नौ लाख से ज्यादा युवा वोटर्स

आईटी का लगातार हो रहा विस्तार और पॉलिटिक्स में यूथ के बढ़ते इंटरेस्ट ने सोशल मीडिया को एक पावरफुल पॉलिटिकल टूल बना दिया है। देश की लगभग हर पॉलिटिकल पार्टी और नेता अपने-अपने तरीके से इस टूल के इस्तेमाल में लगे हैं। नौ लाख से ज्यादा युवा वोटर्स वाले ईस्ट सिंहभूम में भी राजनीति के बड़े खिलाड़ी सोशल मीडिया की अहमियत समझते हुए खुद को अपडेट करने में जुटे हैं।

मुश्किल है दूर रहना
सोशल मीडिया आइडियाज को एक्सचेंज करने, लोगों से जुडऩे और उन्हें समझने का सशक्त माध्यम है। राजनीति में भी इसके महत्व को नकारा नहीं जा सकता, ये कहना है स्टेट के फॉर्मर चीफ मिनिस्टर और जमशेदपुर के एमपी रह चुके अर्जुन मुंडा का। जमशेदपुर वेस्ट एसेंबली के एमएलए बन्ना गुप्ता भी सोशल मीडिया को यूथ के साथ जुडऩे का एक बेहतरीन मीडियम बता रहे हैं। इन्हीं की तरह दूसरी पार्टीज के नेता भी सोशल मीडिया के महत्व को समझते हुए इसके इस्तेमाल की तैयारियों में लगे हैं। जेवीएम के केंद्रीय महासचिव अभय सिंह ने कहा कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर यूथ के बढ़ते पार्टिसिपेशन को देखते हुए उन तक अपनी बात पहुंचाने और उन्हें अपने साथ जोडऩे के लिए सोशल मीडिया एक कारगर माध्यम बन रहा हैं। जमशेदपुर वेस्ट के एक्स एमएलए और बीजेपी के सीनियर लीडर सरयू राय भी सोशल मीडिया को लोगों तक पहुंचने का इफेक्टिव तरीका बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर पार्टी सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचने की कोशिश में है। ऐसे में जो सबसे बेहतर तरीके से अपनी बात रख पाएगा उसे इसका फायदा मिलेगा। इन्हीं की तरह ज्यादातर छोटे-बड़े नेता सोशल मीडिया पर अपनी पहुंच बनाना शुरू कर चुके हैं।


हो रहे  हैं active
फेसबुक और ट्वीटर जैसे सोशल नेटवर्किंग साइट्स से जुडऩे वाले पॉलिटिकल लीडर्स की संख्या बढ़ती जा रही है। अगर बात जमशेदपुर से जुड़े लीडर्स की करें, तो सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा एक्टिव नेता है अर्जुन मुंडा। इनके ऑफिशियल फैन पेज को 5165 लाइक्स मिले हैं। ट्वीटर के इस्तेमाल में भी अर्जुन मुंडा काफी आगे दिखते हैं। ट्वीटर पर अर्जुन मुंडा के 2,923 फॉलोवर्स हैं, वहीं उन्होंने 1 हजार 196 ट्वीट्स भी किए हैं। बात डॉ अजय कुमार की करें, तो उनके ट्वीटर अकाउंट में भी 89 फॉलोवर्स हैं, जबकि उनके फेसबुक पेज को 929 लाइक्स मिले हैं। बन्ना गुप्ता फेसबुक पर तो एक्टिव हैं, लेकिन उन्होंने अपना ट्वीटर पर अकाउंट नहीं बनाया है।

हैं अपनी websites
कई पॉलिटिशियन्स अपने अचीवमेंट्स और एक्टिविटीज को लोगों तक पहुंचाने के लिए वेबसाइट का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। अर्जुन मुंडा, डॉ अजय कुमार और सरयू राय जैसे लीडर्स की अपनी वेबसाइट है। अर्जुन मुंडा की वेबसाइट पर उनके अचीवमेंट्स, विजन सहित कई सेक्शन मौजूद हैं। इसके अलावा वेबसाइट पर उनके फेसबुक, ट्वीटर, गुगल प्लस, लिंक्डइन, यू ट्यूब जैसे अकाउंट्स के लिंक भी हैं। डॉ अजय कुमार की वेबसाइट पर भी क्षेत्र के विकास के लिए उनके द्वारा किए गए कामों की जानकारी के साथ-साथ ऑनलाइन कंप्लेन दर्ज कराने, पार्लियामेंट विजिट करने का अप्लीकेशन देने जैसे कई ऑप्शन मौजूद हैं। सरयू राय की वेबसाइट पर भी उनसे जुड़ी जानकारियों के साथ-साथ उनके द्वारा लिए गए इनिशिएटिव्स का जिक्र है।

जमशेदपुर में दिखेगा असर
स्टेट के जिन चार लोकसभा सीट्स पर सोशल मीडिया के असर की बात कही गई है उनमे जमशेदपुर को हाई इंपैक्ट लोकसभा सीट्स के तौर पर शामिल किया गया है। इसकी एक बड़ी वजह यहां यंग वोटर्स की संख्या है। डिस्ट्रिक्ट के कुल 14 लाख 98 हजार 578 वोटर्स में करीब 63 परसेंट की उम्र 40 साल से कम है। डिस्ट्रिक्ट में सबसे ज्यादा वोटर 20 से 29 साल एज ग्रुप के हैं जो कि टोटल वोटर्स का करीब 32 परसेंट है। इंटरनेट और सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा एक्टिव रहने वाला एज ग्र्रुप भी यही है। ऐसे में अगर कोई पार्टी या नेता इन्हे अपने साथ जोडऩे में सफल होती है, तो आने वाले इलेक्शन में इसका फायदा निश्चित तौर पर उसे मिलेगा.सोशल मीडिया के बढ़ते इम्पॉर्टेंस को देखते हुए डिफरेंट पार्टीज इसका ज्यादा से ज्यादा माइलेज लेने की होड़ में लगी हैं। बीजेपी लीडर सरयू राय ने कहा कि सोशल मीडिया पर फॉलोवर्स और लाइक्स की संख्या बढ़ाने के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि तरह-तरह के ग्र्रुप्स बनाने फॉलोवर्स और लाइक्स की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ इसके लिए आईटी कंपनीज को भी हायर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर किसी व्यक्ति तक हर पार्टी और हर नेता अपनी पहुंच बना रहा है, ऐसे में इसका फायदा उसी को मिलेगा जिसने सच में लोगों के लिए कुछ काम किया है और जो अपनी बात इफेक्टिव तरीके से लोगों के सामने रख पाए।

Social media का दिखेगा असर
इलेक्शन कमीशन ने लोकसभा इलेक्शन मिड अप्रैल में होने के संकेत दे दिए हैं। इस चुनाव में सोशल मीडिया एक इम्पॉर्टेंट रोल अदा करने वाली है। आईआरएस नॉलेज फाउंडेशन और इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा की गयी एक स्टडी में कहा गया है कि आने वाले पार्लियामेंट इलेक्शन में कम से कम 150 लोकसभा सीट्स पर चुनाव परिणाम फेसबुक यूजर तय करेंगे। स्टडी में सोशल मीडिया के इन यूजर्स को इंडियन पॉलिटिक्स को शेप देने वाला नया वोट बैैंक बताया गया है। इस स्टडी में सोशल मीडिया के असर वाली जिन सीट्स की बात हो रही है उनमें जमशेदपुर सहित झारखंड के चार लोकसभा सीट भी शामिल हैं।

बदल रहा है poitics का तरीका
एक जमाना था जब इलेक्शन का समय नजदीक आने पर नेताजी खुले जीप में बैठ हर गली-मुहल्ले का दौरा किया करते थे। सडक़ें रंग-बिरंगे पोस्टर्स और बैनर्स से सज जाया करती थीं। पर अब समय चेंज हो रहा है, लोगों के पास ना तो रैली में जाकर भाषण सुनने का टाइम है और ना ही रोड पर खड़े होकर पोस्टर में लिखे दावे-वादे पढऩे की फुर्सत। ऐसे में लोगों तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया से बेहतर कोई तरीका नजर नहीं आता। बीजेपी, कांग्रेस जैसी नेशनल पार्टीज हों या रिजनल दल सभी सोशल मीडिया पर अपना भरोसा दिखा रही हैं। दिल्ली असेंबली इलेक्शन में आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा सोशल मीडिया के सक्सेसफुल यूज और इलेक्शन में जीत ने डिफरेंट पार्टीज और पॉलिटिकल लीडर्स को इस और गंभीरता से लेने को मजबूर किया है। बात अगर जमशेदपुर से करें, तो यहां भी पॉलिटिकल लीडर सोशल मीडिया पर अपनी पहुंच बनाने में जुटे हैं।

सोशल मीडिया पर यूथ का पार्टिसिपेशन बढ़ रहा है। ऐसे में इसके इस्तेमाल कर उन तक अपनी बात पहुंचाई जा सकती है।
-अभय सिंह, केंद्रीय महासचिव, जेवीएम


सोशल मीडिया आइडियाज को एक्सचेंज करने का सशक्त माध्यम है। इसके जरिए लोगों से आसानी से जुड़ा जा सकता है। आने वाले इलेक्शन्स में भी इसका असर दिखेगा।
-अर्जुन मुंडा, फॉर्मर चीफ मिनिस्टर, झारखंड


सोशल मीडिया अपनी बातों को लोगों के सामने रखने का इफेक्टिव तरीका है। अर्बन एरियाज में रहने वाले ज्यादातर यूथ सोशल मीडिया से जुड़े हैं। ऐसे में इसके इस्तेमाल से उन तक अपनी बात पहुंचाई जा सकती है।
-बन्ना गुप्ता, एमएलए, जमशेदपुर वेस्ट


इंटरनेट और सोशल मीडिया जानकारी लेने और लोगों से जुडऩे का एक माध्यम है। इसकी पहुंच बढ़ रही है। पॉलिटिकल पार्टीज भी अपने-अपने तरीके से इसका इस्तेमाल कर रही हैैं।
-सरयू राय, एक्स एमएलए

Report by :abhijit.pandey@inext.co.in