बीस लाख की फिरौती के लिए किया था देवांश का अपहरण

 ‘मुझे अशोक ले गया था। खाने के लिए उसने चिप्स दिए थे.’ देवांश से जब पूछा गया तो उसके यही लफ्ज थे। देवांश के आने पर पूरा परिवार खुशी से फूले नहीं समा रहा था। एसएसपी भी अपनी टीम के काम से बेहद खुश थे। नई आईपीएस पूनम की आखों में बच्चे को लेकर आंसू छलक आए थे। बच्चे के अपहरण में मुख्य आरोपी को छोडक़र तीन लोग गिरफ्तार कर लिए गए हैं।

जीजा साले प्लानर

सर्राफ के बेटे देवांश का अपहरण ड्राइवर अशोक उर्फ मोनू ने अपने बहनोई संतोष उर्फ बबलू और बहन दीपिका के साथ मिलकर किया था। अशोक ने नौकरी छोडऩे के बाद से प्लानिंग शुरू कर दी थी। पिता धन सिंह कैंसर से पीडि़त हैं। कर्जा भी हो चुका था। उससे निपटने के लिए इन लोगों ने प्लानिंग की। इसके बाद इन लोगों ने बीस लाख की फिरौती के लिए देवांश का अपहरण किया। अशोक स्कूल से देवांश को लाल रंग की पल्सर पर लेकर गया। साथ में उसने एक और बच्चा भी साथ लिया था। जिससे बात करते हुए देवांश कब गाजियाबाद पहुंच गया उसको पता ही नहीं चला।

यहां ले जाते

देवांश को यहां से अपहरण करके गुजरात के अहमदाबाद ले जाने का इरादा था। जहां संतोष के रिश्तेदार रहते हैं। इस प्लानिंग में अशोक के दो मौसेरे भाई सुरेंद्र और जंजीर भी शामिल थे। कुल मिलाकर पांच लोग इस केस में थे। संतोष और दीपिका को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था। अब बच्चे और आरोपियों तक पहुंचना बाकी था। ये लोग देवांश को गुजरात मेल से गुरूवार की रात सवा नौ बजे गुजरात ले जाते। इन लोगों ने गाजियाबाद में सुरेंद्र के घर बच्चे के कपड़े चेंज किए। इसके बाद उसको चिप्स खिलाए। बच्चा डरा नहीं था। उसे एहसास भी नहीं था कि उसका अपहरण हुआ है। वो अपने साथ बाइक पर गए दूसरे बच्चे से लगातार बात कर रहा था. 

ऐसे आए सामने

पुलिस ने अपहरण के तुरंत बाद ही एसपी सिटी के नेतृत्व में टीमें बनाईं। एक टीम एएसपी पूनम, दूसरी सीओ विकासचंद्र त्रिपाठी और तीसरी टीम मनीष मिश्रा की थी। इनमें एसओजी की टीम, टीपी नगर एसओ, लिसाड़ी गेट एसओ और सर्विलांस टीम इंचार्ज शामिल रहे। एएसपी पूनम सीधे अशोक के घर फाजिलपुर पहुंची। जहां उनको अशोक का बहनोई संतोष और उसकी बहन दीपिका मिले। इनको पुलिस ने हिरासत में लिया और फिर पूछताछ शुरू की। इनके मोबाइल भी अपने कब्जे में ले लिए। संतोष के मोबाइल पर एक मैसेज था। जिसको डिलीट किया गया था।

लोकेशन दबोचे गए

इस मैसेज को जब ट्रेस किया गया तो मोबाइल नंबर भी पता चल गया। सर्विलांस से लोकेशन ट्रेस की जा रही थी। कभी दिल्ली तो कभी गाजियाबाद लोकेशन मिल रही थी। पुलिस ने गाजियाबाद और दिल्ली स्टेशन पर डेरा डाल दिया था। पुलिस सुरेंद्र के घर शास्त्री नगर गाजियाबाद पहुंच गई थी। जहां उसका स्कूल बैग मिल गया। इसके बाद बच्चे को गाजियाबाद रेलवे स्टेशन से मौसेरा भाई जंजीर के पास से बरामद कर लिया। लेकिन मुख्य अपहरणकर्ता अशोक और उसका साथी सुरेंद्र फरार हो गए।

ड्राइवर था दूसरा

प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर के मशहूर सर्राफा व्यवसायी राहुल जैन का पांच साल का बेटा छुट्टी के बाद स्कूल से घर वापस नहीं लौटा है। पारिवार को आशंका है कि उनके बेटे का अपहरण हो गया है। उनका बेटा देवांश लिटिल एपेक्स स्कूल में एलकेजी का स्टूडेंट है। गुरुवार को उसे स्कूल छोड़ने वाला ड्राइवर भी बदला हुआ था। कंप्लेन के दो घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची।