गुजरात के रहने वाले 75 वर्षीय जयवंत लेले का निधन उनके अपने शहर वड़ोदरा में हुआ.

अपने करियर में वर्षों तक बीसीसीआई के सहायक सचिव रहने के बाद लेले ने सचिव पद की कमान 1996 में संभाली जब जगमोहन डालमिया अंतरराष्ट्रीय  क्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष चुने गए.

वड़ोदरा के ही रहने वाले भारत के पूर्व विकेटकीपर नयन मोंगिया ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि जयवंत लेले ने 13 सितंबर को ही अपना 75वाँ जन्मदिन मनाया था.

उन्होंने कहा, "ये बहुद दुखद है. मेरे लिए वो पिता समान ही थे. 12 वर्ष की आयु से ही उन्होंने मेरा मार्गदर्शन किया था और मैं उनसे कई मसलों पर सलाह लेता था."

अपने क्रिकेट प्रशासन करियर पर किताब लिखने वाले जयवंत लेले के परिवारजनों के अनुसार पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं थी.

मैच-फ़िक्सिंग का साया

बोर्ड के 'बेबाक' पूर्व सचिव लेले का निधनजयवंत लेले का बीसीसीआई में कार्यकाल  सुर्ख़ियों में रहा था क्योंकि उनके सचिव रहते ही वर्ष 2000 में कई नामचीन खिलाडियों पर मैच-फिक्सिंग के आरोप लगे थे.

उनके कार्यकाल के दौरान ही पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन और अजय शर्मा के क्रिकेट खेलने पर आजीवन प्रतिबंध लगा था जबकि अजय जडेजा और मनोज प्रभाकर पर पांच साल का बैन लगा था.

बीसीसीआई में सचिव के तौर पर अपनी साख बनाने के पहले जयवंत लेले ने क्लब स्तर पर क्रिकेट भी खेला था और अंपायर होने का प्रशिक्षण भी लिया था.

उनके कार्यकाल के दौरान ही बीसीसीआई ने मैच-फ़िक्सिंग आरोपों की जांच के लिए जस्टिस चंद्रचूड कमीशन का गठन किया था.

इसके बाद बीसीसीआई ने सीबीआई से पूर्व दक्षिण अफ़्रीकी कप्तान हैंसी क्रोनिए के खिलाफ़ लगे मैच-फ़िक्सिंग आरोपों की जांच करने के लिए निवेदन किया था.

बीसीसीआई सचिव रहते हुए जयवंत लेले अपने बेबाक बयानों के लिए  चर्चा में लगातार बने रहे.

कपिल देव जब भारतीय क्रिकेट टीम के कोच थे तब भी लेले की एक टिपण्णी पर ख़ासा कोहराम मचा था.

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