अवमानना में 15 दिन की सजा, 2000 जुर्माना

हाईकोर्ट ने जौनपुर के जिला विद्यालय निरीक्षक जौनपुर भाष्कर मिश्रा को हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना में जेल भेज दिया है। कोर्ट ने उनको 15 दिन की सजा और 2000 रुपये जुर्माना लगाया है। भाष्कर मिश्रा के साथ ही कोर्ट ने प्रबंधक अरुण कुमार सिंह को भी जेल भेजते हुए उनको एक माह की कैद और दो हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। विद्यालय के प्रधानाचार्य रंजीत सिंह की अवमानना याचिका पर यह आदेश जस्टिस यशवंत वर्मा ने दिया।

हाईकोर्ट ने 10 जनवरी 2017 को सेवानिवृत्ति रद करते हुए उसे वापस सेवा में बहाल करने और पूरा वेतन देने का आदेश दिया था। डीआई और प्रबंधक ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया। अवमानना याचिका दाखिल होने पर हाईकोर्ट ने आदेश के पालन का एक और अवसर दिया था इसके बाद भी आदेश का पालन न होने पर कोर्ट ने डीआईओएस और प्रबंधक को व्यक्तिगत रूप से तलब किया था। अवमानना का स्पष्ट मामला मानते हुए अदालत ने दोनों को सजा सुनाते हुए सीजेएम के मार्फत दोनों को जेल भेजने का आदेश दिया है।

टीजीटी में हिन्दी अभ्यर्थियों को आवेदन की छूट

हाईकोर्ट ने प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) में ऐसे अभ्यर्थियों को भी आवेदन करने की छूट दे दी है जिनका इंटरमीडिएट में संस्कृत विषय नहीं था। कोर्ट ने कहा है कि चूंकि इस मामले में आवेदन की अंतिम तिथि 16 अप्रैल है इसलिए याचीगण अपना आवेदन और बैंक ड्राफ्ट लोकसेवा आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से जमा कर सकते हैं बालकृष्ण और 94 अन्य की याचिका पर यह आदेश चीफ जस्टिस डीजी भोसले और जस्टिस सुनीत कुमार की पीठ ने अधिवक्ता सत्यवीर सिंह को सुनकर दिया है।

संशोधन अधिनियम को चुनौती

उल्लेखनीय है टीजीटी परीक्षा में सरकार ने सेवा नियमावली में संशोधन करके इंटरमीडिएट में संस्कृत विषय को अनिवार्य कर दिया है। संशोधन अधिनियम की धारा 8 (6) के याचिका में चुनौती दी गई है। अधिवक्ता का कहना था आवेदन की अंतिम तिथि 16 अप्रैल है। याचीगण आवेदन से वंचित हो जाएंगे इस पर कोर्ट ने याचीगण को आवेदन की छूट देते हुए कहा है कि उनका चयन याचिका के निर्णय पर निर्भर करेगा। कोर्ट ने इस मामले में प्रदेश सरकार और आयोग से जवाब मांगा है।