Lucknow: शहर के विभिन्न एटीएम पर हो चुकी आपराधिक वारदातों के बावजूद इनकी सुरक्षा में तैनात सिक्योरिटी गाड्र्स का रवैया बेहद लापरवाही वाला है। बीती रात 'आई नेक्स्टÓ ने इन एटीएम की सेक्योरिटी की हकीकत जानने के लिए शहर के कई जगहों का दौरा किया लेकिन इस दौरान जो हकीकत दिखी वह होश उड़ाने के लिए काफी थी।

कुछ एटीएम तो लावारिस हालत में मिले जिनमें सिक्योरिटी गाड्र्स तैनात ही नहीं थे और जिनमें यह गाड्र्स तैनात भी थे वह गहरी नींद के आगोश में डूबे हुए थे।

नहीं होती है क्रॉस चेकिंग

दरअसल बैंक, एटीएम की सिक्योरिटी के लिए प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसीज को ठेका दे देते हैं। जिसके बाद यह एजेंसीज इन एटीएम पर गाड्र्स की तैनाती कर देती हैं। लेकिन, तैनाती के बाद इन गाड्र्स की क्रॉस चेकिंग नहीं की जाती। इसलिए गाड्र्स को चेकिंग का भय नहीं रहता और वे मनमाने ढंग से ड्यूटी करते हैं।

बिस्तर बिछाकर ली जाती है नींद

कोई कार्रवाई और चेकिंग का डर न होने के कारण एटीएम की सिक्योरिटी में तैनात यह गाड्र्स इतने बेखौफ हो चुके हैं कि वे अब अपना बिस्तर भी साथ रखते हैं। रात 2.30 बजे शुरू हुए इस स्टिंग ऑपरेशन में टीम ने अशोक मार्ग, विधानसभा गेट नंबर सात व बापू भवन स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम की पड़ताल की। तीनों ही जगह तैनात सिक्योरिटी गाड्र्स सोते हुए मिले।

अशोक मार्ग और विधानसभा गेट नंबर सात के बगल में स्थित एटीएम में तैनात सिक्योरिटी गार्ड बाकायदे बिस्तर बिछाकर व कंबल ओढ़कर गहरी नीद में डूबे हुए थे जबकि बापू भवन के एटीएम का एसी खराब होने के कारण वहां का सिक्योरिटी गार्ड गेट के बगल में कुर्सी डाले सोता मिला। इसके अलावा राजभवन के सामने ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के एटीएम में सिक्योरिटी गार्ड कुर्सी पर नींद का लुत्फ उठाता मिला।

पुलिस के लिए सिरदर्द

एक पुलिस अधिकारी नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि जगह-जगह विभिन्न बैंकों ने एटीएम तो खोल दिये लेकिन इनकी सुरक्षा के लिए खास इंतजाम नहीं किए गए। जिन एटीएम पर सिक्योरिटी गाड्र्स तैनात हैं उन्हें बीट सिपाही गश्त के दौरान कुछ-कुछ समय बाद जगाते रहते हैं लेकिन कुछ एटीएम पर तो सिक्योरिटी गाड्र्स तैनात ही नहीं हैं।

इन एटीएम की सुरक्षा का पूरा जिम्मा पुलिस के  ऊपर रहता है। रात में गश्त के दौरान बीट सिपाही व क्यूआरटी के लिये परेशानी यह होती है कि वह इन एटीएम की रखवाली करें या फिर पूरे क्षेत्र में गश्त करें, क्योंकि अगर किसी एटीएम में कोई घटना घटती है तो भी संबंधित बीट के एसआई व कॉन्सटेबल की नौकरी पर बन आती है जबकि अगर उसके एरिया में चोरी की घटना होती है तो भी वहीं एसआई व कॉन्सटेबल पर जिम्मेदारी तय की जाती है।

इन घटनाओं से नहीं लिया कोई सबक

पिछले आठ महीनों के दौरान कई एटीएम से चोरी करने का प्रयास किया गया। चिनहट, कैंट और गाजीपुर इलाके में चार एटीएम को तोडऩे का प्रयास किया गया लेकिन कहीं भी एटीएम से कैश निकालने में बदमाश कामयाब नहीं हो पाये। कैंट के तेलीबाग में एक्सिस बैंक के एटीएम का शीशा तोड़ कर चोरी का प्रयास किया गया लेकिन बदमाश नाकाम रहे।

इसी तरह चिनहट में भी एक्सिस बैंक के एटीएम का शटर काट कर चोरी का प्रयास किया गया लेकिन आसपास के लोगों के जाग जाने के कारण बदमाशों की मंशा पूरी नहीं हो सकी। गाजीपुर में पंजाब नैशनल बैंक के एटीएम से चोरी का प्रयास किया गया लेकिन एटीएम मशीन डैमेज करते समय अलार्म बज गया और बदमाश एटीएम छोड़ कर भाग गये।

बदमाशों की तस्वीर एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गयी लेकिन पुलिस बदमाशों का सुराग लगाने में नाकाम रही। इन घटनाओं के  सामने आने पर बैंक, सिक्योरिटी एजेंसीज व एटीएम में होने वाले गाड्र्स ने कोई सबक नहीं लिया। इनका लापरवाही भरा यह रवैया कभी भी किसी बड़ी घटना को दावत दे सकता है।

बैंकों के एटीएम में तैनात सिक्योरिटी गार्ड्स की निगरानी हमारे बीट कॉन्सटेबल करते रहते हैं। हालांकि 'आई नेक्स्टÓ के ऑपरेशन से जो स्थिति सामने आई है, उस पर संज्ञान लेते हुए सिक्योरिटी एजेंसीज को पत्र लिखा जायेगा कि वे भी अपने गाड्र्स को क्रॉस चेक करने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

आशुतोष पाण्डेय

डीआईजी/एसएसपी

Reported By : Pankaj Awasthi

लखनऊ