मुंबई से दाखिल हुई है आरटीआई 
भोजीवुड के पीआरओ शशिकांत सिंह ने 22 मार्च को आरटीआई दाखिल कर फिल्म बंधु के बारे में यूपी गवर्नमेंट से जानकारी मांगी है। अभी तक यूपी में कितनी फिल्मों का निर्माण हुआ, कितने निर्माताओं को अनुदान दिया गया। फिल्मों के निर्माण में क्या-क्या सुविधाएं दी गई आदि सवाल खड़े किए गए हैं। चर्चा हो रही है कि आरटीआई दाखिल होने के बाद सरकार ने आनन-फानन में नया फैसला ले लिया है। फिल्म बंधु में सरकारी सुविधाओं के साथ सिक्योरिटी मुहैया कराने तक की बात हुई थी. 

कोट्स----------
- फिल्म बंधु की योजना समझ में नहीं आ सकी थी। इस बार ठीक से अमल हुआ तो फिल्मों के निर्माण में फायदा मिलेगा। सीएम का यह कदम सराहनीय है. 
डा। विजाहत करीम, फिल्म प्रोड्यूसर 


मेरे आरटीआई दाखिल करने के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। फिल्म बंधु के मामले में क्या हुआ है इसका किसी को पता नहीं चला। यूपी गवर्नमेंट इस पर ठीक से काम करे तो भोजपुरी निर्माताओं को खूब फायदा मिलेगा। हिंदी, अवधी, ब्रज और बुंदेली फिल्मों का निर्माण हो सकेगा. 
शशिकांत सिंह, फिल्म पीआरओ 

यह पहले भी हो चुका है। इसका लाभ यूपी में किसी को नहीं मिल सका। मुलायम सिंह के कार्यकाल में फिल्म को टैक्स फ्री किया गया था। इसमें कुछ खास फिल्मों को ही टैक्स फ्री किया गया। भोजपुरी को ठीक से इसका लाभ नहीं मिला। अबकी बार भी इसका लाभ कुछ खास लोगों को ही मिलेगा। पूर्वांचल के लोग सिर्फ ताकते रह जाएंगे. 
रतन सिन्हा, फिल्म डाइरेक्टर 

मुंबई से दाखिल हुई है आरटीआई 

भोजीवुड के पीआरओ शशिकांत सिंह ने 22 मार्च को आरटीआई दाखिल कर फिल्म बंधु के बारे में यूपी गवर्नमेंट से जानकारी मांगी है। अभी तक यूपी में कितनी फिल्मों का निर्माण हुआ, कितने निर्माताओं को अनुदान दिया गया। फिल्मों के निर्माण में क्या-क्या सुविधाएं दी गई आदि सवाल खड़े किए गए हैं। चर्चा हो रही है कि आरटीआई दाखिल होने के बाद सरकार ने आनन-फानन में नया फैसला ले लिया है। फिल्म बंधु में सरकारी सुविधाओं के साथ सिक्योरिटी मुहैया कराने तक की बात हुई थी. 

 

फिल्म बंधु की योजना समझ में नहीं आ सकी थी। इस बार ठीक से अमल हुआ तो फिल्मों के निर्माण में फायदा मिलेगा। सीएम का यह कदम सराहनीय है. 

डा। विजाहत करीम, फिल्म प्रोड्यूसर 

मेरे आरटीआई दाखिल करने के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। फिल्म बंधु के मामले में क्या हुआ है इसका किसी को पता नहीं चला। यूपी गवर्नमेंट इस पर ठीक से काम करे तो भोजपुरी निर्माताओं को खूब फायदा मिलेगा। हिंदी, अवधी, ब्रज और बुंदेली फिल्मों का निर्माण हो सकेगा. 

शशिकांत सिंह, फिल्म पीआरओ 

यह पहले भी हो चुका है। इसका लाभ यूपी में किसी को नहीं मिल सका। मुलायम सिंह के कार्यकाल में फिल्म को टैक्स फ्री किया गया था। इसमें कुछ खास फिल्मों को ही टैक्स फ्री किया गया। भोजपुरी को ठीक से इसका लाभ नहीं मिला। अबकी बार भी इसका लाभ कुछ खास लोगों को ही मिलेगा। पूर्वांचल के लोग सिर्फ ताकते रह जाएंगे. 

रतन सिन्हा, फिल्म डाइरेक्टर 

report by : arun.kumar@inext.co.in