसिबल. 
- टॉप गियर पर आते ही चेन उतरने का होगा एहसास, लेकिन बढ़ती रहेगी स्पीड. 
एसेसरीज भी खास : 
साइकिल की तरह उसकी सपोर्टिंग एसेसरीज भी बेहद स्पेशल है। जिनकी अपनी यूनिकनेस है. 
- क्लोदिंग (विंटर-समर सीजन के लिए अलग-अलग फैब्रिक स्पोर्टी आउटफिट)
- हेलमेट 
- सन ग्लासेज 
- ग्लव्स, नी-सेफ्टी गार्ड 
‘फरारी’ की सवारी के लिए आपको 2.5 से 4 करोड़ रुपए तक खर्च करने पड़ते हैं मगर, बहुत जल्द आप यह सवारी 50 हजार से लेकर 5 लाख रुपए में भी कर सकेंगे। ये यकीन कर पाना थोड़ा मुश्किल होगा आपके लिए, लेकिन बात सौ टका सच है। बस जनाब, फर्क सिर्फ दो पहियों का है यानि इस फरारी में चार के बजाय दो पहिये ही हैं। खासियत भी एक नहीं अनेक। इससे पहले कि आप कुछ और मतलब निकालें, आपको बता दें कि हम बात फरारी साइकिल की कर रहे हैं। विदेशों में धूम मचाने के बाद अब ये साइकिलें इंडिया में धमाल मचाने की तैयारी में हैं। इससे भी खास बात यह है कि इंडिया में सबसे पहले कानपुराइट्स इन दो पहियों वाली ‘फरारी’ की सवारी एंज्वॉय कर सकेंगे. 

इटली से कानपुर तक का सफर 

कानपुराइट्स को फरारी की सवारी सिटी के दो यंग एंटरप्रेन्योर्स यासिर इब्राहिम और सैफ ताज करवाने जा रहे हैं। फरारी के साथ ही ‘लम्बोर्गिनी’ कम्पनी की इन यूनिक साइकिलों को कानपुराइट्स जनवरी के फस्र्ट वीक से चला सकेंगे। हालांकि, इन साइकिलों के इटली से कानपुर तक के ‘सफर’ की कहानी भी कुछ कम दिलचस्प नहीं है। बात तब की है जब इंडिया में कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारियां चल रही थीं। दिल्ली खेलगांव में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स के प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी तब यासिर इब्राहिम को मिली थी। खेलगांव से यासिर का फ्लैट लगभग 3 किमी। दूर था। मगर, जबर्दस्त ट्रैफिक रश की वजह से न सिर्फ उनकी कार जाम में फंस जाती थी। बल्कि, कार पार्किंग के लिए उन्हें एक घंटे पहले ही घर से निकलना पड़ता था। तभी उन्होंने साइकिल से चलने का फैसला किया। क्योंकि इसी बहाने टाइम भी बचेगा और फिटनेस भी बनी रहेगी. 

बस दो पहियों का है फर्क 

यासिर बताते हैं कि उन्होंने फैसला तो कर लिया था साइकिल से खेलगांव तक जाने का। मगर, यहां एक प्रॉब्लम थी। वो ये कि बतौर प्रोजेक्ट ऑफिसर अगर वो साइकिल से ऑफिस जाएंगे तो उनके सबऑर्डिनेट्स क्या सोचेंगे? इसीलिए उन्होंने सोचा कि चीज ऐसी ली जाए जो न सिर्फ ब्रांडेड हो बल्कि उनके जूनियर्स भी साइकिल चलाने के लिए मोटीवेट हों। यासिर का मानना था कि इससे वो खुद तो फिट होंगे ही, साथ ही खेलगांव और आसपास के एरिया का पॉल्युशन भी कम करने में मदद मिलेगी। इसी सोच के साथ उन्होंने फरारी साइकिल से ऑफिस आना-जाना शुरू किया। यासिर के मुताबिक ब्रांडेड साइकिल से अपने बॉस को आता देखकर कुछ सबऑर्डिनेट्स ने भी साइकिल से काम पर आना-जाना शुरू कर दिया। असर यह हुआ कि इससे उनकी फ्रेशनेस, एनर्जी लेवल और स्टेमिना में भी जबर्दस्त इजाफा हुआ. 

दोस्त का मिला साथ 

कॉमनवेल्थ गेम्स खत्म हो गये। उसके बाद दिल्ली-एनसीआर में कुछ और साल काम करने के बाद यासिर कानपुर वापस आ गये। और यहीं से एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट का बिजनेस भी शुरू किया। मगर, अपने दिल से साइकलिंग का क्रेज दूर नहीं कर सके। कानपुर की जबर्दस्त ट्रैफिक प्रॉब्लम देखने के बाद तो उन्होंने न सिर्फ खुद साइकलिंग का फैसला किया। बल्कि, कानपुराइट्स को भी साइकिलिंग के प्रति अवेयर करने की ठान ली। मगर, वो कानपुराइट्स को सिर्फ साइकिल चलाने भर के लिए अवेयर नहीं करना चाहते थे। बल्कि, फॉरेन की तमाम खूबियों से लैस ब्रांडेड साइकिल के बारे में लोगों को बताना चाहते थे। अपना यह प्लान उन्होंने अपने दोस्त सैफ ताज से शेयर किया। यहीं से शुरू हुआ दो दोस्तों की साइकलिंग की दीवानगी और इंडियन्स को साइकलिंग के प्रति लोगों को अवेयर करने का सिलसिला. 

बस कुछ दिन और

तमाम खूबियों से लैस इन महंगी साइकिलों के प्रति लोगों का रुझान कैसा है। इसके लिए सैफ और यासिर ने 24-26 अक्टूबर तक दुबई में ऑर्गनाइज ‘गल्फ बाइक वीक’ में पार्टिसिपेट किया। यहां उन्हें लोगों मालूम हुआ कि ब्रांड के मामले में हेल्थ कॉन्शस लोग भी खर्च करने में पीछे नहीं हटते। दुबई से लौटने के बाद सैफ और यासिर ने अब इन साइकिलों को इंडिया में लॉन्च करने का फैसला किया है। दोनों दोस्तों ने बताया कि पहले इंडिया में इसकी ऑफिशियल लॉन्चिंग पुणे से करने की प्लानिंग थी। मगर, अब इसकी शुरूआत कानपुर से करने का फैसला किया है। अगले साल जनवरी के फस्र्ट वीक में इन्हें लॉन्च किया जाएगा. 

ईएमआई में भी मिलेगी

ब्रांडेड साइकिलों की कीमत थोड़ी ज्यादा जरूर है, लेकिन यहां सभी सोसाइटीज को ध्यान में रखा गया है। सैफ ताज के मुताबिक कानपुराइट्स समेत कोई भी देशवासी इन साइकिलों को ईजी इंस्टॉलमेंट्स पर खरीद सकता है। 222.ह्म्द्गठ्ठश2ठ्ठद्गस्रड्ढद्बद्मद्गह्य.ष्शद्व पर जाकर इनकी बुकिंग करवाई जा सकती है। चूंकि अभी इंडिया में दोनों ही कम्पनियों के शोरूम नहीं हैं। इसलिए जनवरी से पहले इनकी डिलेवरी इटली से ही होगी। डिलेवरी के दौरान साइकिल के रेट में सभी तरह के टैक्सेज शामिल होंगे। यानि होम डिलेवरी के दौरान कस्टमर से कोई भी एक्स्ट्रा चार्ज नहीं चुकाने पड़ेंगे. 

बाइकाथन में करेंगे पार्टिसिपेट

आई नेक्स्ट के बाइकाथन इवेंट की तारीफ करते हुए दोनों ही एंटरप्रेन्योर्स ने कहा कि वो इन ‘बाइक्स’ के साथ बाइकाथन में भी पार्टिसिपेट करेंगे। सैफ-यासिर ने बताया कि उनके डेली शिड्यूल में साइकलिंग अहम हिस्सा है। इसलिए 1 दिसंबर को सुबह 9 बजे आई नेक्स्ट के बाइकाथन इवेंट में ग्रीन पार्क से कम्पनी बाग तक साइकिल जरूर चलाएंगे. 

स्पेशल फीचर्स से लैस : 

- 27 गियर (24 गियर पीछे और 3 गियर आगे) 

- फोल्डेबल यानि साइकिल को मोडक़र बैग में रखने की सुविधा. 

- बैम्बू, कार्बन लाइट फाइबर, हाई-टेक स्टील की 5-16 किलो तक की फ्रेम बॉडी. 

- ड्युअल सस्पेंशन (फ्रंट के अलावा रियर व्हील में भी सस्पेंशन)

- जेल सैडल सीट (जीन लगी सीट के अंदर एक खास किस्म का जेल भरा होता है। इससे बैकबोन पेन, स्लिप डिस्क के पेशेंट्स भी ईजी राइड ले सकते हैं. 

- हेड और टेल रिफ्लेक्टर लाइट्स।  

- कोहरे या अंधेरे में एक्सीडेंट से बचने के लिए स्पेशल टेल लाइट। साइकिल चलाने पर  दोनों तरफ रोशनी भी बनी रहती है। सामने या पीछे से आ रहा वेहिकल डिस्टेंस मेंटेन करते हुए निकल जाता है. 

- लॉक अलार्म सिस्टम 

- ट्यूबलेस टायर 

- पंचर-हीलिंग जेल। टायर-ट्यूब पंचर होने पर एक खास किस्म का जेल लगा दिया जाता है। इससे टायर खुद ब खुद हील-अप हो जाता है।

- किसी भी ऑर्डनरी साइकिल वर्कशॉप में रिपेयरिंग पॉसिबल. 

- टॉप गियर पर आते ही चेन उतरने का होगा एहसास, लेकिन बढ़ती रहेगी स्पीड. 

एसेसरीज भी खास : 

साइकिल की तरह उसकी सपोर्टिंग एसेसरीज भी बेहद स्पेशल है। जिनकी अपनी यूनिकनेस है. 

- क्लोदिंग (विंटर-समर सीजन के लिए अलग-अलग फैब्रिक स्पोर्टी आउटफिट)

- हेलमेट 

- सन ग्लासेज 

- ग्लव्स, नी-सेफ्टी गार्ड