तेजी से बढ़ाएगा आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर

जापान के एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के वाइस प्रेसीडेंट शिगेकी मेडा ने कहा कि जापान अपने देश के आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर में तेजी से विस्तार करने जा रहा है। इसके लिए वह भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स का सहयोग लेगा। इसके लिए जापान सरकार भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को कम समय में ही ग्रीन कार्ड देने के लिए नया नियम बनाया है।

2 लाख आईटी प्रोफेशनल्स की जरूरत

शिगेकी ने कहा कि देश में अभी 9.2 लाख आईटी प्रोफेशनल्स काम कर रहे हैं। नये प्रोजेक्ट के लिए जापान को 2 लाख से ज्यादा भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स की जरूरत होगी। 2030 तक यह संख्या 8 लाख तक पहुंच जाएगी। बेंगलुरू में बेंगलुरू चेंबर ऑफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स और जेट्रो के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सेमिनार 'इंडियान जापान बिजनेस पार्टनरशिप' में शिगेकी ने ये बातें कहीं।

जापान के लिए भारत बेहतर पार्टनर

शिगेकी ने कहा कि देश की सामाजिक जरूरतों को देखते हुए तकनीक में तेजी से बदलाव की जरूरत है। जापान अपनी इस जरूरत को पूरा करने में सहयोग के लिए भारत के आईटी प्रोफेशनल्स की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा है। जापान की बहुत सारी कंपनियां अपने देश में हो रहे पारंपरिक तकनीकी बदलाव के दायरे को समझ रही हैं। अब उन्हें पहले से ज्यादा एडवांस तकनीकी बदलावों की जरूरत महसूस होने लगी है और भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स इसके लिए मुफीद साझीदार हो सकते हैं।

हुनरमंद बनेंगे एक साल स्थाई निवासी

जापान सरकार हाई स्किल्ड भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को एक वर्ष में ही ग्रीन कार्ड देगी। दुनिया में पहली बार ऐसा हो रहा है कि कोई देश इतने कम समय में किसी देश के नागरिकों को स्थाई निवासी का दर्जा देगा। जापान ने भारतीय यात्रियों की सुविधा के लिए 1 जनवरी, 2018 से ही नियमों में बदलाव कर दिया है। जापान की यात्रा के लिए वीजा नियमों में काफी आसान कर दिया गया है। नये नियमों के अनुसार भारतीय यात्री को नौकरी इंप्लॉइमेंट सर्टिफिकेट जमा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दस्तावेजों की संख्या घटा कर सिर्फ 3 कर दिया गया है। यदि आप साल में दो बार जापान की यात्रा करते हैं तो इसकी संख्या घटकर सिर्फ 2 रह जाएगी।

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