साइंटिस्ट और रिसर्चस की टीम पानी और सन लाइट से फ्यूल बनाने के करीब पहुंच गई है. इसके लिए उन्होंने फोटोसेथिसिस की फील्ड में एक क्रूशियल स्टेप बढ़ाया है. अगर ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी रिसर्च स्कूल ऑफ बायोलॉजी के एआरसी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ट्रांस्लेशनल फोटोसिंथेसिस के डॉ. कस्तूरी हिंगोरानी की बात माने तो उन्होंने बताया है की दुनिया में पानी और सन लाइट सफीशियेंट क्वाइंटिटी में अवेलेबल है और इसकी हेल्प से चीपली और सेफली हाइड्रोजन क्रिएट की जा सकती है. इससे तैयार हाइड्रोजन पेट्रोलियम प्रोडैक्टस के कंपेरिजन में बेहद सेफ और कार्बनलेस फ्यूल आप्शन बन सकता है.

ट्रेडीशनल फ्यूल के आप्शन के तौर पर हाइड्रोजन बेहद सेफ और कार्बन फ्री है, इसका यूज पहले ही स्पेसक्राफ्ट लॉन्च के लिए किया जा चुका है. इस रिसर्च टीम ने एक स्पेशल इलेक्ट्रिकल हर्टबीट वाला प्रोटीन तैयार किया है जो फोटो सिंथेसिस प्रोसेज के लिए जरूरी है. इस फ्यूल को यूज करने वाली अनकंवेंशनल फ्यूल फ्रेंडली कार के डिजाइन पर भी काम स्टार्ट हो चुका है और इसके मिड 2017 तक रोडस पर उतारा जा सकेगा.

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