RANCHI: ख्ब् घंटे बिजली देने का वादा भले ही पूरा नहीं हुआ है, पर झारखंड के लोगों को बढ़ी बिजली दर का झटका जरूर लग सकता है। दरअसल, बिजली संचरण निगम ने राज्य ऊर्जा नियामक आयोग को बिजली की टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। यानी झारखंड संचरण निगम की बिजली दर बढ़ेगी और उसकी वसूली झारखंड बिजली वितरण निगम से होगी। अब इस बढ़े हुए बोझ को कम करने के लिए वितरण निगम कंज्यूमर्स से ही देर-सबेर वसूली करेगा। यानी, संचरण निगम के टैरिफ बढ़ने से घूम-फिर कर असर कंज्यूमर्स की जेब पर ही पड़ेगा। क्फ् व ख्ख् को जनसुनवाई हालांकि, संचरण निगम के प्रस्ताव पर ऊर्जा नियामक आयोग जनसुनवाई कर लोगों की राय लेगा। इसके तहत नियामक आयोग क्फ् दिसंबर को रांची के होटल अशोक में और ख्ख् दिसंबर को आम जनता के बीच टैरिफ पर जनसुनवाई करने वाला है। मालूम हो कि संचरण निगम द्वारा ख्0ख्0-ख्क् तक के लिए टैरिफ रेट बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। इसमें अलग-अलग वषरें के लिए अलग-अलग दर है। बॉक्स क्ब् हजार करोड़ राजस्व जुटाने का लक्ष्य बिजली कंपनियों को क्ब् हजार करोड़ रुपए राजस्व की जरूरत है। विभाग ने हर घर में निर्बाध बिजली पहुंचाने और वित्तीय वर्ष ख्0ख्0-ख्क् तक के लिए ऊपरी तौर पर राजस्व जुटाने का लक्ष्य झारखंड सरकार की ओर से रखा है। टैरिफ पॉलिसी ख्0क्7 के दौरान चर्चा में बताया गया कि ख्0क्म्-क्7 के दौरान उदय योजना के लिए सरकार ने ब् हजार करोड़ का प्रावधान किया, जबकि इसके लिए मोटे तौर पर इससे कहीं ज्यादा रकम चाहिए। क्या है मामला झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के पास संचरण निगम की ओर से प्रस्ताव दिया गया है। राज्य संचरण निगम ने राजस्व जुटाने और बिजली घाटा कम करने के लिए राज्य ऊर्जा नियामक आयोग को बिजली की टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। प्रबंधन का तर्क है कि निगम को घाटे में अधिक दिनों तक नहीं चलाया जा सकता। इसके गैप को समाप्त करना आवश्यक है। पूरे देश में सबसे सस्ती बिजली झारखंड में उपलब्ध कराई जा रही है, जो घाटे का सौदा है। अब निगम इस घाटे को खत्म कर उपभोक्ताओं को अच्छी गुणवत्तापूर्ण बिजली देने की जुगत में है।