फ्लैग : माफिया अतीक अहमद की दहशत से जेल अधीक्षक भी खौफ में

- डीएम को पत्र लिख प्राइवेट गनर की डिमांड की, जेल में फोर्स बढ़ाने की भी मांग

BAREILLY: माफिया अतीक अहमद की दहशत से जेल अधीक्षक यूपी मिश्रा भी खौफ में हैं। उन्होंने डीएम वीरेंद्र कुमार को थर्सडे को पत्र लिखकर अतीक से अपनी और अपने परिवार की जान को खतरा बताया है। जेल अधीक्षक ने डीएम से प्राइवेट गनर की डिमांड करते हुए जेल की सुरक्षा के लिए बनी पुलिस चौकी में भी पर्याप्त फोर्स तैनात करने के लिए भी लिखा है। इससे पहले जेल अधीक्षक अतीक को जिला जेल से किसी सेंट्रल जेल में शिफ्ट करने की भी मांग कर चुके हैं।

अपराधी पहुंच सकते हैं जेल में

यूपी मिश्रा ने अपनी चिंता से डीएम को अवगत कराते हुए पत्र में लिखा है कि जेल के ओपन और रूरल एरिया में होने से कोई भी अपराधी जेल परिसर तक आसानी से पहुंच सकता है। ऊपर से जेल डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर से 20 और बिथरी चैनपुर थाना से 5 किलोमीटर दूर है। ऐसे में सुरक्षा को गंभीर खतरा है। जेल परिसर में रहने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों में सुरक्षा की भावना पैदा किए बिना अतीक को काबू में रखना मुश्किल होगा।

कर्मियों के परिवारों काे भी खतरा

जेल अक्षीक्षक ने पत्र में आगे लिखा है कि अतीक से मिलने वालों की संख्या काफी अधिक होती है, जिससे इन पर नियंत्रण करना कठिन होगा। अतीक अहमद के जेल में शिफ्ट होने के बाद से जेल परिसर में रहने वाले कर्मचारियों व उनके परिवारों की सुरक्षा का खतरा बना हुआ है।

इसलिए शिफ्ट हुआ बरेली जेल में

देवरिया जेल में गुंडई का मामला सामने आने के बाद शासन ने उसे बरेली जेल में शिफ्ट कर दिया था। यहां शिफ्ट होने के बाद से जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।

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बॉक्स : अतीक के नाम धमकी मिलने की तहरीर दे फंसा

माफिया अतीक अहमद के बरेली जेल में शिफ्ट होने का साइड इफैक्ट भी दिखने लगा है। कोतवाली एरिया में प्रॉपर्टी को लेकर एक व्यापारी को धमकी मिली तो उसके एडवोकेट ने तहरीर में अतीक के नाम पर धमकी मिलने की बात लिखने की सलाह दे डाली। जब व्यापारी तहरीर लेकर कोतवाली पहुंचा तो पुलिस चौंक गई। जब इंस्पेक्टर गीतेश कपिल ने सख्ती से व्यापारी से पूछताछ की तो असलियत सामने आ गई। इसके बाद व्यापारी ने दूसरी तहरीर दी। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

तो लाश भी नहीं मिलेगी

सिविल लाइंस निवासी व्यापारी बड़ा बाजार में किराए की दुकान में 2004 से प्रिंटिंग प्रेस चला रहा है। इस भवन के 5 वर्ग मीटर हिस्से को दुकान मालिक ने किसी और को बेच दिया था। प्रिंटिंग प्रेस के मालिक का आरोप है कि दुकान खरीदने वाला 12 दिसंबर को अपने 9 साथियों के साथ दुकान पर आया था। बैनामे की कॉपी दिखाते हुए 15 दिन के भीतर प्रेस खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया। साथ ही कहा कि यदि दुकान खाली नहीं करनी है तो 20 लाख रुपए पहुंचा दो। बात नहीं मानी तो लाश भी नहीं मिलेगी।