खाली नाम के हैं शेर

एसटीएफ के एसपी से लेकर क्राइम ब्रांच एसपी और पुलिस की पांच टीमों को वाच कर रहे डीआईजी सब के सब फेल हो गए हैं। पिछले शनिवार को डिप्टी जेलर अनिल त्यागी की हत्या की जांच कहां तक पहुंची है। इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है। बस जब पूछिये ये कहकर टाल दिया जाता है कि जांच जारी है और हत्यारे जल्द गिरफ्त में होंगे लेकिन ये जल्द कितना जल्दी आयेगा। इसका जवाब किसी के पास नहीं है। आश्चर्य कि बात तो ये है कि डिप्टी जेलर हत्याकांड की जांच में एसटीएफ और क्राइम ब्रांच की जितनी टीमें लगी हैं। वो सिर्फ और सिर्फ रुपयों की बर्बादी कर रही है। हत्यारों की तलाश में चंदौली, आजमगढ़, जौनपुर और बिहार के कई सौ राउंड चक्कर लगाने के बाद भी अब तक किसी के हाथ कुछ नहीं लगा है।

मियाद भी खत्म

पुलिस, एसटीएफ और क्राइम ब्रांच की सुस्ती का हाल ऐसा तब है जब सीएम अखिलेश ने खुद इस मामले को ओपेन करने के लिए 72 घंटे का वक्त दिया था। इस मियाद को बीते भी तीन दिन हो चुके हैं और अब तक पुलिस हत्यारों न ही हत्यारों को पकड़ सकी है और न ही ये पता लगा सकी है कि डिप्टी जेलर त्यागी की हत्या हुई क्यों।

सुनील पर 15 हजार की ईनाम

डिप्टी जेलर हत्याकांड में अब तक सामने आ रहे हत्यारों के नाम में शामिल फरार सुनील यादव पर आईजी जीएल मीणा ने 15 हजार का ईनाम घोषित किया है।

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ये ठीक नहीं है। मेरे पति ने पुलिस की बहुत मदद की। इसके बाद भी उनके हत्यारे अब तक पुलिस पकड़ से दूर हैं। पुलिस को जल्द से जल्द उनके हत्यारों को पकडऩा चाहिए।

अनुभा त्यागी, डिप्टी जेलर अनिल त्यागी की पत्नी

इस प्रकरण की जांच को पूरा कर रिजल्ट सामने लाने के लिए जांच टीमों को 24 घंटे का वक्त दिया है। अगर कोई रिजल्ट नहीं आया तो कार्रवाई पक्की है।

जीएल मीणा, एडीजी/आईजी