RANCHI : अलकायदा के संदिग्ध आतंकी अब्दुल रहमान कटकी और अब्दुल सामी के सहयोगियों की तलाश में एटीएस, स्पेशल ब्रांच और सीआईडी की टीम जुट चुकी है। इन दोनों से पूछताछ में यह पता चला है कि झारखंड में दो दर्जन के करीब ऐसे लोग हैं, जो अलकायदा को मदद करते हैं। इनमें बिल्डर से लेकर हर तबके के लोग शामिल हैं। इनमें से कई का आपराधिक रिकॉर्ड भी है। रांची के अलावा कई जिलों के थाने में इनके खिलाफ मामले भी दर्ज हैं। इन्हें पकड़ने के लिए पुलिस ने 'ऑपरेशन अलकायदा' अभियान शुरु किया है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही आतंकियों के मददगार व पनाहगारों को दबोच लिया जाएगा।

नेटवर्क ध्वस्त होना बाकी

आतंकी संगठन अलकायदा की ओर से कटकी को झारखंड और ओडि़सा में संगठन को मजबूत करने की जिम्मेवारी सौंपी गई थी, पर उसके व अब्दुल सामी के पकड़े जाने के बाद यहां अलकायदा के नेटवर्क का पर्दाफाश हो गया। इन्हें सहयोग करने वाले कई पकड़े भी गए, लेकिन आतंकियों का नेटवर्क अभी तक ध्वस्त नहीं हो सका है। इन दोनों से पूछताछ के दौरान जो बात सामने आई उसके मुताबिक, अलकायदा में टीन एजर्स से लेकर 60 साल तक के बुजुर्ग तक शामिल हैं।

अली सेना को जोड़ना था अलकायदा से

ओडि़सा के कटक से गिरफ्तार आतंकी अब्दुल रहमान उर्फ कटकी को झारखंड में अली सेना को जिंदा उसे अलकायदा से जोड़ना था। पूछताछ के दौरान उसने पुलिस के समक्ष इसका खुलासा किया। उसने रांची जिले के चान्हो , मांडर, नरकोपी, चटवल, करंजी व टांगरबसली, लोहरदगा के भंडरा, कुडू व किस्को, गिरिडीह केडुमरी और जमशेदपुर के धतकीडीह और आजाद बस्ती में बेस बनाने की बात कबूली थी।

पुलिस को है कारी तैयब की तलाश

कटकी के संपर्क में रहने वाले मांडर के चटवल इलाके का निवासी 28 वर्षीय कारी तैयब की पुलिस को तलाश है। वह कटक में कटकी के चल रहे मदरसे में बच्चों को भेजने का काम करता था। इसके अलावा टांगरबसली का जहीर अंसारी भी कटकी के संपर्क में था। इसके अलावा गिरिडीह के शहाबुद्दीन अंसारी और सरफराज अंसारी भी अली सेना से जुड़ा था।