रेटिंग एजेंसी ने इस आकंलन के लिए यूरोप में कर्ज़ संकट से उभरने के लिए दीर्घकालीन उपायों से जुड़े ख़तरों को बताया है। एजेंसी ने कहा है कि यूरोप में सरकारों के घाटे कम करने की क्षमता में विश्वास घटा है।

इटली के प्रधानमंत्री सिलवियो बर्लुस्कोनी ने कहा है कि मूडीज़ का ये क़दम प्रत्याशित था। प्रधानमंत्री बर्लुस्कोनी ने कहा, “इटली की सरकार पूरी प्रतिबद्धता से अपने बजट के उद्देश्यों पर काम कर रही है। ” उन्होंने कहा कि साल 2013 तक सरकार के बजट के संतुलित करने की योजना को यूरोपीय कमिश्न ने अनुमोदित कर दिया है।

क्रेडिट रेटिंग नीचे किए जाने के तुरंत बाद शेयर बाज़ार थोड़े ख़ामोश दिखे। ये ख़बर न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज के बंद होने के आधे घंटे बाद आई। लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि बाज़ार बंद होने के बाद होने वायदा बाज़ार में क़रीब एक प्रतिशत की गिरावट आई होगी। उधर इस ख़बर के आते ही यूरो डॉलर के मुक़ाबले 0.5% कमज़ोर हो गया।

जानकारों का कहना है कि देश की क्रेडिट रेटिंग नीचे किए जाने के बाद अब इटली के बैंकों की बारी आएगी क्योंकि अब उनकी कर्ज़ा लेने की क्षमता दबाव में आ जाएगी।

बीबीसी ने बिज़नेस संपादक रॉबर्ट पेस्टन कहते हैं, “रेटिंग नीचे किए जाने से अब इटली को कर्ज़ और भी मुश्किल हो जाएगा। लेकिन ये सबसे बुरी बात नहीं है। अगर इटली उधार देने के लिए जोख़िम भरी जगह है तो वहां बैंकों का कर्ज़ ले पाना बहुत मुश्किल और महंगा हो जाएगा। इससे यूरोपीय क्षेत्र का बैकिंग संकट हो गहरा जाएगा। ”

जिस वजह से ये क्रेडिट रेटिंग नीचे की गई है उससे तो यूरोपीय क्षेत्र के स्पेन जैसे देश की चिंता भी बढ़ जाएगी।

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