जरूरतमंदो तक पहुंचने का जरिया है आधार

आधार कार्ड को संवैधानिक दर्जा दिलाने के मामले में सरकार का सीधा कहना है कि इससे सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी का फायदा सीधे जरूरतमंदों के खाते में पहुंच सकेगा। संसद में वित्तमंत्री जेटली ने बजट पेश करते हुए कहा था आधार पर कानून पारित करने से लेकर हम कई महत्वपूर्ण सुधार करेंगे। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आधार को संवैधानिक समर्थन के साथ सरकार के सभी किस्म के लाभ उन लोगों तक पहुंचाया जाए जो इसके हकदार हैं।

देश में 98 करोड़ आधार हो चुक हैं जारी

देश में अभी तक 98 करोड़ आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं। प्रतिदिन 26 लाख बॉयोमीट्रिक और 105 लाख ई-केवाईसी अपने ग्राहक को जानो को अंजाम दिया जा रहा है। आधार संख्या को 11.19 करोड़ सब्सिडी खातों से जोड़ा गया है। देश में आधार के लाभार्थियों की संख्या कुल 16.5 करोड़ है। राज्यसभा में भारतीय राष्ट्रीय पहचान प्राधिकार विधेयक 2010 लंबित है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था अनिवार्य नहीं होगा आधार

सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने अक्टूबर 2015 में आधार कार्ड को स्वैच्छिक रूप से मनरेगा, पीएफ, पेंशन और जनधन योजना के साथ लिंक करने की इजाजत दी थी। पीठ ने यह भी साफ किया था कि इसे अनिवार्य नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में 11 अगस्त 2015 को आधार की अनिवार्यता प्रतिबंधित करने से हो रही परेशानी को लेकर आरबीआई सेबी और गुजरात सरकार ने गुहार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने आधार को राहत न देते हुए मामले को संवैधानिक पीठ के समक्ष भेज दिया था।

आरबीआई ने पूछा था आधार पर सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने आदेश में कहा था कि केवल एलपीजी, केरोसिन और पीडीएस के लिए ही आधार कार्ड का इस्तेमाल हो सकता है। आरबीआई ने कहा था कि एलपीजी, केरोसिन और पीडीएस में आधार को लिंक करने के कोर्ट ने आदेश दिए थे। ऐसे में क्या कोई अपनी मर्जी से आधार कार्ड के जरिए एकाउंट खोलना चाहता है तो बैंक क्या करे। खास कर तब जब उसके पास आधार के अलावा कोई और दूसरा पहचान पत्र न हो।

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