164 बाइकर्स की मौत

पिछले वर्ष सिटी में रोड एक्सीडेंट्स में 757 लोगों की मौत हुई। इनमें सबसे अधिक 164 बाइक व अन्य टू व्हीलर सवार थे। ट्रैफिक पुलिस ऑफिसर्स के मुताबिक, रोड एक्सीडेंट में ज्यादातर बाइकर्स की मौत हेड इंजरी के कारण होती है। हेलमेट पहने होने पर बहुत से लोगों की जान बच सकती थी।

नहीं होगा रजिस्ट्रेशन

एआरटीओ संजीव कुमार ने बताया कि करीब 6 महीने पहले बाइक के साथ हेलमेट लेने का नियम लागू किया गया। जिससे रोड एक्सीडेंट्स में हो रही टू व्हीलर्स चलाने वालों की मौत पर अंकुश लगाया जा सका है। ऐसा सुप्रीमकोर्ट की रूलिंग के बाद किया। आरटीओ में बाइक व अन्य टू व्हीलर का रजिस्ट्रेशन तभी किया जाता है, जब बाइक के पेपर्स में हेलमेट का बिल शामिल होता है।

बॉत क्वालिटी की है

शासन के इस नियम को लागू करने के बाद डीलर्स ने बाइक के साथ हेलमेट बेचने भी शुरू कर दिए। लेकिन कई बाद हेलमेट की क्वॉलिटी और उसके रेट सुनकर बहुत से लोग डीलर के यहां से हेलमेट खरीदने से इंकार कर देते हैं। बिल न होने पर कई डीलर तीन दिन का वक्त भी देते हैं जिससे इस दौरान वे हेलमेट खरीद का बिल दे सकें। कई बार वे हेलमेट खरीदे बगैर उसका बिल बन जाने वाली शॉप का रास्ता भी दिखा देते हैं।

हेलमेट नहीं केवल बिल  

हेलमेट के बगैर बाइक व अन्य टू व्हीलर चलाने पर हर महीने पुलिस व ट्रैफिक पुलिस करीब 500 चालान करती है। बावजूद इसके 70 परसेंट बाइकर्स हेलमेट पहनकर गाड़ी नहीं चलाते है। शायद इसी वजह से वे हेलमेट नहीं खरीदते हैं, मजबूरी में केवल बिल बनवा लेते हैं। इसी मजबूरी का फायदा ऑटो पाट्र्स वाली शॉप में उठाया जा रहा है। वे हेलमेट खरीदे बगैर बिल बना देते हैं, लेकिन इस बिल की एवज में 100-100 रुपए वसूलने से नहीं चूकते हैं। ऐसा गोविन्द नगर, मरी कम्पनी, किदवई नगर, पी रोड, कल्याणपुर, बजरिया, नेहरू नगर, फजलगंज, रामादेवी रोड आदि जगहों पर स्थित ऑटो पॉट्र्स की शॉप में हो रहा है।

चालान से बचा लेगा लेकिन

बाइक खरीदने पर हेलमेट के बिल की मजबूरी में कई लोग खानापूरी के लिए कामचलाऊ हेलमेट( बगैर आईएसआई मार्क) खरीदते हैं। लेकिन ऐसा हेलमेट खरीदने पर ऑटो पाट्र्स वाले बिल देने से हाथ खड़े कर देते हैं। वे इसके लिए अलग से 50 रुपए लेते हैं। एनक्रोचमेंट कर फुटपाथ पर हेलमेट लगाए लोग भी ऐसा कर रहे है। सीओ राकेश नायक ने कहा कि ऐसे कामचलाऊ हेलमेट से वे चालान से तो बच जाएंगे, लेकिन रोड एक्सीडेंट होने पर ऐसा हेलमेट हेडइंजरी से बचाव नहीं कर पाता है।

"आरटीओ में बाइक का रजिस्ट्रेशन तभी होता है, जब बाइक के पेपर्स के साथ हेलमेट का बिल भी हो। अगर बगैर हेलमेट खरीदे लोग बिल बनवा रहे हैं तो ये गलत है। ये नियम दोपहिया वाहन चालकों की सेफ्टी को ध्यान में रखकर ही बनाया गया है."

संजीव कुमार, एआरटीओ