आईटी पार्क के शिलान्यास कार्यक्रम पर सीएम ने दी जानकारी
ये बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आईटी पार्क के शिलान्यास कार्यक्रम में कही. वहीं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि डिजिटल इंडिया के सपने को अब जबलपुर साकार करने जा रहा है. उन्होंने जिले में नेशनल लॉ एकेडमी खोलने और प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक्स स्किल डेवलपमेंट केंद्र आईसीटी की स्थापना करने की घोषणा की. वहीं सीएम ने साइंस सेंटर बनाने, ढाई करोड़ और 5 एकड़ भूमि दिए जाने की घोषणा भी की. कार्यक्रम ज्ञान गंगा इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में आयोजित किया गया.

टूरिज्म सेंटर की तर्ज पर बनेगा पार्क
मेडिकल स्थित हेलीपेड से दोपहर 2 बजे सबसे पहले केंद्रीय मंत्री रविशंकर और सीएम आला अधिकारियों के साथ बरगी हिल्स स्थित आईटी पार्क स्थल का निरीक्षण करने पहुंचे. सीएम और आईटी सेकेट्री हरिरंजन राव ने केंद्रीय मंत्री को पार्क स्थल पर तैयार होने वाले प्लान के बारे में बताया. पहाड़ियों के बीच बनने वाले इस पार्क को लेकर केंद्रीय मंत्री ने श्री राव और सीएम से कहा कि इससे अच्छी जगह कोई दूसरी नहीं हो सकती है. इसलिए आईटी पार्क को टूरिज्म सेंटर की तर्ज पर विकसित किया जाए. यहां से सीएम और केंद्रीय मंत्री का काफिला सीधे ज्ञानगंगा कॉलेज के लिए रवाना हो गया. पार्क स्थल पर किसी तरह का शिलान्यास या भूमिपूजन कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया था. ये कार्यक्रम ज्ञानगंगा कॉलेज में ही रखा गया था.

जिले को मिला कई अन्य सौगातों का तोहफा
केंद्रीय मंत्री श्री प्रसाद ने जिले में सीएम की मांग को ध्यान में रखते हुए नेशनल लॉ एकेडमी खोलने की भी घोषणा की. श्री प्रसाद ने सीएम की दूसरी मांग को ध्यान में रखते हुए कहा कि प्रदेश में आईटी के क्षेत्र में बेहतर शिक्षा व्यवस्था को लागू करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स स्किल डेवलपमेंट सेंटर आईसीटी की स्थापना की जाएगी. इसके लिए दिल्ली में आगे की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा. इस केंद्र के खुलने से प्रदेश के सभी इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसरों और छात्र-छात्राओं को आईटी क्षेत्र में मिलने वाली शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी और इस सेक्टर में काम करने लायक प्रतिभाओं को बढ़ावा मिलेगा. हालांकि श्री प्रसाद ने ये भी कहा कि अभी ये योजना शुरुआती दौर में है और इसके लिए 135 करोड़ रुपये तय किए गए हैं.

साइंस सेंटर के नाम पर मिले ढाई करोड़ रुपये और जमीन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सांसद राकेश सिंह की मांग पर साइंस सेंटर के लिए ढाई करोड़ रुपए और जमीन देने की घोषणा की. इसके साथ ही डिफेंस सेक्टर में नीति तैयार करने की जानकारी देते हुए सीएम ने कहा कि जबलपुर की डिफेंस भूमि पर निजी निवेशकों को यूनिट खोलने का मौका मिलेगा. इस बारे में केंद्रीय स्तर पर प्रस्ताव भेजा गया है, जो फैक्टरी लगाएगा उसको छूट देने का प्रावधान भी किया गया. ये काम भी पहले जबलपुर में ही शुरू होगा.

जिले को टूरिज्म हब के रूप में किया जाएगा विकसित
जिले को टूरिज्म हब बनाने वाली पूर्व घोषणा का विस्तार करने की बात उन्होंने अपने भाषण में कही. सीएम ने कहा कि इसको ध्यान में रखते हुए यहां एयरवेज सिस्टम को भी अच्छी तरह से डेवलप किया जा रहा है, जिससे कान्हा, बांधवगढ़ सहित तमाम क्षेत्रों से जबलपुर की कनेक्टिविटी आसानी से हो सके.

युवाओं के लिए 50 फीसदी रोजगार का तोहफा
सबसे पहले मुख्यमंत्री श्री सिंह ने अपने भाषण में कहा कि प्रदेश को खेती में आगे करने के बाद अब उद्योगों की तरफ हम बढ़ेंगे. देश में सबसे तेजी से बढ़ते राज्य मध्यप्रदेश के लिए उन्होंने बताया कि कृषि विकास दर पूरे देश में सबसे आगे 24.99 फीसदी चल रही है. इसी तरह राज्य की विकास दर भी 11.08 फीसदी हो चुकी है. इंदौर की इन्वेस्टर मीट से आशा जताते हुए उन्होंने कहा कि जो भी उद्योग प्रदेश में स्थापित होंगे उनमें प्रदेश के 50 फीसदी युवाओं को पहले रोजगार के अवसर मिलेंगे. आईटी पार्क और क्लस्टर के बाद जिले को इलेक्ट्रॉनिक्स हब के रूप में विकसित करने की बात उन्होंने कही. युवाओं से अह्वान किया कि वे नौकरी पाने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनें.

ई शिक्षा, ई स्वास्थ्य व ई कॉमर्स की ओर बढ़ाने होंगे कदम  
केंद्रीय मंत्री श्री प्रसाद ने अपने भाषण में कहा कि देश में काम करने वाली सरकार जनता ने चुनी है. सरकार के लिए अब कोई शनिवार या रविवार नहीं है. आईटी सेक्टर से जुड़ी बात करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में 100 बिलीयन डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्टस का आयात दूसरे देशों से हो रहा है. जो साल 2020 तक 400 बिलीयन डॉलर पहुंच जाएगा. इसी बात से चिंतित होकर प्रधानमंत्री ने देश को डिजिटल इंडिया के रूप में विकसित करने का मन बनाया. उन्होंने कहा कि अब हम ई शिक्षा, ई स्वास्थ्य और ई कॉमर्स की तरफ कदम बढ़ाने वाले देश को तैयार करने जा रहे हैं.

देश को प्रदेश से मिलेगा बहुत कुछ  
मुख्यमंत्री श्री सिंह की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में आईटी पार्क की स्थापना करने वाला पहला प्रदेश है, इसलिए देश को प्रदेश से बहुत कुछ मिलने वाला है. सीएम की मंशा पर श्री प्रसाद ने कहा कि देश और प्रदेश के हर गांव तक ऑप्टीकल फाइबर पहुंचे और शहर व गांव के बीच का अंतर समाप्त हो जाए. युवाओं को नौकरी के लिए दूसरे प्रदेश नहीं जाना होगा. युवाओं को उनके ही शहर में रोजगार मिलेगा. सांसद राकेश सिंह ने कहा कि देश में 1990 का दशक संचार क्रांति की शुरुआत का दशक रहा. देश के तमाम राज्य तो विकास की गति में आगे बढ़ते रहे, लेकिन जबलपुर और महाकोशल पिछड़ते रहे. उन्होंने मुख्यमंत्री के जरिए जबलपुर को मिली सौगातों पर धन्यवाद दिया और कहा कि देश में जबलपुर का नाम आईटी क्षेत्र में अग्रणी बनाया जाएगा.

ताकि प्रदेश को मिले पूर्ण सुशासित प्रदेश का दर्जा
प्रदेश के आईटी मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में साल 2003 में आईटी क्षेत्र का बजट मात्र 80 लाख रुपए हुआ करता था, लेकिन आज ये बजट 200 करोड़ तक पहुंच गया है. प्रदेश में औद्योगिक विकास में सहभागी बनने के लिए देश और दुनिया के उद्योगपति यहां आ रहे हैं. प्रदेश में अधिकांश काम अब डिजिटल होने लगे हैं. उन्होंने कहा कि लोक सेवा गारंटी के तहत डिजिटल सेवाएं मुहैया कराने वाला देश का पहला राज्य मप्र है. इसके साथ ही साल 2018 तक प्रदेश को पूर्ण सुशासित प्रदेश का दर्जा दिये जाने वाले प्रयास किए जा रहे हैं.

विधि विधान से हुआ शिलान्यास
ज्ञानगंगा इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में सजे मंच पर जिले से जुड़े सभी जनप्रतिनिधियों ने केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री का स्वागत किया. केंद्रीय मंत्री और सीएम के हाथों आईटी पार्क और क्लस्टर का शिलान्यास विधि विधान से हुआ. मंच पर स्वास्थ्य राज्य मंत्री शरद जैन, आईटी मंत्री भूपेंद्र सिंह, सांसद राकेश सिंह,आईटीसेकेट्री हरिरंजन राव, महापौर प्रभात साहू, विधायकों में प्रतिभा सिंह, नंदिनी मरावी, अशोक रोहाणी, सुशील तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष भारत सिंह यादव, ग्रामीण भाजपा अध्यक्ष विनोद दुबे, नगर भाजपा अध्यक्ष विनोद मिश्रा के अलावा कॉलेज प्रबंधन के रजनीश जैन, व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने स्वागत किया.

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