- कौशल विकास योजना के तहत जेल में कैदियों को दी जा रही ट्रेनिंग
- केक-पेस्ट्री से लेकर अचार और पापड़ तक बना रहे कैदी
परिवार और दोस्तों बर्थडे या एनिवर्सरी सेलीब्रेशन हो उसमें सबसे जरूरी चीज तो केक ही होती है। सारी तैयारियों के बीच केक का ऑर्डर, फ्लेवर और डिजाइन पर माथापच्ची भी चलती रहती है। इस स्पेशल केक को आप और यादगार बना सकते हैं, जेल से ऑर्डर कर के। चौंक गए, वाराणसी सेंट्रल जेल जल्द ही आम लोगों के लिए केक, पापड़, अचार और मुरब्बों का आउटलेट खोलने जा रही है।
सजा के साथ कमाई भी
सेंट्रल जेल में सजायाफ्ता कैदियों के सामने एक बड़ा सवाल होता है कि 10 से 15 साल की जेल काटने के बाद वह बाहर निकलें तो फिर करेंगे क्या? क्योंकि नौकरी मिलना मुश्किल होती है। अगर कोई धंधा करते थे तो वह चौपट हो चुका होगा। इसका समाधान प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत मिला, जिसमें कैदियों को भी कुछ खास प्रशिक्षण देने की शुरुआत की गई। जिससे कम लागत में वह अपना कुछ काम शुरू कर सकें। साथ ही सजा काटने के दौरान भी कमाई कर सकें।
पहले बैच से निकले 30 कैदी
विकास भवन की पहल पर 15 दिन पहले 30 कैदियों के बैच का प्रशिक्षण पूरा किया जा चुका है। इन्हें फल संरक्षण, जैम-सॉस, तरह-तरह की पुडिंग, केक-पेस्ट्री, ब्रेड, अचार-मुरब्बा और पापड़ बनाने की ट्रेनिंग दी गई है। अगले बैच की ट्रेनिंग भी जल्द शुरू की जा रही है। इसके साथ ही जेल प्रशासन ने एफएसएसआई से लाइसेंस के लिए भी एप्लाई कर दिया है। लाइसेंस मिलने के बाद जेल के बाहर एक आउटलेट खोला जाएगा।
बयान
पहले बैच ने प्रशिक्षण के बाद बेहतर काम किया है। अगले बैच का भी प्रशिक्षण शुरू किया जा रहा है। लाइसेंस मिलते ही जेल से आउटलेट भी शुरू किया जाएगा।
अंबरीष गौड़, वरिष्ठ जेल अधीक्षक वाराणसी
खास-खास
- 30 कैदियों पूरी कर चुके हैं ट्रेनिंग
- 50 कैदियों को दिया जाएगा अगले बैच में प्रशिक्षण
- 5 से 10 किलो का केक भी बना सकते हैं कैदी
- 24 से 48 घंटे पहले देना होगा ऑर्डर
- 500 रुपये किलो रखी जाएगी केक की अनुमानित कीमत