इन एरिया के लोग गुजरते हैं

पुराना शहर और पीलीभीत बाइपास के लोग श्यामगंज चौराहा से गुजरते हैं। इसके अलावा शहदाना, हजियापुर, कालीबाड़ी, इज्जतनगर व प्रेमनगर के लोग भी सिविल लाइंस एरिया में जाने के लिए यहीं से गुजरते हैं। बरेली कॉलेज जाने वाले मोस्टली स्टूडेंट्स को भी इस चौराहे से ही होकर गुजरना होता है,  

पैदल चलने में बेहतरी

श्यामगंज चौराहा से कार व बाइक की जगह पैदल या साइकिल से जाना ज्यादा सही है क्योंकि यहां के जाम में आपकी कार या बाइक एक बार फंसी तो घंटों निकल नहीं पाएगी। सबसे ज्यादा बुरा हाल श्यामगंज से शाहदाना वाली रोड का है। इस पांच सौ मीटर से भी कम दूरी के रास्ते से निकलने के लिए कम से कम 15 मिनट का समय लगना तय है।  

ये है जाम की जड़

श्यामगंज चौराहा व उसके आसपास के एरिया में जाम की सबसे बड़ी वजह रोड किनारे खड़े होने वाले टैंपो हैं। टैंपों चौराहे को चारों ओर से घेरकर खड़े हो जाते हैं। यही नहीं सवारियां भरने के चक्कर में एक टैंपो दूसरे को गलत तरीके से ओवर टेक करता है। इससे जाम और बढ़ जाता है। यही नहीं टैंपो का साथ यहां के रिक्शे वाले भी देते हैं। वहीं श्यामगंज से शाहदाना तक रोड के दोनों साइड यहां के व्यापारी अपना सामान रख लेते हैं, इससे रोड आधी ही रह जाती है। साथ ही दुकानों के सामने ही शॉपकीपर्स के साथ-साथ कस्टमर्स के भी व्हीकल खड़े रहते हैं। इसके अलावा सामान लोडिंग करने के लिए ठेलियां भी खड़ी हो जाती हैं जिससे जाम लग जाता है।

पुलिस का ही घेराव

पूर्व एसपी ट्रैफिक राकेश जौली ने सिटी को जाम से मुक्त कराने की ठानी थी। उन्होंने श्यामगंज चौराहा व शाहदाना तक जाम को दूर करने के लिए अभियान भी चलाया। इसके अलावा सीओ ट्रैफिक नरेश कुमार ने भी ठेलियों को हटाने का अभियान चलाया लेकिन उनका ही घेराव कर लिया गया। वहीं थर्सडे को सिटी के नए एसपी ट्रैफिक ब्रजेश श्रीवास्तव ने भी जाम की प्रॉब्लम को जानने के लिए कई एरियाज को विजिट किया। निरीक्षण के बाद उन्होंने सिविल पुलिस के कॉर्डीनेशन से टै्रफिक प्रॉब्लम दूर करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी के बाद से सिटी में इसका असर देखने को भी मिलेगा।

'चौराहे पर कोई भी कहीं से इंट्री कर जाता है, जिससे जाम लग जाता है। बाकी काम आटो वाले कर देते हैं। ट्रैफिक पुलिस सिर्फ देखती ही रह जाती है.'

-निजाम, बिजनेसमैन