- जिले भर में खोले गए जन सेवा केंद्रों पर होती है मनमानी वसूली

- जनता की सुविधा के लिए 1100 से ऊपर संचालित हो रहे हैं जन सेवा केंद्र

GORAKHPUR:

जनता को सुविधा के लिए खोले गए जन सेवा केंद्र पर खुलेआम लूटा जा रहा है। यह लूट कोई और नहीं बल्कि जन सेवा केंद्र के संचालक कर रहे हैं, लेकिन इन संचालकों के खिलाफ जिला प्रशासन न तो कोई कार्रवाई करता है और ना ही इनकी खोज खबर लेता है। आलम यह है कि शासन द्वारा ई-डिस्ट्रिक्ट की वेबसाइट पर जारी रेट लिस्ट को नजर अंदाज कर मनमानी धड़ल्ले से जारी है। इस बात का खुलासा हुआ है दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट द्वारा किए गए शहर के कुछ जन सेवा केंद्रों पर रियल्टी चेक में।

1100 से ऊपर है जिले भर में जन सेवा केंद्र

बता दें, जाति, निवास, अधिवास, खतौनी, जन्म मृत्यु, विकलांग समेत तमाम प्रमाण पत्रों के बनवाने में जनता को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो इसके लिए जिले भर में करीब 1100 से ऊपर जन सेवा केंद्र खोले गए हैं। जन सेवा केंद्रों में शासन द्वारा जियो के मुताबिक, जन सेवा केंद्र संचालकों को जनता से शुल्क लेना है। लेकिन ई-डिस्ट्रिक्ट की वेबसाइट पर जारी शुल्क से सीधे 10 गुना ज्यादा का चार्ज वसूले रहे हैं। वह भी खुलेआम। हैरान करने वाली बात तो यह है कि आज तक जिला प्रशासन की तरफ से इन जन सेवा केंद्र संचालकों द्वारा वसूली की शिकायत के बाद भी इनके खिलाफ कार्रवाई ही नहीं की जाती है।

टाइम - दोपहर 12.10 बजे

प्लेस - जिला पंचायत रोड

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम जब सिटी के जिला पंचायत रोड स्थित जन सेवा केंद्रों पर गई तो वहां जाति व निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सीधे 200 रुपए की डिमांड की गई। जबकि ई-डिस्ट्रिक्ट की वेबसाइट के मुताबिक, महज 20 रुपए शुल्क अदा करने की बात लिखी गई है। इसी तरह जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए 20 रुपए लेने के बजाय 250-300 रुपए तक वसूले जा रहे हैं।

टाइम - दोपहर 12.56 बजे

प्लेस - रूस्तमपुर

जब टीम रूस्तमपुर एरिया के जन सेवा केंद्र के पास पहुंची तो वहां भी कमोबेश वसूली जारी थी। निवास, आय, खतौनी, छात्रवृत्ति के नाम पर 200-300 रुपए वसूले जा रहे हैं। निवास प्रमाण पत्र बनवाने आई पब्लिक ने बताया कि चूंकि जाति, निवास प्रमाण पत्र की उन्हें जरूरत है, ऐसे में वे अगर वे बार्गेनिंग करते हैं। तो उनके जाति, निवास प्रमाण पत्र बनने में दिक्कत उत्पन्न हो सकती है। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए।

साहब को देना होता है खर्चा, इसलिए करते हैं वसूली

जन सेवा केंद्र के एक कर्मचारी ने बताया कि वे पैसा इसलिए ज्यादा चार्ज करते हैं क्योंकि उन्हें लेखपाल से लगाए उच्च अधिकारियों तक सुविधा शुल्क पहुंचाना पड़ता है। अगर वे सुविधा शुल्क नहीं दिए तो समय से प्रमाण पत्र जारी नहीं हो सकते। ऐसे में चार्ज वसूलना उनकी मजबूरी है। जबकि शासन द्वारा पोर्टल पर साफ-साफ सभी मद में वसूल जाने वाले शुल्क को दर्शाया गया है। बावजूद इसके मनमानी जारी है।

फैक्ट फीगर

सुविधाएं शुल्क

जाति प्रमाण पत्र - 20

आय प्रमाण पत्र - 20

अधिवास प्रमाण पत्र - 20

खतौनी का नकल - 20

जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र - 20

मृत्यु प्रमाण पत्र - 20

विकलांग प्रमाण पत्र - 20

कुंटुंब रजिस्टर - 20

छात्रवृत्ति के लिए - 20

शादी व बीमारी के लिए - 20

अत्याचारों के बारे शिकायत - 20

वर्जन

पब्लिक की सुविधा के लिए जन सेवा केंद्र खोला गया है। सेवा केंद्रों पर अगर शासन द्वारा निर्धारित शुल्क से ज्यादा लिया जा रहा है तो उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

प्रभुनाथ, एडीएम (प्रशासन)