- जापानी जूडो कोच मिकी तनाका पहुंची लखनऊ

- सीएम अखिलेश से मुलाकात के बाद लखनऊ के बारे में की ढेरों बातें

- सिटी के खिलाडि़यों को तीन दिन सीखाएंगी जूडो की टेक्निक

LUCKNOW: बटर चिकन और कढ़ी का टेस्ट तो अभी तक जबान पर है। उसका लजीज स्वाद तो कभी भूल ही नहीं सकती। यहां पर मैंने अब तक कई तरह की डिश ट्राई की है, लेकिन बटर चिकन और कढ़ी मुझे बहुत अच्छी लगी। यह कहना था कि जापानी कोच मिकी तनाका का। व‌र्ल्ड चैम्पियनशिप में ब्रांज और एशियन जूडो चैम्पियनशिप की गोल्ड मेडललिस्ट मंगलवार को लखनऊ पहुंची। वह यहां पर तीन दिन तक जूडो के कोचेस और खिलाडि़यों को ट्रेनिंग देंगी।

खाने को मिली 'सुशी'

उन्होंने बताया कि वह मंगलवार सुबह यहां एयरपोर्ट पहुंची और वहां से विधान भवन पहुंच कर चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव से मुलाकात की। यहां पर उनका भव्य स्वागत हुआ। वहां पर उनके साथ यूपी जूडो एसोसिएशन के सचिव मुनव्वर अंजार और अध्यक्ष केएल गुप्ता भी मौजूद रहे। जापानी जूडोका मिकी तनाका ने बताया कि मुझे तो उम्मीद ही नहीं थी कि यहां पर मुझे जापानी डिश 'सुशी' खाने को मिलेगी। चावल, मछली और अन्य तमाम आइटम्स से तैयार की जाने वाली जापानी डिश हमारे यहां सभी की फेवरेट है।

मैंने पहले सर्च किया

शाम को केडी सिंह बाबू स्टेडियम पहुंची मिकी तनाका ने खिलाडि़यों और कोचेस को ट्रेनिंग दी। यहां पर बातचीत में बताया कि पहली बार लखनऊ आई हूं। जूडो प्रमोशन के लिए मुझे यहां आने का चांस मिला। जैसे ही मुझे पता चला कि प्रमोशन के लिए मुझे लखनऊ जाना है तो तुरंत ही तैयार हो गई। यहां आने से पहले मैंने नेट पर अपने साथियों के साथ खूब सर्च किया और तमाम जानकारी बंटोरी। नॉनवेज और चिकन के लिए इस शहर को व‌र्ल्ड में पहचाना जाता है। यहां पर लंच में मिले बटर चिकन से यह बात तो साबित हो गई। चिकन के कपड़ों की खरीदारी अभी बाकी है।

शादी के बाद भी देती रहूंगी ट्रेनिंग

इसके साथ ही यहां की ऐतिहासिक बिल्डिंग भूलभुलैया के बारे में भी काफी कुछ सुना हुआ है। अपने बारे में उन्होंने बताया कि अभी वह अनमैरिड हैं। लेकिन अगले साल तक शादी का प्लान है। शादी के बाद मैं जूडो खेलना तो छोड़ दूंगी, लेकिन जूडो की ट्रेनिंग में हमेशा देती रहूंगी। अंत में उन्होंने कहा कि यहां पर गर्मी ने मुझे बेहद परेशान किया है। यहां पर मुझे इतनी गर्मी की उम्मीद नहीं थी।

बस टेक्निक सुधारने की जरूरत

यहां के जूडोकाओं के बारे में उन्होंने बताया कि यूपी के खिलाड़ी ओलम्पिक और व‌र्ल्ड जूडो चैम्पियनशिप तक पहुंच रहे हैं। ताकत तो यहां के खिलाडि़यों में भरपूर है। बस वे टेक्निक में मात खाते हैं। टेक्निक सुधरने पर इंडियन प्लेयर भी ओलम्पिक से मेडल ला सकेंगे।