- जिला जेल में लगाई जाएगी कियॉस्क मशीन, क्राइम नंबर दर्ज करते ही खुल जाएगी मुकदमें की कुंडली

- एक क्लिक पर बंदी खुद जान सकेंगे, कहां तक पहुंचा उनका केस

जिला जेल में बंदी अब अपने मुकदमें की प्रगति जानने के लिए परेशान नहीं होंगे। मुकदमा कहां तक पहुंचा? इसे जानने के लिए वकीलों पर निर्भर नहीं रहेंगे। अब बंदी खुद जेल में बैठे-बैठे एक क्लिक के जरिये अपने केस की डिटेल जान सकेंगे। इसके लिए बहुत जल्द जिला जेल में कियॉस्क मशीन लगाई जाएगी। जिस पर बंदी के केस नंबर दर्ज करते ही पूरा डिटेल स्क्रीन पर आ जाएगा। वषरें से जेल में बंद विचाराधीन कई कैदी ऐसे हैं जिन्हें केस का स्थिति की जानकारी ही नहीं है। ऐसे कैदियों के लिए लीगल ऐड कियॉस्क मशीन से काफी सहूलियत होगी।

हाईकोर्ट तक की मिलेगी जानकारी

जुर्म के बाद जिला जेल में पहुंचने वाले विचाराधीन बंदियों की संख्या बहुतायत में है। कोई तीन तो कोई चार साल से जेल में अपनी रिहाई का दिन गिन रहा है। कुछ के परिवार वाले भी साथ नहीं देते, ऐसे में उन्हें मुकदमें से जुड़ी जानकारियां हासिल नहीं हो पाती। कियॉस्क मशीन से बंदी सिर्फ जिला न्यायालय ही नहीं बल्कि उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में चल रहे केसेज की स्थिति भी जान सकेंगे। अभी बनारस जिला जेल में लगभग 2100 बंदी हैं। जबकि क्षमता 1700 की बताई जाती है। अधिकारियों की मानें तो इन बंदियों को इस मशीन से बहुत राहत मिलेगी।

फ्री में प्रिंट भी निकाल सकेंगे

सूबे के अन्य जेलों में कैदियों को इंटरनेट की सुविधा के साथ-साथ कम्प्यूटर भी दिया जाता है। जिससे वह केस की स्थिति जान सकते हैं। मगर, कंप्यूटर सिस्टम में समस्या यह आती है कि अधिकांश कैदियों को कंप्यूटर चलाना ही नहीं आता है। ऐसे में कियॉस्क मशीन काफी मददगार साबित होगी। डिस्प्ले पर मुकदमा नंबर दर्ज करने के बाद आने वाले इंस्ट्रक्शन को फॉलो के लिए सिर्फ क्लिक करना होगा और केस की स्थिति सामने आ जाएगी। कियॉस्क मशीन के साथ एक कांस्टेबल भी तैनात किया जाएगा। ताकि बंदियों को कोई समस्या हो तो वह उनकी मदद करे। बंदी केस की स्थिति जानने के साथ ही उससे प्रिंट की कॉपी भी निकाल सकेंगे। इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।