- सिटी के कई अतिसंवेदनशील इलाकों में आम पब्लिक के लिए व्हीकल पार्क करना है पूरी तरह से प्रतिबंधित, लेकिन इन्ही सेंसेटिव प्लेस पर वीआईपी गाडि़यों की पार्किंग पर नहीं है कोई रोक

- इन इलाकों में वीआईपी गाडि़यों के पार्किंग के कारण अक्सर लगता है जाम, स्कूल गोइंग बच्चों लेकर एंबुलेंस में पेशेंट्स होते हैं परेशान

VARANASI : ज्ञानवापी छत्ताद्वार हो या फिर बांसफाटक माला मंडी के पास का एरिया, गौदोलिया चौराहा हो या फिर दशाश्वमेध मार्केट। ये कुछ ऐसे इलाके हैं जहां अक्सर जाम लगता है और जाम छुड़ाने वाली गाडि़यों को हटाने की हिम्मत किसी की नहीं होती। आप सोच रहे होंगे कि इन इलाकों में ऐसी कौन सी गाडि़यां आती हैं जिनके कारण जाम भी लगता है और उनको कोई हटा नहीं पाता। जनाब वो गाडि़यां हैं शहर में दर्शन पूजन को आने वाले तमाम वीआईपीज की गाडि़यां। एक छोटा सा अधिकारी हो या फिर जनता की सेवा का वादा करने वाले मंत्री और नेता। हर कोई अपनी वीआईपी गाडि़यों में बैठकर लंबे चौड़े काफिले संग श्री काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन करने और दशाश्वमेध घाट गंगा आरती देखने पहुंचता है। इस दौरान वीआईपी को मंदिर और घाट पर पहुंच जाते हैं लेकिन उनकी गाडि़यां जाम लगाकर बढ़ाती हैं पब्लिक की मुसीबत।

कौन रोकेगा इनको

ये सवाल अहम है क्योंकि जिस तरह से नो एंट्री जोन में वीआईपीज गाडि़यों के समय बेसमय आने से जाम लगता है उनको रोकेगा कौन? ये हाल शहर के कुछ एक ऐसे इलाकों का है जहां पर ट्रैफिक का लोड भी ज्यादा है सड़के बेहद संकरी हैं। इसके बाद भी इन सकरी सड़कों के दोनों छोर पर वीआईपीज गाडि़यां खड़ी हो जाती हैं। इसके कारण इस रोड से गुजरने वाले लोगों का सफर पांच की जगह ख्भ् मिनट में पूरा होता है। इस मामले में सबसे बुरे हालात में है चौक थाने से लेकर बांसफाटक तक का इलाका। इस रूट पर हर रोज बाबा विश्वनाथ के दरबार में मत्था टेकने के लिए दर्जनों की संख्या में वीआईजी गाडि़यां समय बे समय पहुंचती हैं। ये गाडि़यां वीआईपीज को मंदिर छोड़ने के बाद सड़क पर ही पार्क कर दी जाती हैं। इसके कारण जाम का झाम पब्लिक को झेलना पड़ता है।

ज्ञानवापी छत्ताद्वार है मेन

वीआईपीज के शहर में आने के बाद हर वीआईपीज बाबा विश्वनाथ के दरबार में जरूर जाता है। बाबा दरबार में जाने के कारण वीआईपीज की गाडि़यों का काफिला पार्क होता है चित्रा सिनेमा से लेकर बासंफाटक मालामंडी के बीच में। चूंकि हर वीआईपी अपनी गाड़ी से उतरता है ज्ञानवापी छत्ताद्वार पर इसलिए इस प्लेस पर जाम की कंडीशन सबसे बुरी होती है। इस कारण स्कूल गोइंग स्टूडेंट्स से लेकर ऑफिस जाने वालों को भारी परेशानी हुई। सुबह क्0 बजे के आस पास वीआईपी गाडि़यों के कारण लगा ये जाम दो घंटे बाद वीआईपी गाडि़यों के जाते ही खत्म हो गया।

दशाश्वमेध पर भी है बुरा हाल

वीआईपी गाडि़यों के चलते जाम की कंडीशन बांसफाटक, चौक और छत्ताद्वार पर ही नहीं होती बल्कि इसके चलते पब्लिक को दशाश्वमेध-गोदौलिया रूट पर भी परेशानी उठानी पड़ती है। ये हाल से उस वक्त होता है जब शाम को दशाश्वमेध मार्केट में जबरदस्त भीड़ होती है। गंगा आरती में शामिल होने के लिए आने वाले वीआईपीज अपनी गाडि़यों में बैठे-बैठे ही घाट तक पहुंचते हैं। इसके कारण दूरदराज से आने वाले टूरिस्ट्स को तो परेशानी होती ही है साथ ही साथ शाम में मार्केटिंग करने वाले लोकल लोग भी जाम का दंश झेलने पर मजबूर हो जात हैं।

मजाल कि खड़ी हो जाये और कोई गाड़ी

मजे की बात ये है कि ज्ञानवापी छत्ताद्वार पर जिन वीआईपीज की गाडि़यां आराम से खड़ी होकर पब्लिक के मुसीबत का सबब बनती हैं जबकि उसी प्लेस पर किसी और को गाड़ी खड़ा करना सख्त मना है। इसके पीछे मंदिर प्रशासन मंदिर परिसर की सुरक्षा की बात कहता है लेकिन वीआईपीज और मंदिर में ड्यूटी करने वाले पुलिस के जवानों की बाइक छत्ताद्वार पर रोड किनारे खड़ी रहती है और इनसे सुरक्षा को लेकर कोई खतरा महसूस नहीं होता।

पहले के अधिकारी ले चुके हैं इनीशिएटिव

हालांकि छत्ताद्वार के पास वीआईपी गाडि़यों के कारण लगने वाले जाम को देखते हुए पूर्व आईजी जीएल मीणा ने यहां पहुंचने वाली वीआईपी गाडि़यों को चौक थाने पर ही रोकने के निर्देश दिए थे लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ। यही वजह है कि वर्तमान में कोई भी अधिकारी वीआईपीज के कारण लगने वाले इस जाम को खत्म करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है।

चाहे तो हो सकते हैं विकल्प

- वीआईपी गाडि़यों को बांसफाटक छत्ताद्वार तक पहुंचने से रोकने पर जाम हो सकता है खत्म

- वीआईपी गाडि़यों को चौक थाना कैंपस में कराया जा सकता है पार्क

- अगर वीआईपीज को पैदल चलने में है परेशानी तो उनकी गाड़ी उनको छत्ताद्वार पर छोड़ पार्क हो सकती है आगे बने मॉल की पार्किंग में

- मॉल बनने के बाद पड़ा है बंद अगर वीआईपी गाडि़यों को यहां कराया जाये पार्क तो पब्लिक को जाम से होने वाली परेशानी से दिलाई जा सकती है निजात

- दशाश्वमेध गंगा आरती देखने पहुंचने वाले वीआईपीज की गाडि़यां गोदौलिया से अंदर जाने से रोकने से कम हो सकती है मुसीबत

- गंगा आरती देखने आने वाले वीआईपीज की गाडि़यों को जंगमबाड़ी में बने नए व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स की पार्किंग में कराया जा सकता है पार्क

'ये इलाके व्यस्त हैं और इनमें फोर व्हील्स जाना प्रतिबंधित है फिर भी अगर यहां वीआईपी गाडि़यां पार्क होने से परेशानी हो रही है तो इस पर विचार कर इनकी पार्किग की व्यवस्था उचित जगह पर की जाएगी'।

- राहुल राज, एसपी सिटी

'वीआईपी गाडि़यों के कारण बहुत परेशानी होती है। बेसमय गाडि़यां आ जाती है और जाम लग जाता है। इसके कारण दुकानदारी भी प्रभावित होती है'।

- रोहित भार्गव, छत्ताद्वार

'वीआईपी भी तो इंसान हैं तो उनके लिए हम क्यों परेशानी उठाये? जब कोई गाड़ी छत्ताद्वार पर नहीं खड़ी होती तो वीआईपीज की गाडि़यां क्यों लगती हैं'।

- एसएन मंडल, चौक

'नियम सबके लिए एक बराबर होने चाहिए। जब कोई गाड़ी यहां नो एंट्री जोन में नहीं आती तो वीआईपीज गाडि़यां कैसे अंदर आती हैं। इनको भी पहले ही रोकना चाहिए'।

- सूरज शाह, बांसफाटक