सुप्रीम कोर्ट ने इटली के राजदूत डेनियल मेंसिनी के देश छोड़कर जाने पर पाबंदी लगाने वाला अपना 14 मार्च का आदेश ट्यूज्डे को वापस ले लिया है. कोर्ट का यह आदेश इटली द्वारा भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी नौसैनिकों को मुकदमे की सुनवाई के लिए भारत भेजने के बाद आया है. साथ ही कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया है कि मामले की जांच एनआईए ही करेगा.

इससे पहले इटली ने नौसैनिकों को भारत भेजने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद कोर्ट ने इटली के राजदूत के देश छोड़ने पर पाबंदी लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने ही आरोपी नौसैनिकों को इटली के इलेक्शन में वोटिंग के लिए स्वदेश जाने की अनुमति दी थी. मेंसिनी ने तब कोर्ट से वादा किया था कि नौसैनिक लौट आएंगे, लेकिन बाद में इटली गवर्नमेंट इससे मुकर गई थी.

कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 अप्रैल की तारीख निर्धारित की है, ताकि गवर्नमेंट यह बता सके कि फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करने की दिशा में क्या कदम उठाए गए हैं. वहीं, इटली गवर्नमेंट की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि मामले की सुनवाई मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत और मामले की जांच एनएआई को सौंपी गई है जबकि न तो एनआईए और न ही सीजेएम की कोर्ट को इस मामले को निपटाने का अधिकार है.

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