बंदियों का अनाज बेचा, खाने में कर दी कटौती

डीआईजी की जांच में खुला मामला, किए गए सस्पेंड

GORAKHPUR: मंडलीय कारागार में जेलर की दुकान चल रही थी। जेल की कैंटीन में जेलर के आदेश पर पान-गुटखा बेचा जा रहा था। बंदियों के खाने में कटौती कर जेलर अनाज बेच रहे थे। डीआईजी जेल की जांच में मामला सही पाए जाने पर गुरुवार को जेलर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई। अनियमितता का आरोप सही पाए जाने पर जेलर को सस्पेंड कर दिया गया। वरिष्ठ जेल अधीक्षक एसके शर्मा ने बताया कि जेलर के खिलाफ कार्रवाई की सूचना उनकाे मिली है।

चार्ज लेते ही शुरू की मनमानी

13 अक्टूबर 2016 में बीमार कैदी की मौत के बाद बंदियों ने जेल में जमकर बवाल काटा था। बवाल करने वाले बंदियों ने जेलर सहित अन्य कर्मचारियों के तबादले की मांग उठाई। तत्कालीन जेलर डॉ। आरके सिंह की कड़ाई की तलाशी में बैरक से बड़ी संख्या में मोबाइल फोन बरामद हुए। इससे बौखलाए बंदियों ने कैदी की मौत के बहाने बवाल काटा। बाद में जेलर सहित कई अन्य का तबादला कर दिया गया। उनकी जगह उदय प्रताप सिंह को नया जेलर बनाया गया। नवंबर माह ज्वाइनिंग के बाद ही नए जेलर चर्चा में आ गए। जेल के भीतर रकम देने पर सुविधाएं मिलने लगी।

डीआईजी की जांच में सही िमले आरोप

आरोप है कि जेलर ने जेल के गल्ला गोदाम का चार्ज ले लिया। इसके पहले यह जिम्मेदारी डिप्टी जेलर के पास रहती थी। इसके अलावा उन्होंने जेल में कोल्ड ड्रिंक की शॉप खुलवा दी। वहां ठंडा पानी के साथ बंदी मनपसंद तरीके से पान-गुटखा खरीद लेते थे। जेलर के कार्यकाल में कुछ बंदी कारखास हो गए। वसूली करने वाले बंदी रक्षकों की मनमानी तरीके से ड्यूटी लगने लगी। आरोप है कि बंदियों के खाने में कटौती के साथ-साथ उन्होंने मुलाकातियों से वसूली शुरू कर दी। इसके अलावा अनियमितता की कई शिकायतें सामने आई। कुछ दिन पूर्व जेल में पहुंचे डीआईजी यादवेंद्र शुक्ल ने इसकी जांच की तो आरोप सही पाए गए। डीआईजी जेल की रिपोर्ट एडीजी जेल ने जेलर को सस्पेंड कर दिया।