PATNA: पटना के फतुहा नोहटा निवासी शंकर के लिए रविवार का दिन ब्लैक संडे बन गया। सुबह घर में खुशी का ठिकाना नहीं था जब पूरा परिवार पिकनिक मनाने वैशाली के राघोपुर में स्थित बहरामपुर मस्तान घाट जा रहा था। बच्चों से लेकर बड़े तक सब मस्ती में थे। कोई वहां जाकर स्वीमिंग का प्लान कर रहा था तो कोई अच्छा खाने का लेकिन एक ही झटके में सब कुछ खत्म हो गया। पहले से स्वीमिंग की तैयारी करके गए बच्चे को बचाने में परिवार के क्क् लोग डूब गए। चीख-पुकार सुनकर आस पास मौजूद लोग वहां पहुंच गए और डूबते लोगों को बचाने का प्रयास किया लेकिन तीन को ही बचाया जा सका। तलाश की गई तो हाथ आई म् लोगों की लाश, तीन का तो पता ही नहीं लगा। प्रशासन ने परिजनों को ब्-ब् लाख रुपए देने की बात कही है। इसी साल मकर संक्रांति में गांधी घाट के पास पतंग उत्सव के दौरान नाव हादसे में ख्ब् जिंदगियां गंगा में समा गई थी।

 

बचाने गए थे, खुद की चली गई जान

पटना के फतुहा थाना एरिया के मिर्जापुर नोहटा निवासी शंकर प्रसाद के परिवार के क्क् लोग रविवार को गंगा स्नान और नदी की रेत पर पिकनिक मनाने के वैशाली के राघोपुर में स्थित गंगा के बहरामपुर घाट गए थे। इसमें अधिकतर बच्चे थे जो काफी उत्साह में थे। घर से निकलते समय परिवार का हर सदस्य खुशी में था और पिकनिक के इंज्वाय की पूरी तैयारी के साथ घाट पहुंचा। परिवार के लोग टीले पर बैठकर हंसी-मजाक कर रहे थे। कुछ बच्चे रेत में खेल रहे थे तो कुछ नदी में किनारे स्वीमिंग कर रहे थे। इस दौरान अचानक से एक बच्चा डूबने लगा।

बच्चे को डूबता देख बचाने के लिए हर कोई नदी में कूदा बड़ों के साथ पीछे बच्चे भी पानी में कूद पड़े। ऐसे में शंकर के परिवार के क्क् लोग गहरे पानी में डूबने लगे। आस पास के लोगों के कान तक चीख पुकार पहुंची तो वह भी पानी में छलांग लगा दिए और बचाने की कोशिश में जुट गए। ग्रामीणों ने तीन को डूबने से बचा लिया लेकिन देर होने से अन्य लोग गहरे पानी में चले गए।


खबर लगते मच गया हड़कंप

नदी में क्क् लोगों के डूबने की खबर लगते ही हाजीपुर डीएम रचना पाटिल और एसपी राकेश कुमार नाव से मौके पर पहुंच गए। बताया जा रहा है कि मरने वालों में एक महिला और पांच बच्चे है जो एक ही परिवार के हैं। दो का अब तक सुराग नहीं लग सका है। प्रशासन नदी में तलाश कराने में जुटा है। देर शाम तक प्रशासन लापता लोगों की तलाश करने में सफल रही रहा। गोताखोरों के माध्यम से छानबीन की जा रही है। दूसरी ओर इस घटना के बाद प्रशासन के प्रति लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। यह कहा जा रहा है कि हर त्योहार के बाद अनहोनी होना पटना की नीयती बन गई है।

 

गंगा में समा गई जिंदगी

नाम उम्र पिता/पति का नाम

आरती कुमारी (क्भ् वर्ष) पिता अरुण यादव

छोटी कुमार (7 वर्ष) शंकर यादव

उषा देवी (ब्0 वर्ष) शंकर यादव

साहिल (म् वर्ष) भोला कु। यादव

गौतम (8 वर्ष) बिहारी कुमार

रजनी कुमारी (क्0 वर्ष) राधेश्याम यादव