जाम के कारण दुकान आने से कतराते हैं कस्टमर, बिजनेस हो रहा डिस्टर्ब

ALLAHABAD: शहर में चारों तरफ हो रहे डेवलपमेंट वर्क के एक नहीं बल्कि कई साइड इफे1ट हैं। एक तरफ जहां जाम में फंसने से लोग परेशान हैं। वहीं दूसरी तरफ शहर में पर डे ला2ाों-करोड़ों का बिजनेस डिस्टर्ब हो रहा है। जाम की वजह से दुकानदारों का व्यापार चौपट हो गया है। 1योंकि कस्टमर दुकान तक पहुंच ही नहीं पा रहे हैं।

10 से 20 करोड़ का टर्नओवर

इलाहाबाद शहर में पर डे करीब 10 से 20 करोड़ रुपये का बिजनेस होता है। हर फील्ड के बिजनेस में टर्न ओवर होता है। लेकिन जाम की वजह से स्टै4िलश मार्केट रन नहीं कर पा रहा है। जाम की वजह से कस्टमर होलसेल और रीसेल बिजनेसमैन तक पहुंच नहीं पा रहा है।

हर एरिया में लगता है जाम

शहर का रामबाग एरिया हो, सोहबतियाबाग, बैरहना, बहादुरगंज, जानसेनगंज, लीडर रोड, हीवेट रोड, घंटाघर, चौक या कटरा एरिया। कोई 5ाी ऐसा इलाका नहीं है, जहां सड़क किनारे दुकानें न हों और दुकान वाले रोड पर ट्रैफिक लोड की वजह से जाम न लगता हो।

1या कहते हैं लोग

जाम और ट्रैफिक की वजह से पूरे शहर का व्यापार प्र5ावित हो रहा है। 1योंकि बाहर के व्यापारी शहर में नहीं आ पा रहे हैं। जाम की वजह से कस्टमर 5ाी मार्केट में निकलने से कतराने लगे हैं।

संतोष पनामा

संयोजक

शहर में लगने वाले जाम के लिए प4िलक ही नहीं व्यापारी 5ाी जि6मेदार हैं। उन्होंने सड़क तक दुकानें लगा र2ाी हैं। वाहनों की सं2या बढ़ती जा रही है, सड़कें संकरी होती जा रही हैं।

सतीश केसरवानी

अध्यक्ष गल्ला एवं तिलहन संघ

पहले बनारस जाम के लिए बदनाम था, अब इलाहाबाद 5ाी जाम के लिए बदनाम होता जा रहा है। इलाहाबाद के लोग ही नहीं, व्यापारी 5ाी परेशान हैं। जाम की वजह से कस्टमर दुकान तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

विजय वैश्य

पूर्व पार्षद

बिजनेस एरिया में ट्रैफिक जाम सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। ट्रैफिक डिपार्टमेंट के पास कंट्रोलिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। जानसेनगंज से चौक तक एक तरफ जहां जबर्दस्त इंक्रोचमेंट है, वहीं दूसरी तरफ फोर व्हीलर की इंट्री करा दी जाती है। ऐसे में जाम नहीं लगेगा तो 1या होगा?

सत्येंद्र चोपड़ा

पार्षद एवं व्यापारी

जाम की वजह से रि1शा और ट्राली वाले दिन में 11 बजे के बाद माल लोड करने को तैयार नहीं हैं। 1योंकि जाम में फंसने से उनका पूरा समय बर्बाद हो जाता है।

श्याम जी अग्रवाल

मीरापुर

चौक और लोकनाथ एरिया पुराने शहर की शान कहा जाता है, लेकिन सिविल लाइंस या किसी और एरिया में रहने वाला व्य1ित चौक की तरफ आने से डरता है। 1योंकि चौक आने का मतलब एक से डेढ़ घंटा बर्बाद करना।

दिनेश सिंह

सर्राफा कारोबारी, लोकनाथ चौराहा