अधिकारियों ने बताया है कि गवर्नर हीरोकाजू नाकाईमा द्वीप के विरल आबादी वाले इलाक़े में नए एयरबेस के विकास के लिए ज़मीन समतल करने पर सहमत हो गए हैं.

हालांकि ओकिनावा की स्थानीय सरकार ने तट पर नए एयरबेस के निर्माण का विरोध किया है.

यह समझौता अमरीकी एयरबेस की स्थापना को लेकर जारी गतिरोध दूर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. पिछले कई साल से इस मसले पर दोनों देशों के बीच एकराय नहीं बन पा रही थी.

जापान के साथ लंबे समय से चल रहे सुरक्षा समझौते के तहत ओकिनावा में करीब 26,000 अमरीकी सैनिक मौजूद हैं.

हालांकि स्थानीय लोगों के बीच यह एयरबेस लोकप्रिय नहीं है और स्थानीय निवासियों की तरफ से इसका दबाव बढ़ रहा है कि अमरीकी सैनिकों की संख्या घटाई जाए.

अमरीका के फुतेनमा एयरबेस को नागो के पास नए स्थान पर भेजा जाएगा. नागो द्वीप के उत्तर में मौजूद एक विरल आबादी वाली जगह है.

यह कदम क़रीब एक साल की बातचीत के बाद उठाया गया है. इससे पहले 1996 में जापान और अमरीका फुतेनमा एयरबेस को बंद करने पर सहमत हुए थे.

विरोध के स्वर

जापान ने दी अमरीकी एयरबेस हटाने की मंज़ूरी

कुछ आलोचकों की मांग है कि अमरीकी एयरबेस को पूरी तरह से ओकिनावा से बाहर किया जाए और ताज़ा निर्णय को लेकर वहां उग्र प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है.

समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक़ नागो के विधानसभा अध्यक्ष यूची हिंगा ने कहा, "गवर्नर ने जो किया है, उसे माफ़ नहीं किया जा सकता. नागो में ही नया एयरबेस बनाया जाएगा.''

उन्होंने कहा, "जिन निवासियों ने इसका विरोध किया है, वो यक़ीनन ऐसा होने से रोकने के लिए दबाव बनाएंगे, जैसे सड़क जाम करना."

नाकाईमा ओकिनावा बेस के स्थानांतरण का विरोध करते हुए 2010 में फिर से निर्वाचित हुए थे और यह फ़ैसला उनके लिए भी काफ़ी मुश्किल भरा था.

जापान के  प्रधानमंत्री शिंजो एबे ने बुधवार को नाकाईमा से मुलाकात की और उन्हें नए एयरबेस की मंज़ूरी देने के लिए राज़ी किया. इसके बाद नाकाईमा ने इस फ़ैसले की घोषणा की.

शिंजो अबे ने 2012 तक हर साल ओकिनावा के लिए आर्थिक सहायता पैकेज देने का वादा किया है.

दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान ओकिनावा पर अमरीकी आक्रमण के बाद से ही इस द्वीप पर अमरीकी सेना की मौजूदगी बनी हुई है.

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