- प्राइवेट डॉक्टर्स को देना होगा अपनी क्लीनिकों का हिसाब-किताब

- झोलाछाप को पकड़ने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट का एक्सपेरिमेंट

ALLAHABAD: झोलाछाप डॉक्टरों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट नया एक्सपेरिमेंट करने जा रहा है। डिपार्टमेंट अपने यहां रजिस्टर्ड डिग्रीधारी प्राइवेट डॉक्टर्स से उनकी प्रेक्टिस का ब्यौरा तलब करने जा रहा है, जिससे पता चल सके वह कहां-कहां अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ऑफिसर्स की मानें तो इस जानकारी के बेस पर झोलाछाप डॉक्टरों की धर-पकड़ आसान हो जाएगी।

ये है दोनों के बीच कनेक्शन

आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर झोलाछाप और डिग्रीधारी डॉक्टर्स के बीच क्या कनेक्शन है। चलिए हम बताते हैं। दरअसल, झोलाछाप किसी गांव या कस्बे में बड़े डॉक्टर्स के नाम का यूज कर धड़ल्ले से अपनी क्लीनिक चलाते हैं। इससे उनको बड़ी संख्या में मरीज मिलते हैं। कई बार कार्रवाई के दौरान हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम को परेशानी का सामना भी करना पड़ता है। यही रीजन है कि डिपार्टमेंट अब डिग्रीधारी डॉक्टरों से पूछेगा कि वह कहां-कहां अपनी सेवाएं रहे हैं। इसकी जानकारी लिखित में दी जाएगी। इसके लिए डिपार्टमेंट एक पर्टिकुलर प्रोफॉर्मा भी तैयार कर रहा है।

खत्म हो जाएगा फर्जीवाड़ा

ऑफिसर्स का कहना है कि इस जानकारी के आने के बाद झोलाछाप पर कार्रवाई करना आसान हो जाएगा। पहले से डाटा उपलब्ध होने के बाद अगर किसी क्लीनिक में गलत तरीके से किसी डॉक्टर का नाम लिखा गया है तो तत्काल कार्रवाई की जा सकेगी। जल्द ही सभी रजिस्टर्ड डॉक्टर्स के पास यह प्रोफॉर्मा भेज दिया जाएगा, जिसे भरकर वापस हेल्थ डिपार्टमेंट को देना होगा। अगर किसी डॉक्टर द्वारा दी गई जानकारी जांच में गलत पाई गई तो उसके खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

हंडिया और करछना में हुई थी दिक्कत

पिछले दिनों हेल्थ डिपार्टमेंट ने हंडिया और करछना ब्लॉक में झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई की थी। इस दौरान देखने में मिला कि उनकी क्लीनिक के बाहर डिग्रीधारी डॉक्टरों के नाम लिखे हुए थे। वीक में एक या दो बार उनके बैठने का समय भी दिया गया था। ऐसे में ऑफिसर्स भी कन्फ्यूज थे कि आखिर हकीकत का पता कैसे लगाया जाए। ऐसे में झोलाछाप के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए इस तरह का कदम उठाया जा रहा है।