क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: झारखंड का बाल संरक्षण आयोग इन दिनों भगवान भरोसे चल रहा है. जी हां, बच्चों के अधिकारों व उनकी सुरक्षा को लेकर गठित बाल संरक्षण आयोग के सभी पद पिछले एक महीने से खाली पड़े हुए हैं. ऐसे में बच्चों के अधिकार और उनकी सुरक्षा को लेकर सरकार के रवैए पर सवाल उठने लगे हैं.

7 पद हैं स्वीकृत

झारखंड बाल संरक्षण आयोग में एक अध्यक्ष सहित कुल सात पद स्वीकृत हैं, जिनमें पिछले 3 वषरें से अध्यक्ष सहित तीन सदस्य ही काम कर रहे थे. बाकी के तीन पद खाली पड़े हुए थे. 20 अप्रैल तक 3 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया, जबकि 22 अप्रैल को अध्यक्ष आरती कुजूर का भी कार्यकाल पूरा हो गया है. इसके बाद से बाल संरक्षण आयोग के सभी पद अब तक खाली पड़े हुए हैं.

मानव तस्करी के शिकार बच्चों को रेस्क्यू करना चुनौती

झारखंड में मानव तस्करी का कारोबार जोरों पर है. रोजाना कोई ना कोई बच्चा मानव तस्करी का शिकार हो रहा है. मालूम हो कि झारखंड बाल संरक्षण आयोग मानव तस्करी के शिकार बच्चे को रेस्क्यू कराने में अहम भूमिका निभाता है. लेकिन आयोग के सभी पद खाली रहने के चलते मानव तस्करी के शिकार बच्चों को रेस्क्यू कराना भी चुनौती बन गया है. ऐसे में तरह-तरह के झांसा देकर झारखंड के बच्चों की बड़े-बड़े महानगरों में खरीद-बिक्री जारी है. हालांकि, मानव तस्करी के विरुद्ध कार्रवाई भी कम नहीं हुई. लेकिन रेस्क्यू कर लाए गए बच्चे फिर महानगरों तक पहुंच जाते हैं.