- शिक्षक की भांति मधुमेह-टीबी रोगियों की दूर करें समस्या

<- शिक्षक की भांति मधुमेह-टीबी रोगियों की दूर करें समस्या

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: अज्ञानता व लापरवाही हर छोटे से छोटे रोग को जानलेवा और गंभीर बना देती है। सही समय पर रोग का एहसास होते ही इलाज शुरू कर दिया जाए तो समस्या जड़ से खत्म हो जाती है। टीबी व मधुमेह भी ऐसे ही रोग हैं, जिनकी पहचान करके तत्काल इलाज शुरू कर दिया जाए तो रोगी की 80 प्रतिशत समस्या जल्द दूर हो जाती है। जागरण पहल द्वारा टीबी और मधुमेह पर आयोजित कार्यशाला के अंतिम दिन शुक्रवार को विशेषज्ञों ने यह बातें कहीं।

बढ़ जाता है खतरा

सीएमओ डॉ। पदमाकर सिंह ने कहा कि मधुमेह व एचआइवी संक्रमित व्यक्ति को टीबी होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके चलते शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है। इसलिए मधुमेह रोगियों एवं एचआइवी संक्रमित व्यक्ति को टीबी की जांच अवश्य करानी चाहिए। राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के डॉ। जीएस तोमर ने कहा कि भारत में प्रतिवर्ष ख्0.ख्क् लाख के लगभग लोग टीबी की चपेट में आ रहे हैं। जबकि दस में हर छठां व्यक्ति मधुमेह से पीडि़त है। इसे नियंत्रित करने के लिए जागरूकता फैलाने की जरूरत है। इसी प्रकार जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ। ओपी शाही, मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज में टीबी एवं चेस्ट विभागाध्यक्ष डॉ। तारिक महमूद, टीबी चिकित्सालय के डॉ। मनीष चौरसिया एसआरएन हॉस्पिटल की शोध अधिकारी डॉ। शांति चौधरी ने दोनों रोगों के कारणों पर प्रकाश डाला। विधायक अनुग्रह नारायण सिंह ने जागरण पहल की मुहिम का समर्थन करते हुए अपनी ओर से पूरा सहयोग देने का एलान किया। वहीं द यूनियन के डॉ। वीएन शरत ने प्रोजेक्टर के जरिए मधुमेह व टीबी की भयावहता को दर्शाया। द यूनियन के डॉ। सची सतपथी ने डाट्स की उत्पत्ति एवं उसके कायरें की जानकारी दी। संचालन जागरण पहल के सहायक प्रबंधक राजेश रंजन व आभार आशीष श्रीवास्तव व अंकित शुक्ल ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम में मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के जूनियर डॉक्टरों, पीएचसी-सीएचसी में कार्यरत डॉक्टरों एवं टीबी व मधुमेह को दूर करने की मुहिम से जुड़ी संस्थओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।