कम होंगी IT सेक्टर में नौकरियां

नैसकॉम के चेयरमैन और कॉग्निजेंट इंडिया के एग्जिक्युटिव वाइस चेयरमेन आर चंद्रशेखरन ने बताया, 'इंडस्ट्री अपनी रेवेन्यू से एंप्लॉयीज की संख्या का संबंध कम से कम करने की ओर बढ़ रही है. हम हायरिंग करते रहेंगे, लेकिन भर्तियों की रफ्तार में बदलाव होगा.' भारतीय आउटसोर्सिंग कंपनियां अब तक अपने विदेशी क्लाइंट्स से उनके प्रोजेक्ट्स पर काम करने वाले प्रोफेशनल्स के आधार पर पैसे लेती आ रही थीं. अब इस ट्रैंड में बदलाव देखा जा रहा है. विदेशी कंपनियां सामान्य स्तर के कार्यों के लिए ऑटोमेशन की मदद ले रही हैं. ऐसे में नई नौकरियों के पैदा होने में कमी होने की संभावना है.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में आएंगी नौकरियां

नैसकॉम की रिपोर्ट कहती है कि आने वाले साल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्लाउड टेक्नोलॉजी की जानकारी रखने वाले युवाओं को नौकरी पाने में आसानी होगी. फ्रेश ग्रेजुएट्स को पहली नौकरी पाने में ही दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है. आईटी इंडस्ट्री के अपनी बेहतरीन स्थिति में रहने के बावजूद नौकरियों का आंकड़ा 2.3 लाख के पार नहीं पहुंच सकता. एंबिट कैपिटल के एनालिस्ट सागर रस्तोगी ने कहा, 'हायरिंग निश्चित तौर पर रेवेन्यू ग्रोथ के मुकाबले सुस्त होगी. इसकी वजह ऑटोमेशन नहीं है, बल्कि यह है कि आईटी कंपनियां अपने मौजूदा एंप्लॉयीज को ज्यादा प्रॉडक्टिव बनाने की कोशिश कर रही हैं. सुस्त रफ्तार से मिडिल मैनेजमेंट प्रभावित होगा. इसके साथ ही लोअर लेवल के एंप्लॉयीज पर गाज गिरेगी, जो ऑटोमेशन का हिस्सा नहीं हो सकते.'

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