केस वन

कैंट भड़वापुर निवासी अनुराग मिश्रा और मनोज तीन महीने पहले मोबाइल चोरी में पकड़े गए थे। जो कि स्टूडेंट हैं। शौक पूरा करने के लिए इन्होंने पहली बार बरेली जंक्शन पर किसी का मोबाइल चुरा लिया। जीआरपी ने दोनों को पकड़ कर जेल भेज दिया। दोनों तीन महीने से जेल में बंद चल रहे थे। जीआरपी ने काउंसलिंग करने के बाद दोनों की जमानत कराई।

BAREILLY:

जीआरपी अब चोरी, स्नेचिंग व अन्य मामलों में बदमाशों को पकड़ कर जेल ही नहीं भेजेगी। बल्कि, उनका अनुराग मिश्रा और मनोज की तरह जमानत भी कराएगी। जमानत कराने से पहले बदमाशों की जेल में ही बाकायदा काउंसलिंग करेगी। जब यह लगेगा कि जेल से रिहा होने के बाद वह कोई क्राइम नहीं करेगा, तब कोर्ट में अर्जी देकर उसकी जमानत कराएगा। ताकि, सजा काट रहे लोग जेल से बाहर आकर अपनी नई जिंदगी शुरू कर सके।

पहली बार पकड़े गए अपराधियों की जमानत

सिर्फ उन्हीं बदमाशों की जीआरपी जमानत कराएगी जिनका पहले से कोई क्राइम रिकॉर्ड नहीं हैं। या फिर उस पर कोई संगीन धाराएं न लगी हो। किसी क्राइम में पहली बार पकड़े गए, छोटी-मोटी चोरी को अंजाम देने वाले या स्मैकिए की जमानत ही जीआरपी कराएगी। जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी देने से पहले काउंसलिंग करायी जाएगी। काउंसलिंग का काम जेल में ही होगा। जिसमें जीआरपी यह बताएगी कि किस प्रकार एक छोटी सी गलती की वजह से तुम्हारा आर्थिक नुकसान हुआ, सामाजिक नुकसान हुआ। पारिवारिक स्थिति खराब हुई आदि।

काउंसलिंग से किया जाएगा ब्रेन वॉश

काउंसलिंग के जरिए अपराधियों की बे्रन वॉश करने की कोशिश की जाएगी। जब यह लगेगा कि संबंधित व्यक्ति बाहर निकलने के बाद दोबारा कोई अपराध नहीं करेगा तब कही जाकर उसकी जमानत कराई जाएगी। जमानत होने के बाद भी जीआरपी कुछ समय क लिए मॉनीटरिंग करेगी। हर गतिविधियों पर नजर रखेगी। जिससे दोबारा किसी प्रकार की घटना होने का चांस न रहे।

एक नजर

- 200 से अधिक ट्रेनें रोजाना जंक्शन से अप-डाउन करती हैं।

- 30 हजार से अधिक यात्री जंक्शन से जाते-आते हैं।

- 1 या 2 बदमाश रोजाना किसी न किसी जुल्म में पकड़े जाते हैं।

- कई बार ऐसे लोग पकड़े जाते हैं, जिनका पहले से कोई क्राइम रिकॉर्ड नहीं होता है।

- 70 से अधिक बदमाश जेल में बंद हैं। जिसे जंक्शन जीआरपी ने पकड़ा था।

- 20 ऐसे लोग जेल में बंद हैं जिन्होंने पहली बार क्राइम किया।

किस तरह के पकड़े जाते हैं बदमाश

- ट्रेनों व प्लेटफॉर्म पर यात्रियों के सामान चोरी करने वाले।

- स्मगलिंग करने वाले अपराधी।

- अवैध असलहा के साथ।

- चेन स्नेचर।

- पॉकेटमार

- स्मैकिए।

कई बार ऐसे लोग पकड़ में आते हैं, जिनका पहले से कोई क्राइम रिकॉर्ड नहीं है। लेकिन वह छोटे-मोटे मामलों में पकड़े जाने के बाद जेल में बंद हैं। जिनका उद्देश्य क्राइम करना नहीं हैं। ऐसे लोगों की काउंसलिंग जमानत कराए जाने का काम किया जा रहा है। ताकि, वह अपनी नई जिंदगी शुरू कर सके।

विजय कुमार, इंस्पेक्टर, जीआरपी बरेली जंक्शन