- शहर और आसपास के एरिया में तेजी से बढ़ी बाहर से आकर बसने वालों की संख्या
- बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराना विभागों के लिए बन रहा मुसीबत
VARANASI
बड़े शहर में बसने की लोगों की चाहत से सिटी का इन्फ्रास्ट्रक्चर, ट्रैफिक व अन्य सिस्टम बिगड़ रहे हैं। बनारस में बाहर से आकर बसने वालों की तादाद डेली बढ़ रही है, लेकिन उस अनुपात में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराना सिस्टम के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। रोजगार, एजुकेशन समेत अन्य कारणों से लोग बनारस का रुख कर रहे हैं। नए घर बने। किराएदार बढ़े। स्टूडेंट्स की संख्या तेजी से बढ़ी। शहर और आसपास तेजी से बने भवन, कॉलोनियां, हॉस्टल आदि इसकी गवाही दे रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बनारस के आसपास के डिस्ट्रिक्ट के अलावा पड़ोसी राज्य बिहार से काफी संख्या में लोग यहां आकर बसे हैं।
फ्लोटिंग पॉपुलेशन से प्रॉब्लम
शहर में फ्लोटिंग पॉपुलेशन की वजह से इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिक्योरिटी, सफाई, सीवरेज, बिजली आदि सुविधाएं प्रॉपर तरीके से मेंटेन करना दूर की कौड़ी साबित हो रहा है। फ्लोटिंग पॉपुलेशन की कैटेगरी में दूसरी जगह से आकर बसने वाले लोग, किराएदार, स्टूडेंट्स आते हैं। जो स्थायी रूप से यहां नहीं रहते हैं। नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक शहर की फ्लोटिंग पॉपुलेशन करीब ढाई लाख है। इसका नतीजा जनसंख्या घनत्व बढ़ने के रूप में सामने आया।
बिहार से आकर बसे लोग
बनारस के आसपास चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, भदोही, बलिया, आजमगढ़, मऊ, मिर्जापुर, सोनभद्र आदि डिस्ट्रिक्ट समेत पड़ोसी स्टेट बिहार से बड़ी संख्या में लोग स्मार्ट सिटी में आकर बसे हैं। इससे करीब तीन गुनी संख्या शिक्षा, रोजगार, व्यवसाय समेत अन्य कार्यो की वजह से किराएदार भी यहां रहते हैं। नगर निगम और वाराणसी विकास प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक शहर और आसपास के एरिया में 70 फीसदी आबादी इन जगहों से आकर बसने वाले लोगों की है।
हाईलाइटर
- 2014 के बाद तेजी से बढ़ी शहर की आबादी
- हर साल पॉपुलेशन में 2.75 फीसदी की बढ़ोत्तरी
- 159.57 वर्ग किलोमीटर है शहर का क्षेत्रफल
- 11630 प्रति वर्ग किलोमीटर जनसंख्या घनत्व
- नगर निगम हर साल फ्लोटिंग पॉपुलेशन का करवाता है सर्वे
- आसपास के इलाकों के सर्वे की जिम्मेदारी है वीडीए के पास
- कॉलोनियों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराना बड़ी समस्या
- अवैध कॉलोनियों का वीडीए अब तक नहीं कर पाया सर्वे
ऐसे बढ़ी शहर की आबादी
सन् जनसंख्या
2014 1735434
2015 1790132
2016 1842357
2017 1895336
2018 1925220
शहर में सुविधाओं का हाल
- 92 एलपीसीडी पानी की जरूरत
- 670 लोगों पर एक सफाईकर्मी
- 8445 लोगों पर शहर में एक पार्क
- 111 किलोमीटर लम्बी शहर में सड़क
- करीब 4700 लोगों पर एक अस्पताल
एक नजर
- 250000 फ्लोटिंग पॉपुलेशन सिटी की
- करीब 189000 भवन हैं शहर में
- 13 कॉलोनियां हैं वीडीए की
- 147 वीडीए से अप्रूव्ड कॉलोनियां
- 600 से ज्यादा अवैध कॉलोनियां चिन्हित
- 800 किलोमीटर लम्बी सीवर लाइन
- 311 एमएलडी पानी का उत्पादन
- 225 छोटे-बड़े पार्क हैं शहर में