बहुत मुश्किल है सानिया बनना

सानिया मिर्जा ने अपने जीवन से जुड़े विवादों के बारे में कहा कि अगर वह पुरुष होती तो उन्हें इतने विवादों से दो चार नही होना पड़ता. गौरतलब है कि सानिया को कभी उनके तंग कपड़ों, कभी पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ी से शादी करने तो कभी किसी राज्य की ब्रांड एंबेसडर बनने की वजह से विवादों से जूझना पड़ा है. सानिया ने कई बार इन विवादों से तंग आकर अपनी सफाई भी पेश की है. लेकिन विवादों ने कभी सानिया का साथ नही छोड़ा. इन विवादों के बारे में बात करते हुए सानिया ने कहा कि भारत में आज भी लिंग भेद मौजूद है. इसकी वजह से सानिया बनना काफी मुश्किल है.

सानिया बनी यूएन की सदभावना दूत

सानिया मिर्जा को यूएन की तरफ से साउथ एशियन रीजन के लिए सदभावना दूत बनाया गया है. इस रोल के तहत वह महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ अत्याचारों के खिलाफ अभियान चलाएंगी. इसके साथ ही वह लिंग समानता के लिए लोगों में अवेयरनेस फैलाने का काम भी करेंगी. गौरतलब है कि सानिया साउथ एशियन प्रशांत क्षेत्र की पहली ऐसी महिला हैं जिन्हें इस रोल पर नियुक्त किया गया है.

खेलों में महिलाओं की जरूरत

इसके साथ ही सानिया ने कहा कि उन्हें लगता है कि खेलों में अधिक से अधिक महिलाओं को भाग लेना चाहिए. हमारे कल्चर को बदलने की जरुरत है. इसके साथ ही सानिया ने कहा कि सरकार इस कार्य में योगदान दे रही है जिससे कई चीजों में चेंज आने की उम्मीद है. इसके साथ ही सानिया ने वर्तमान खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल की तारीफ करते हुए कहा कि खेलमंत्री महिला खेलों को अत्यधिक महत्व देते हैं.

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