- शहर के बिगड़े ट्रैफिक सिस्टम को सुधारने के लिए करोड़ों की लागत से तैयार ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम ने तोड़ा दम

-बजट को तरस रहा सिस्टम मेंटिनेस के अभाव में हो गया चौपट, लाखों कानपुराइट्स की उम्मीदों को फिर लगा झटका

-चौराहों पर अव्यवस्थित ढंग से जल रही ट्रैफिक लाइट्स पैदा कर रहीं कंफ्यूजन, चौराहों पर रोजाना लग रहा जाम

KANPUR@inext.com

KANPUR : शहर की सबसे बड़ी समस्या खस्ताहाल ट्रैफिक सिस्टम को सुधारने के लिए करोड़ों की लागत से इंट्रीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम( आईटीएमएस) तैयार किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इसका इनॉग्रेशन किया लेकिन चार महीने में ही सिस्टम पूरी तरह ध्वस्त हो गया। व्यवस्थित ट्रैफिक और जाम से मुक्ति की उम्मीदें एक बार फिर धराशायी हो गई। पहले दिन से ही बजट की समस्या से जूझ रहा सिस्टम मेंटिनेंस के अभाव में दम तोड़ रहा है। शहर के मुख्य चौराहों पर ट्रैफिक लाइटों की टाइमिंग सेट न होने से वाहन सवारों के बीच कंफ्यूजन पैदा होता है जिससे भीषण जाम लगता है। वहीं, ट्रैफिक पुलिस को भी यातायात व्यवस्थित करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

बेतरतीब हुआ चौराहों पर ट्रैफिक

इसी साल बड़ा चौराहा और विजयनगर चौराहे पर ई-चालान का सिस्टम शुरू किया गया था। साथ ही ट्रैफिक लाइटों को ट्रैफिक के अनुसार सेट किया गया था, जिससे इन चौराहों पर वाहन सवार आटोमेटिक ट्रैफिक लाइट सिस्टम को फॉलो कर सकें और ई-चालान से बच सकें। लेकिन, मेंटीनेंस के अभाव में लाइटिंग सिस्टम गड़बड़ा जाने से ट्रैफिक पीक आवर में अव्यवस्थित हो जाता है और राहगीरों को भीषण जाम का सामना करना पड़ता है।

32 करोड़ भी नहीं आए काम

32 करोड़ की लागत से तैयार हुआ आइटीएमएस लागू होने के बाद शहर के कुछ मुख्य चौराहों विजयनगर, बड़ा चौराहा आदि चौराहों पर ट्रैफिक व्यवस्था सुचारु होती नजर आई थी। लोग चौराहों पर लाइट्स को फॉलो करते दिख रहे थे। वर्तमान में विजयनगर, फजलगंज, सीटीआई, जरीब चौकी समेत एक दर्जन व्यस्तम चौराहों पर लाइट्स खराब होने से यातायात अव्यवस्थित हो चुका है। मनमाने ढंग से ट्रैफिक संचालित होने से अक्सर चौराहों पर जाम देखने को मिलता है।

सिस्टम का खराबी से पुराना वास्ता

मई में शुरू हुए इस हाईटेक सिस्टम कभी भी पूरी तरह से चला ही नहीं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद इस सिस्टम का इनॉग्रेशन किया था। शुरुआत महज दो चौराहों विजय नगर और बड़ा चौराहा से हुई लेकिन, एक सप्ताह बाद ही विजयनगर चौराहे पर सिस्टम खराब हो गया था। किसी तरह सिस्टम चालू हुआ लेकिन करीब एक महीने बाद फिर से इसमें तकनीकी खराबी आई।

चौराहों पर हमेशा रेड लाइट

माल रोड एलआइसी चौराहा हो, फजलगंज चौराहा हो या फिर विजयनगर चौराहा खामियों के कारण इन चौराहों पर अक्सर आपको रेड ट्रैफिक लाइट ही जलती या ब्लिंक करती मिलेगी। इन चौराहों पर सिपाही व होमगार्ड के हाथों के इशारे पर ट्रैफिक चल रहा है।

टूट रहे नियम, ई-चालान का भी डर नहीं

शहर में ई चालान शुरू हो चुके हैं। लेकिन, वाहन सवारों पर लाइटों के अव्यवस्थित ढंग से जलने के कारण कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा है। ट्रैफिक पुलिस के अनुसार विजयनगर चौराहे पर करीब 185 लोगों ने रेड लाइट जंप की। वहीं 3 हजार से ज्यादा वाहन ड्राइवर जेब्रा क्रासिंग या उससे आगे जाकर रुके। जिनका चालाना किया गया है।

मूलगंज, जरीब चौकी पर सबसे बुरा हाल

मूलगंज व जरीब चौकी चौराहा सबसे बदहाल स्थिति में है। यहां पहले भी ऐसे हालात बन चुके हैं। वाहन चालक जहां मर्जी घुसते जाते हैं। जरीब चौकी पर सिपाही एक तरफ का ट्रैफिक रोक भी लेते हैं, तो बाकी दिशाओं से आ रहे वाहन चालकों को नहीं रोक पाते हैं, जिससे दिन भर जाम की स्थिति बनी रहती है। पीक ऑवर्स में तो बहुत बुरा हाल रहता है।

वर्जन

चौराहों पर लाइटें क्यों व्यवस्थित ढंग से नहीं जल रही हैं, इसकी जांच कराई जाएगी। आईटीएमएस ठीक से काम करने की जानकारी नहीं है। ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-सुशील कुमार, एसपी ट्रैफिक

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- 32 करोड़ रुपए शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुचारु करने को खर्च किए गए थे।

- 68 चौराहों पर आधुनिक ट्रैफिक लाइट्स को व्यवस्थित किया गया था।

- 1000 से ज्यादा वाहन सवार रोज कंफ्यूजन में तोड़ रहे ट्रैफिक रूल्स

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पब्लिक वर्जन

- ट्रैफिक लाइट्स के काम न करने के कारण वाहन सवार ट्रैफिक रूल्स अनजाने में भी तोड़ते हैं। सभी चौराहों पर लाइट्स लगी हुई हैं, लेकिन इनका कोई यूज नहीं है।

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- ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही के कारण ही शहर की यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। कभी लाइट्स काम नहीं करतीं तो कभी ट्रैफिक पुलिस ही नदारद हो जाती है।

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- विजयनगर चौराहे पर लोगों को नियमों का पालन कराने के लिए शुरुआत में रस्सी का इस्तेमाल कराया जाता था। अब लाइटों के खराब होने के कारण लोग सिर्फ सिपाहियों या होमगार्ड के इशारों पर निर्भर हैं।

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