नंबर गेम
2 लाख लोग रोज गुजरते हैं यहां से
80 हजार लोग हमेशा रहते हैं मौजूद
150 छोटी-बड़ी दुकानें रोड पर
15 हजार के करीब वाहन रहते हैं रोड पर
- चारबाग से रविंद्रालय तक जाने में 5 मिनट नहीं लगता है आधा घंटा
- दिन-रात खुली रहती हैं 150 से अधिक दुकानें, लगता है जाम
- रोड पर खड़े ऑटो, ई रिक्शा, सिटी बसें भी रोक रही हैं वाहनों की रफ्तार
lucknow@inext.co.in
LUCKNOW: 650 मीटर की दूरी लेकिन इसे पार करने में सबके के पसीने छूट जाते हैं. चारबाग बस अड्डे से रविंद्रालय तक की इस दूरी को 5 मिनट में तय किया जा सकता है लेकिन गलत तरीके से खड़े वाहन और रोड के दोनों ओर लगी दुकानों के चलते इस दूरी को तय करने में आधा घंटा लग जाता है. आलम यह है कि मेट्रो चलने से पहले यहां रोड पर 60 दुकानें थीं जिनकी संख्या अब बढ़कर 150 के करीब पहुंच गई है.
मुसीबत बनी मेट्रो की छांव
80 फीट चौड़ी इस रोड पर काफी समय से दुकान लगा रहे एक व्यक्ति ने बताया कि मेट्रो से पहले यहां 60 दुकानें थीं. जब से मेट्रो का निर्माण हुआ और रोड के एक हिस्से में उसकी छांव पहुंचने लगी दुकानों की संख्या बढ़ने लगी. इस समय यहां करीब 150 दुकानें हो गई हैं. मेट्रो स्टेशन के सामने से तो दुकानों को हटा दिया जाता है लेकिन बाकी जगहों पर लगी दुकानों पर पुलिस की नजर नहीं जाती है. जबकि नत्था होटल के सामने पुलिस बूथ में हमेशा पुलिस मौजूद रहती है.
पैसेंजर्स को पकड़ने की होड़
चारबाग रेलवे और बस स्टेशन आने वाले यात्रियों को पकड़ने के लिए रोड पर ऑटो, टेम्पो, ई रिक्शा और सिटी बसें खड़ी रहती हैं. जिससे यहां हर समय जाम लगा रहता है. ऑटो को पीली पट्टी के अंदर खड़ा होना चाहिए लेकिन आधी से ज्यादा रोड पर इनका कब्जा रहता है. इस जगह ई रिक्शा बैन हैं लेकिन हर जगह ये सवारियां बैठाते-उतारते दिख जाते हैं. यहां एक समय में सिर्फ दो सिटी बसें खड़ी होने की जगह दी गई है लेकिन आठ-दस बसें यहां खड़ी रहती हैं.
कोट
ट्रैफिक पुलिस ने यहां ऑटो खड़ी करने के लिए पीली पट्टी खिंचवाई थी. कई ऑटो चालक उसमें वाहन खड़े करते हैं. वहीं अधिकांश ऑटो चालक अपने वाहन रोड पर ही आड़ा तिरछा लगा देते हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
पंकज दीक्षित, अध्यक्ष
लखनऊ ऑटो रिक्शा थ्री व्हीलर्स एसोसिएशन
कोट
सिटी बसें गलत ढंग से खड़ी हो रही हैं तो उन पर एक्शन लिया जाएगा. सिटी बसों के लिए जगह चिन्हित की गई है. वहां सिर्फ दो ही सिटी बसें खड़ी हो सकती हैं.
आरिफ सकलेन, एमडी
सिटी बस प्रबंधन
कोट
समय-समय पर उस क्षेत्र में डग्गामार और अवैध पार्किंग के खिलाफ अभियान चलता है. रेलवे स्टेशन और बस अड्डा वहां होने से लगातार वहां भीड़ बढ़ रही है.
संजीव गुप्ता, एआरटीओ प्रवर्तन
आरटीओ ऑफिस
कोट
यहां जाम हटाने पुलिस प्रशासन के साथ डीएम तक को प्रार्थनापत्र दिया. कई बार मौके पर जांच भी कराई गई लेकिन सुनवाई नहीं हुई. कई साल से समस्या बनी हुई है. जाम में स्कूली बच्चे भी फंसे रहते हैं.
पवन मनोचा, अध्यक्ष
चारबाग-नाका जोन व्यापार मंडल
कोट
यह समस्या नासूर बन गई है. अब चारबाग वही आते हैं जिनकी मजबूरी है. इसका खामियाजा व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है. जाम खत्म हो तो व्यापारियों को राहत मिले.
इंद्रजीत सिंह, वरिष्ठ महामंत्री
चारबाग-नाका जोन व्यापार मंडल