- अंदर ही अंदर मन तैयार हो रहा है कि सीट शेयरिंग पर कैसे अड़ना है

-आरजेडी उपचुनाव का रिजल्ट दिखाएगी, तो जेडीयू बड़ी पार्टी होने का दम

PATNA: विधानसभा इलेक्शन की तैयारी तमाम पार्टियां अंदर ही अंदर तेज कर चुकी है। नीतीश कु मार संपर्क यात्रा पर निकलने वाले हैं। लालू प्रसाद अपनी पार्टी के अंदर राय बनाने में लगे हैं। आरजेडी के सीनियर लीडर रघुवंश प्रसाद सिंह के माध्यम से आरजेडी, जेडीयू पर दबाव बनाने में लगी है। कहने को ये कहा जा रहा है कि सीट बंटवारे को फिलहाल टाल दिया गया है लेकिन अंदर ही अंदर गणित तेजी से सेट किए जा रहे हैं।

जेडीयू-बीजेपी की तरह नहीं होगा बंटवारा

महागठबंधन में तीसरा घटक दल कांग्रेस भी है। यानी कुल मिलाकर बीजेपी-लोजपा और रालोसपा के गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर जितनी जिच नहीं होगी, उससे ज्यादा जिच आरजेडी-जेडीयू-कांग्रेस गठबंधन में होना तय है। जेडीयू को ज्यादा परेशानी इसलिए भी झेलनी पड़ेगी कि उसे कुनबा बचाए रखने के लिए अनुशासन समिति के अध्यक्ष सहित चार एमएलए पर कड़ी और ऐतिहासिक कार्रवाई करानी पड़ी है। बागी नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

उपचुनाव के नतीजे बड़ा आधार बनेंगे

क्0 सीटों पर हुए उपचुनाव में आरजेडी की ताकत बढ़ी थी। अगस्त में ये चुनाव परिणाम आए थे। आरजेडी अपनी इसी ताकत को बड़ा आधार बनाएगी।

आई नेक्स्ट ने नफा-नुकसान का गणित समझाया था

आई नेक्स्ट ने अपनी रिपोर्ट- ऐसे में तो नीतीश पिछड़ते चले जाएंगे, में बताया था कि कैसे जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस और बीजेपी को उपचुनाव के परिणाम के अनुसार हानि या लाभ होंगे। वह गणित बड़ा आधार बनेगा आरजेडी के लिए। क्या है वह गणित ये देखिए। ख्ब्फ् का स्ट्रेंथ है विधान सभा में। लेकिन इसे ख्ब्0 ही मानें तो ये तस्वीर दिखती है।

जेडीयू- जेडीयू को क्0 में ख् सीटें आयी थीं। यानी ख्ब्0 में आ सकती हैं ब्8 सीटें। जबकि विधान सभा में जेडीयू के क्क्फ् एमएलए रह गए हैं। चार हटाने के बाद।

आरजेडी- आरजेडी को क्0 में से तीन सीटें मिली थीं। यानी ख्ब्0 में आएंगी 7ख् सीटें जबकि अभी आरजेडी के पास ख्ख् एमएलए हैं।

कांग्रेस- कांग्रेस को क्0 में से क् सीट मिली थीं। यानी ख्ब्0 में ख्ब् सीटें मिलेंगी। अभी कांग्रेस के पास ब् एमएलए हैं।

बीजेपी- बीजेपी को क्0 में से ब् सीटें मिली थीं। यानी ख्ब्0 में से 9म् सीटें मिलेंगी। अभी बीजेपी के पास 9क् एमएलए हैं।

संभावित फायदे पर आरजेडी की नजर

उपचुनाव के नतीजों के आधार पर आरजेडी को भ्0 सीटों का फायदा होगा। आरजेडी की नजर उन तमाम सीटों पर भी है जिस पर बीजेपी से टक्कर के क्रम में वह दूसरे स्थान पर रही। उपचुनाव के नतीजों पर नीतीश कुमार भी खुश दिखे थे कि महागठबंधन पर जनता ने मुहर लगा दी। लेकिन सवाल ये है कि उसी परिणाम के आधार पर वे सीट शेयरिंग को राजी होंगे?

पुनर्मिलन को पब्लिक स्वीकार करेगी?

उपचुनाव में तो ये दिखा कि पब्लिक स्वीकार चुकी है लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के पुनर्मिलन को। लेकिन असली परीक्षा तो विधान सभा इलेक्शन में होगी।