बीजेपी के पीएम कैंडीडेट नरेंद्र मोदी की कानपुर रैली को विस्फोटों से दहलाने की साजिश कानपुर पुलिस और इंटेलीजेंस की सर्तकता के चलते फेल हो गई थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार ये बात पटना में विस्फोटों के बाद धर दबोचे गए आतंकियों ने खुद स्वीकार की है। अब एक्सट्रीमिस्ट ग्रुप के इन पांच आतंकियों को शहर में पनाह देने वालों को धर दबोचने की कोशिश चल रही है। वहीं सिटी पुलिस ये जानकारी भी हासिल करने में लगी है कि आतंकी ‘मौत’ का साजो-सामान शहर तक कैसे लाए होंगे। किन लोगों ने उनकी मदद की। खबर है कि शहर में आतंकियों के दो संपर्क सूत्रों को उठा लिया गया है, वहीं कई को जल्द गिरफ्तार किया जा सकता है। वहीं पटना और बिहार के कई जिलों की पुलिस शहर पुलिस के कप्तान के लगातार संपर्क में है. 
बिहार पुलिस सतर्क क्यों नही हुई?
सूत्रों के अनुसार मोदी की रैली से पूर्व हमले के अंदेशे वाली सूचना सिटी पुलिस को गुजरात से मिली थी।  जिस पर एसएसपी कानपुर ने दोबारा ऑफिसर्स के साथ मीटिंग कर रातों-रात कई बदलाव किए थे। गुजरात पुलिस के एडीजी इंटेलीजेंस ने हर उस राज्य के पुलिस प्रमुखों को सर्तक रहने की सूचना दी जहां पर मोदी की रैलियां होनी हैं। अब सवाल ये है कि जब कानपुर पुलिस सूचना पर सतर्क होकर आतंकी कार्रवाई को सफलता पूर्वक रोक ले गई तो बिहार पुलिस ऐसा क्यों नहीं कर सकी। सवाल उठ रहे हैं कि मोदी की रैली पर हमले का प्लान बनाकर आए आतंकियों को शहर पुलिस ने आईडेंटिफाई तक कर लिया था. 
ऑफिसर्स को किया था अलर्ट
गुजरात पुलिस की रिपोर्ट पर एसएसपी यशस्वी यादव ने सभी ऑफिसर्स को अलर्ट कर दिया था। सोर्सेज के मुताबिक उन्होंने कोई भी चूक न हों, इसके लिए खुद रात में दोबारा सिक्योरिटी चेक की थी। उन्होंने गुजरात पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर पांच आंतकियों की फोटो एंट्री गेट्स पर लगवा दी थी, ताकि कोई भी उन्हें पहचान कर पुलिस को सूचना दे सके.
बुलेट प्रूफ मंच भी आ गया था
कानपुर में नरेंद्र मोदी के आने से एक घंटे पहले पुलिस को दोबारा गुजरात पुलिस ने आंतकी हमले की रिपोर्ट दी थी। जिस पर आनन फानन में मोदी के लिए बुलेट प्रूफ मंच तैयार किया गया, लेकिन मोदी ने बुलेटप्रूव मंच लेने से मना कर दिया। एसएसपी यशस्वी यादव ने रैली की शुरुआत से लेकर खत्म होने तक हर पल की रिपोर्ट ली, ताकि कोई अफसर लापरवाही न दिखाए.
लांचर से होना था हमला
गुजरात पुलिस से सिटी पुलिस को मिली सूचना के अनुसार कानपुर में नरेंद्र मोदी रैली पर आंतकी ‘इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस’ (आईईडी) और रॉकेट लांचर से हमला कर सकते हैं. 
रैली से पूर्व शहर आ चुके थे !
कानपुर में नरेंद्र मोदी की रैली से पूर्व आंतकियों के आने की सूचना भी आईबी को मिली थी। रिपोर्ट के मुताबिक रैली से पूर्व आतंकी शहर आ गए थे, वे रैली स्थल में जाकर टोह लेने (रेकी करने) के इरादे से लग रहे.
शाहिद की तलाश में जुटी पुलिस
पटना में सीरियल ब्लास्ट के बाद सुरक्षा एजेंसी नरेंद्र मोदी की पिछली रैली की रिपोर्ट भी खंगाल रही है, ताकि उनको कोई क्लू मिले, जिसमें कानपुर में मोदी की रैली से पूर्व आईबी रिपोर्ट को सुरक्षा एजेंसी ने संज्ञान लिया है। जिसके बाद अब सुरक्षा एजेंसी शाहिद नाम के युवक की तलाश कर रही है। इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) के सदस्य तहसीन के कानपुर से तार जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है। जिसके आधार पर सुरक्षा एजेंसी ने एसएसपी यशस्वी यादव से संपर्क किया है. 
गुजरात के एडीजी इंटेलीजेंस ने कानपुर में नरेंद्र मोदी की रैली के पूर्व आतंकी हमले की आशंका वाली इनपुट दी थी। जिसके आधार पर फौरी कार्रवाई कर चौकसी बरती। संदिग्धों के कलर्ड स्केच भी रैली स्थल गेट्स पर लगवा दिए गए थे। गुजरात पुलिस और अपने इनपुट के आधार पर हम आगे की कार्रवाई कर रहे हैं.
-यशस्वी यादव, एसएसपी कानपुर
बीजेपी के पीएम कैंडीडेट नरेंद्र मोदी की कानपुर रैली को विस्फोटों से दहलाने की साजिश कानपुर पुलिस और इंटेलीजेंस की सर्तकता के चलते फेल हो गई थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार ये बात पटना में विस्फोटों के बाद धर दबोचे गए आतंकियों ने खुद स्वीकार की है। अब एक्सट्रीमिस्ट ग्रुप के इन पांच आतंकियों को शहर में पनाह देने वालों को धर दबोचने की कोशिश चल रही है। वहीं सिटी पुलिस ये जानकारी भी हासिल करने में लगी है कि आतंकी ‘मौत’ का साजो-सामान शहर तक कैसे लाए होंगे। किन लोगों ने उनकी मदद की। खबर है कि शहर में आतंकियों के दो संपर्क सूत्रों को उठा लिया गया है, वहीं कई को जल्द गिरफ्तार किया जा सकता है। वहीं पटना और बिहार के कई जिलों की पुलिस शहर पुलिस के कप्तान के लगातार संपर्क में है. 

बिहार पुलिस सतर्क क्यों नही हुई?

सूत्रों के अनुसार मोदी की रैली से पूर्व हमले के अंदेशे वाली सूचना सिटी पुलिस को गुजरात से मिली थी।  जिस पर एसएसपी कानपुर ने दोबारा ऑफिसर्स के साथ मीटिंग कर रातों-रात कई बदलाव किए थे। गुजरात पुलिस के एडीजी इंटेलीजेंस ने हर उस राज्य के पुलिस प्रमुखों को सर्तक रहने की सूचना दी जहां पर मोदी की रैलियां होनी हैं। अब सवाल ये है कि जब कानपुर पुलिस सूचना पर सतर्क होकर आतंकी कार्रवाई को सफलता पूर्वक रोक ले गई तो बिहार पुलिस ऐसा क्यों नहीं कर सकी। सवाल उठ रहे हैं कि मोदी की रैली पर हमले का प्लान बनाकर आए आतंकियों को शहर पुलिस ने आईडेंटिफाई तक कर लिया था. 

ऑफिसर्स को किया था अलर्ट

गुजरात पुलिस की रिपोर्ट पर एसएसपी यशस्वी यादव ने सभी ऑफिसर्स को अलर्ट कर दिया था। सोर्सेज के मुताबिक उन्होंने कोई भी चूक न हों, इसके लिए खुद रात में दोबारा सिक्योरिटी चेक की थी। उन्होंने गुजरात पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर पांच आंतकियों की फोटो एंट्री गेट्स पर लगवा दी थी, ताकि कोई भी उन्हें पहचान कर पुलिस को सूचना दे सके।

बुलेट प्रूफ मंच भी आ गया था

कानपुर में नरेंद्र मोदी के आने से एक घंटे पहले पुलिस को दोबारा गुजरात पुलिस ने आंतकी हमले की रिपोर्ट दी थी। जिस पर आनन फानन में मोदी के लिए बुलेट प्रूफ मंच तैयार किया गया, लेकिन मोदी ने बुलेटप्रूव मंच लेने से मना कर दिया। एसएसपी यशस्वी यादव ने रैली की शुरुआत से लेकर खत्म होने तक हर पल की रिपोर्ट ली, ताकि कोई अफसर लापरवाही न दिखाए।

लांचर से होना था हमला

गुजरात पुलिस से सिटी पुलिस को मिली सूचना के अनुसार कानपुर में नरेंद्र मोदी रैली पर आंतकी ‘इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस’ (आईईडी) और रॉकेट लांचर से हमला कर सकते हैं. 

रैली से पूर्व शहर आ चुके थे !

कानपुर में नरेंद्र मोदी की रैली से पूर्व आंतकियों के आने की सूचना भी आईबी को मिली थी। रिपोर्ट के मुताबिक रैली से पूर्व आतंकी शहर आ गए थे, वे रैली स्थल में जाकर टोह लेने (रेकी करने) के इरादे से लग रहे।

शाहिद की तलाश में जुटी पुलिस

पटना में सीरियल ब्लास्ट के बाद सुरक्षा एजेंसी नरेंद्र मोदी की पिछली रैली की रिपोर्ट भी खंगाल रही है, ताकि उनको कोई क्लू मिले, जिसमें कानपुर में मोदी की रैली से पूर्व आईबी रिपोर्ट को सुरक्षा एजेंसी ने संज्ञान लिया है। जिसके बाद अब सुरक्षा एजेंसी शाहिद नाम के युवक की तलाश कर रही है। इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) के सदस्य तहसीन के कानपुर से तार जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है। जिसके आधार पर सुरक्षा एजेंसी ने एसएसपी यशस्वी यादव से संपर्क किया है. 

गुजरात के एडीजी इंटेलीजेंस ने कानपुर में नरेंद्र मोदी की रैली के पूर्व आतंकी हमले की आशंका वाली इनपुट दी थी। जिसके आधार पर फौरी कार्रवाई कर चौकसी बरती। संदिग्धों के कलर्ड स्केच भी रैली स्थल गेट्स पर लगवा दिए गए थे। गुजरात पुलिस और अपने इनपुट के आधार पर हम आगे की कार्रवाई कर रहे हैं।

-यशस्वी यादव, एसएसपी कानपुर